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बिलासपुर में ऑक्सीजोन पार्क को ऑक्सीजन की जरूरत

बिलासपुर व्यापार विहार में बनाये गये ऑक्सीजोन में कचरा डंपिंग से लोग परेशान (Garbage dumping in Bilaspur Vyapar Vihar Oxizone) हैं. नगर निगम के लोग ही यहां चारों ओर कचरा डंप कर रहे हैं. कचरा की दुर्गंध के कारण लोग यहां आने से भी कतरा रहे हैं.

Bilaspur Vyapar Vihar
बिलासपुर व्यापार विहार
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Published : May 17, 2022, 10:55 PM IST

बिलासपुर: बिलासपुर के व्यापार विहार (Bilaspur Vyapar Vihar Oxizone ) में ढाई एकड़ जमीन पर 2 करोड़ रुपए खर्च कर बनाए गए ऑक्सीजोन को ही अब ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही (Garbage dumping in Bilaspur Vyapar Vihar Oxizone) है. रखरखाव के अभाव में यहां लगाए गए 600 पौधों में से ज्यादातर सूख गए हैं. जो बचे हैं वह भी खत्म होने की कगार पर हैं.

इसके अलावा नगर निगम का सफाई अमला शहर से इकट्ठा किए कचरों को अब ऑक्सीजोन के चारों तरफ डंप कर रहा है. जिसके कारण यहां आने वाले लोग काफी परेशान हैं. निगम इस मामले में दूसरों को जिम्मेदार ठहरा रहा है. जबकि इतना कचरा नगर निगम के सफाई अमला ही इकट्ठा कर यहां डंप कर रहे हैं.

ऑक्सीजोन पार्क को ऑक्सीजन की जरूरत

नगर निगम ने ही कराया निर्माण: बता दें कि बिलासपुर नगर निगम ने व्यापार विहार तारामंडल के पीछे दो करोड़ रुपए की लागत में ऑक्सीजोन का निर्माण कराया था. ऑक्सीजोन के निर्माण का उद्देश्य था कि लोग यहां फ्रेश एयर के साथ सुबह-शाम वॉकिंग कर अपनी सेहत सुधारे. लेकिन ऑक्सीजोन अब सेहत बिगाड़ने वाला जोन बन गया है. ऑक्सीजोन के चारों तरफ नगर निगम शहर से निकलने वाले कचरे को इकट्ठा कर यहां लाकर फेंक देता है. कचरा डंप होने के कारण पूरे इलाके में तेज दुर्गंध लोगों को परेशान कर रही है. आलम यह है कि यहा अब लोग वॉकिंग के लिए आना भी बंद कर चुके हैं. कुछ बच्चे खेल की नीयत से आते है लेकिन थोड़ी देर में दुर्गंध से परेशान होकर चले जाते हैं.

निगम ने 30 लाख रुपए खर्च कर सहेजने का किया दावा: नगर निगम ने दावा किया है कि इनकी देखरेख में 30 लाख रुपया खर्च किया गया है. निगम ने भले ही दावा किया है कि यहां देखरेख की जा रही है लेकिन हालात देखकर लगता है कि यहां पौधों के लिए खाद भी डाली नहीं गई है. इतना ही नहीं डोर टू डोर कचरा जमा करने वाली रामके कंपनी के लिए यह एरिया डंपिंग जोन बनता जा रहा है. तिफरा, सिरगिट्टी, व्यापार विहार और अन्य क्षेत्रों का लाखों टन कचरा यहां डंप है. निगम और वन विभाग के अधिकारी एक बार फिर से बिना कार्य योजना के पौधे लगाने के नाम पर लाखों रुपए खर्च करने की तैयारी में है. 3 हजार पौधे लगाने का टारगेट है, जिस पर काम शुरू नहीं हो सका है. शहर का कचरा ऑक्सीजोन की तस्वीर बिगाड़ रहा है.

