बिलासपुर: बिलासपुर में सिविल लाइन पुलिस की टीम ने पुलिस विभाग में फर्जी नियुक्ति मामले का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने मामले में 2 निगम कर्मचारी, 1 पुलिस जवान और बीजेपी के पार्षद को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने फर्जी नियुक्ति पत्र देकर ठगी करने वाले गिरोह के पूरे सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया (fake appointment case police department in Bilaspur) है.
ये है पूरा मामला: बता दें कि बिलासपुर में पुलिस की नौकरी लगाने और फर्जी नियुक्ति पत्र देकर रुपए ऐंठने वाले शहर के हाई प्रोफाइल ठगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपियों में बीजेपी पार्षद, निगमकर्मी सहित पुलिस का एक जवान शामिल हैं, जो फर्जी नियुक्ति पत्र देकर ठगी करते थे. मामले का खुलासा तब हुआ जब एक युवक फर्जी नियुक्ति पत्र लेकर ड्यूटी ज्वाइन करने एसपी ऑफिस पहुंचा. फर्जी नियुक्ति पत्र देख कर पुलिस अधिकारियों के होश उड़ गए. मामले में फर्जी नियुक्ति पत्र लेकर पहुंचे युवक को पुलिस अधिकारियों ने तत्काल गिरफ्तार कर लिया. आरोपी से फर्जी नियुक्ति पत्र भी बरामद किया गया है.
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पुलिस ने फर्जी नियुक्ति के मामले को यूं सुलझाया: एडिशनल एसपी उमेश कश्यप ने बताया कि "एसपी कार्यालय स्थित स्थापना शाखा प्रभारी की शिकायत पर फर्जी नियुक्त का मामला दर्ज किया गया. अपराध दर्ज होने के बाद फर्जी नियुक्त पत्र लेकर ज्वाइन करने पहुंचे युवक को कब्जे में लेकर पूछताछ किया गया. इसके बाद फर्जी नियुक्त पत्र तैयार करने और नौकरी के नाम पर ठगी को अंजाम देने वाले गिरोह के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. मामले में आरोपी पीयूष प्रजापति ने पूछताछ के दौरान बताया कि "निगम के दो लोग पुलिस विभाग में नौकरी लगाने का झांसा दिए. जबकि सिविल लाइन में पदस्थ सिपाही पंकज ग्राहक तलाश कर नियुक्ति पत्र बनाने का काम करता था. पूछताछ के बाद दो निगम के कर्मचारी, एक सिपाही समेत कुल तीन लोगों ने फर्जीवाड़ा को अंजाम दिया. फर्जी नियुक्ति लेकर पहुंचे पियुष प्रजापति समेत भाजपा नेता रेणुका प्रसाद नगपुरे, भोजराज नायडू और सिविल लाइन में पदस्थ आरक्षक पंकज शुक्ला को गिरफ्तार किया गया है. इसके अलावा आरोपियों से नियुक्ति संबधित फर्जी दस्तावेज भी बरामद किया गया है".