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SPECIAL : लॉकडाउन ने छीनी फूलों की महक, मायूस हैं फूल व्यवसायी

कोरोना संकट और लॉकडाउन की वजह से बिलासपुर में फूलों की खेती करने और व्यापार करने वाले लाखों का नुकसान झेल रहे हैं. वहीं फूल व्यवसायी सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.

flower farmers facing loss in bilaspur
मुरझाया फूलों का कारोबार
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Published : May 26, 2020, 9:54 PM IST

बिलासपुर : फूलों की सुंदरता से भला कौन आकर्षित न हो. उपहार में फूल या फूलों का गुलदस्ता देना अपनी भावनाएं सामने रखने का सबसे खुबसूरत और सरल तरीका है. ईश्वर को पुष्प अर्पित करना हो या किसी अजीज को गुलाब भेंट करना, शादियां हो या कोई खास अवसर, इन पलों की सुंदरता बढ़ाते हैं ये फूल, लेकिन आज इन फूलों की मुस्कान छिन गई है. साथ ही छिन गया है, इन फूलों को उपजाने और बेचने वालों का रोजगार भी.

मुरझाया फूलों का कारोबार

कोरोना संकट और लॉकडाउन के कारण फूल उगाने वाले किसान और व्यवसायी भी भारी नुकसान का सामना कर रहे हैं. बिलासपुर का फूल दुकानें सूना पड़ा है. लॉकडाउन की वजह से फूलों की खेती करने और व्यापार करने वाले लाखों का नुकसान झेल रहे हैं.

flower farmers facing loss in bilaspur
नुकसान में फूल व्यापार

लॉकडाउन में मुरझाया फूलों का कारोबार

मंदिरों और शादियों में खपने वाला फूल इन दिनों अपने ग्राहकों के लिए तरस गया है, जिसका सीधा खामियाजा फूल व्यवसायी और किसान उठा रहे हैं. किसानों ने लॉकडाउन के दौरान जो कुछ फूल उगाए, मजबूरन उसे खेत में छोड़ना पड़ा, कुछ किसानों ने फूलों को नदी में बहा दिया.

flower farmers facing loss in bilaspur
नुकसान में फूल व्यापार

पढ़ें- SPECIAL : नहीं हो रहा 'न्याय', कोरोना संकट ने बढ़ाया पेंडिंग केसों का बोझ

मंगला क्षेत्र में ज्यादातर किसान फूलों की खेती करते हैं और इससे अपना गुजर-बसर करते हैं. लॉकडाउन ने जिंदगी का पहिया कुछ इस कदर धीमा कर दिया कि लोगों के बीच फूल की अहमियत फीकी हो गई.लिहाजा किसान और व्यवसायियों की माली स्थिति काफी खराब हो चुकी है.

शासन से लगाई मदद की गुहार

ज्यादातर किसान फूलों की खेती करने वाले फूलों के व्यवसायी भी हैं. इनका कहना है कि जो फूल खेतों में लगाए गए थे, उसकी बिक्री नहीं होने के कारण, ये फूल खेतों में ही मुरझा गए और लागत भी नहीं निकल पाई. किसान,व्यवसायी और स्थानीय जनप्रतिनिधि कोरोना संकट में शासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं.

बिलासपुर : फूलों की सुंदरता से भला कौन आकर्षित न हो. उपहार में फूल या फूलों का गुलदस्ता देना अपनी भावनाएं सामने रखने का सबसे खुबसूरत और सरल तरीका है. ईश्वर को पुष्प अर्पित करना हो या किसी अजीज को गुलाब भेंट करना, शादियां हो या कोई खास अवसर, इन पलों की सुंदरता बढ़ाते हैं ये फूल, लेकिन आज इन फूलों की मुस्कान छिन गई है. साथ ही छिन गया है, इन फूलों को उपजाने और बेचने वालों का रोजगार भी.

मुरझाया फूलों का कारोबार

कोरोना संकट और लॉकडाउन के कारण फूल उगाने वाले किसान और व्यवसायी भी भारी नुकसान का सामना कर रहे हैं. बिलासपुर का फूल दुकानें सूना पड़ा है. लॉकडाउन की वजह से फूलों की खेती करने और व्यापार करने वाले लाखों का नुकसान झेल रहे हैं.

flower farmers facing loss in bilaspur
नुकसान में फूल व्यापार

लॉकडाउन में मुरझाया फूलों का कारोबार

मंदिरों और शादियों में खपने वाला फूल इन दिनों अपने ग्राहकों के लिए तरस गया है, जिसका सीधा खामियाजा फूल व्यवसायी और किसान उठा रहे हैं. किसानों ने लॉकडाउन के दौरान जो कुछ फूल उगाए, मजबूरन उसे खेत में छोड़ना पड़ा, कुछ किसानों ने फूलों को नदी में बहा दिया.

flower farmers facing loss in bilaspur
नुकसान में फूल व्यापार

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मंगला क्षेत्र में ज्यादातर किसान फूलों की खेती करते हैं और इससे अपना गुजर-बसर करते हैं. लॉकडाउन ने जिंदगी का पहिया कुछ इस कदर धीमा कर दिया कि लोगों के बीच फूल की अहमियत फीकी हो गई.लिहाजा किसान और व्यवसायियों की माली स्थिति काफी खराब हो चुकी है.

शासन से लगाई मदद की गुहार

ज्यादातर किसान फूलों की खेती करने वाले फूलों के व्यवसायी भी हैं. इनका कहना है कि जो फूल खेतों में लगाए गए थे, उसकी बिक्री नहीं होने के कारण, ये फूल खेतों में ही मुरझा गए और लागत भी नहीं निकल पाई. किसान,व्यवसायी और स्थानीय जनप्रतिनिधि कोरोना संकट में शासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं.

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