25 लाख रुपए खर्च कर हटाया गया था कचरा: नगर निगम ने व्यापार विहार के व्यापारियों को व्यवस्थित थोक बाजार देने के लिए व्यापार विहार की कार्य योजना बनाई थी. यहां अब भी थोक व्यापारी जगह की मांग कर रहे हैं. इधर दुकानों के लिए आरक्षित जमीन को पौधारोपण के लिए देने का कई व्यापारियों ने विरोध भी किया था. व्यापारियों की मांग थी कि पौधारोपण किसी और जगह पर किया जाए. व्यापारियों के मुताबिक मौके पर कुछ मात्रा में भले ही छोटी गाड़ियों से बड़ी गाड़ियों में कचरा भरा जाता होगा लेकिन 30 एकड़ से अधिक एरिया में कचरा डंप किया जा रहा है. व्यापार विहार में कचरे से परेशान व्यापारियों ने 4 साल पहले 25 लाख रुपए खर्च कर कचरे का निपटान कराया था. एक बार फिर वही हालात यहां बनते जा रहे हैं. कचरे में आग लगाने के कारण लोगों ने प्रदूषण की शिकायत भी की है. व्यापारी एसोसिएशन में सभापति शेख नजीरुद्दीन के साथ निरीक्षण के दौरान मौके पर कचरे का डंपिंग होते देखा तो था तब कचरा गाड़ियों को भगाया भी था.

यह भी पढ़ें: कांंकेर में अब तक नहीं हुआ कचरों का इंतजाम, निजी जमीन पर डंप करने का लोगों ने किया विरोध

कैमरा लगाकर की जाएगी निगरानी: नगर निगम के सभापति शेख नसीरुद्दीन ने कहा कि उन्हें भी कई बार शिकायत मिल चुकी है कि व्यापार विहार के ऑक्सीजोन के आसपास कचरा डंप किया जा रहा है. मामले में उन्होंने निगम के अधिकारियों के साथ ही महापौर रामशरण को भी कचरा प्रबंधन के लिए कहा है. साथ ही महापौर से मांग की है कि ऑक्सीजोन के चारों तरफ कैमरा लगाया जाए, जिससे नगर निगम या दूसरे लोग कचरा ला कर डाल रहे हैं, उनकी तस्वीर कैमरे में कैद हो जाए. बाद में उन पर कार्रवाई की जा सके. सभापति नसीरुद्दीन ने नगर निगम की कचरा प्रबंधन करने वाली कंपनी का बचाव करते हुए कहा कि निगम की गाड़ियां वहां कचरा डंप नहीं कर रही है, बल्कि कुछ होटल और अन्य लोग कचरा डंप कर रहे हैं.

कुछ साल पहले व्यापार मेला समिति कराती थी कचरा साफ: व्यापार विहार के खाली पड़े जमीन पर छत्तीसगढ़ लघु एवं सहायक उद्योग संघ के द्वारा व्यापार मेला का आयोजन किया जाता था. बड़े पैमाने पर लगने वाले मेले के लिए मेला समिति व्यापार विहार के 3 से 4 एकड़ की जमीन से स्वयं के खर्चे से कचरा हटवाया करती थी, लेकिन पिछले 3 सालों से व्यापार मेला का आयोजन बंद हो गया है. इस वजह से भी अब व्यापार विहार के 3 से 4 एकड़ में कचरा डंप किया जा रहा है. अब यहां सफाई नहीं हो रही है. सफाई नहीं होने से यहां से उठती दुर्गंध से व्यापारी भी खासा परेशान हैं.

ठेका कंपनी को दी गई थी चेतावनी: शहर से कचरा उठाने का ठेका नगर निगम ने हैदराबाद की रामके कंपनी को दे रखा है. कंपनी को शहर से कचरा उठाकर 15 किलोमीटर दूर ग्राम कछार ले जाकर अपशिष्ट प्रबंधन करना है. लेकिन इसमें ज्यादा खर्च होने की वजह से कंपनी कचरा यहीं व्यापार विहार में ही डंप कर रही है. सभापति शेख नसीरुद्दीन ने बताया कि ठेका कंपनी को पहले भी व्यापार विहार में कचरा डंप नहीं करने की चेतावनी दी गई थी. 10 लाख रुपए की पेनाल्टी भी लगाई गई थी.मौके का फिर से निरीक्षण करने के बाद कचरा डंपिंग करने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा.

