बिलासपुर: शहर में कचरे का अंबार लगा हुआ है. कचरा प्रबंधन के नाम पर भले ही लाखों उपाय क्यों न किए जाए, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है, जिसका खामियाजा आम लोगों को उठाना पड़ रहा है.
बता दें कि बिलासपुर में कचरा उठाने के नाम पर रामकी कंपनी को हर माह 70 लाख रुपए दिए जाते हैं, लेकिन कंपनी आधा-अधूरा उठाव ही करवाती है और शहर में कचरा जहां-तहां बिखरा रहता है.
यहां तक की निगम के डस्टबिन में भी कचरा भरा रहता है, लेकिन उसका तय समय पर उठाव नहीं होता. अगर डोर टू डोर कचरा उठाने की बात करें, तो ठेका कंपनी को हर घर से कचरा उठाकर शहर के कचार स्थित डंपिंग जोन में कचरा डालना है.
शहर के नालियों में भी गंदगी फैली रहती है. निगम प्रशासन की ओर से नालियों की साफ-सफाई के नाम पर महज खानापूर्ति की जाती है.
वहीं महापौर का कहना है कि बिना लोगों के सहयोग से स्वच्छता अभियान में सफलता नहीं पाई जा सकती है.