बिलासपुर: बिलासपुर के व्यापार विहार (Bilaspur Vyapar Vihar Oxizone ) में ढाई एकड़ जमीन पर 2 करोड़ रुपए खर्च कर बनाए गए ऑक्सीजोन को ही अब ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही (Garbage dumping in Bilaspur Vyapar Vihar Oxizone) है. रखरखाव के अभाव में यहां लगाए गए 600 पौधों में से ज्यादातर सूख गए हैं. जो बचे हैं वह भी खत्म होने की कगार पर हैं.

इसके अलावा नगर निगम का सफाई अमला शहर से इकट्ठा किए कचरों को अब ऑक्सीजोन के चारों तरफ डंप कर रहा है. जिसके कारण यहां आने वाले लोग काफी परेशान हैं. निगम इस मामले में दूसरों को जिम्मेदार ठहरा रहा है. जबकि इतना कचरा नगर निगम के सफाई अमला ही इकट्ठा कर यहां डंप कर रहे हैं.

ऑक्सीजोन पार्क को ऑक्सीजन की जरूरत

नगर निगम ने ही कराया निर्माण: बता दें कि बिलासपुर नगर निगम ने व्यापार विहार तारामंडल के पीछे दो करोड़ रुपए की लागत में ऑक्सीजोन का निर्माण कराया था. ऑक्सीजोन के निर्माण का उद्देश्य था कि लोग यहां फ्रेश एयर के साथ सुबह-शाम वॉकिंग कर अपनी सेहत सुधारे. लेकिन ऑक्सीजोन अब सेहत बिगाड़ने वाला जोन बन गया है. ऑक्सीजोन के चारों तरफ नगर निगम शहर से निकलने वाले कचरे को इकट्ठा कर यहां लाकर फेंक देता है. कचरा डंप होने के कारण पूरे इलाके में तेज दुर्गंध लोगों को परेशान कर रही है. आलम यह है कि यहा अब लोग वॉकिंग के लिए आना भी बंद कर चुके हैं. कुछ बच्चे खेल की नीयत से आते है लेकिन थोड़ी देर में दुर्गंध से परेशान होकर चले जाते हैं.

निगम ने 30 लाख रुपए खर्च कर सहेजने का किया दावा: नगर निगम ने दावा किया है कि इनकी देखरेख में 30 लाख रुपया खर्च किया गया है. निगम ने भले ही दावा किया है कि यहां देखरेख की जा रही है लेकिन हालात देखकर लगता है कि यहां पौधों के लिए खाद भी डाली नहीं गई है. इतना ही नहीं डोर टू डोर कचरा जमा करने वाली रामके कंपनी के लिए यह एरिया डंपिंग जोन बनता जा रहा है. तिफरा, सिरगिट्टी, व्यापार विहार और अन्य क्षेत्रों का लाखों टन कचरा यहां डंप है. निगम और वन विभाग के अधिकारी एक बार फिर से बिना कार्य योजना के पौधे लगाने के नाम पर लाखों रुपए खर्च करने की तैयारी में है. 3 हजार पौधे लगाने का टारगेट है, जिस पर काम शुरू नहीं हो सका है. शहर का कचरा ऑक्सीजोन की तस्वीर बिगाड़ रहा है.

25 लाख रुपए खर्च कर हटाया गया था कचरा: नगर निगम ने व्यापार विहार के व्यापारियों को व्यवस्थित थोक बाजार देने के लिए व्यापार विहार की कार्य योजना बनाई थी. यहां अब भी थोक व्यापारी जगह की मांग कर रहे हैं. इधर दुकानों के लिए आरक्षित जमीन को पौधारोपण के लिए देने का कई व्यापारियों ने विरोध भी किया था. व्यापारियों की मांग थी कि पौधारोपण किसी और जगह पर किया जाए. व्यापारियों के मुताबिक मौके पर कुछ मात्रा में भले ही छोटी गाड़ियों से बड़ी गाड़ियों में कचरा भरा जाता होगा लेकिन 30 एकड़ से अधिक एरिया में कचरा डंप किया जा रहा है. व्यापार विहार में कचरे से परेशान व्यापारियों ने 4 साल पहले 25 लाख रुपए खर्च कर कचरे का निपटान कराया था. एक बार फिर वही हालात यहां बनते जा रहे हैं. कचरे में आग लगाने के कारण लोगों ने प्रदूषण की शिकायत भी की है. व्यापारी एसोसिएशन में सभापति शेख नजीरुद्दीन के साथ निरीक्षण के दौरान मौके पर कचरे का डंपिंग होते देखा तो था तब कचरा गाड़ियों को भगाया भी था.

यह भी पढ़ें: कांंकेर में अब तक नहीं हुआ कचरों का इंतजाम, निजी जमीन पर डंप करने का लोगों ने किया विरोध

कैमरा लगाकर की जाएगी निगरानी: नगर निगम के सभापति शेख नसीरुद्दीन ने कहा कि उन्हें भी कई बार शिकायत मिल चुकी है कि व्यापार विहार के ऑक्सीजोन के आसपास कचरा डंप किया जा रहा है. मामले में उन्होंने निगम के अधिकारियों के साथ ही महापौर रामशरण को भी कचरा प्रबंधन के लिए कहा है. साथ ही महापौर से मांग की है कि ऑक्सीजोन के चारों तरफ कैमरा लगाया जाए, जिससे नगर निगम या दूसरे लोग कचरा ला कर डाल रहे हैं, उनकी तस्वीर कैमरे में कैद हो जाए. बाद में उन पर कार्रवाई की जा सके. सभापति नसीरुद्दीन ने नगर निगम की कचरा प्रबंधन करने वाली कंपनी का बचाव करते हुए कहा कि निगम की गाड़ियां वहां कचरा डंप नहीं कर रही है, बल्कि कुछ होटल और अन्य लोग कचरा डंप कर रहे हैं.

कुछ साल पहले व्यापार मेला समिति कराती थी कचरा साफ: व्यापार विहार के खाली पड़े जमीन पर छत्तीसगढ़ लघु एवं सहायक उद्योग संघ के द्वारा व्यापार मेला का आयोजन किया जाता था. बड़े पैमाने पर लगने वाले मेले के लिए मेला समिति व्यापार विहार के 3 से 4 एकड़ की जमीन से स्वयं के खर्चे से कचरा हटवाया करती थी, लेकिन पिछले 3 सालों से व्यापार मेला का आयोजन बंद हो गया है. इस वजह से भी अब व्यापार विहार के 3 से 4 एकड़ में कचरा डंप किया जा रहा है. अब यहां सफाई नहीं हो रही है. सफाई नहीं होने से यहां से उठती दुर्गंध से व्यापारी भी खासा परेशान हैं.

ठेका कंपनी को दी गई थी चेतावनी: शहर से कचरा उठाने का ठेका नगर निगम ने हैदराबाद की रामके कंपनी को दे रखा है. कंपनी को शहर से कचरा उठाकर 15 किलोमीटर दूर ग्राम कछार ले जाकर अपशिष्ट प्रबंधन करना है. लेकिन इसमें ज्यादा खर्च होने की वजह से कंपनी कचरा यहीं व्यापार विहार में ही डंप कर रही है. सभापति शेख नसीरुद्दीन ने बताया कि ठेका कंपनी को पहले भी व्यापार विहार में कचरा डंप नहीं करने की चेतावनी दी गई थी. 10 लाख रुपए की पेनाल्टी भी लगाई गई थी.मौके का फिर से निरीक्षण करने के बाद कचरा डंपिंग करने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा.

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