जीपीएम: मामला पेंड्रा क्षेत्र का है. जहां पर एक कार का ड्राइवर कार को तेज और लापरवाही पूर्वक सड़कों पर भागता हुआ नजर आया. वह भीड़भाड़ वाले इलाके में घुस गया. गनीमत रही कि कोई हादसा नहीं हुआ. उसी दौरान यातायात पुलिस की पेट्रोलिंग गाड़ी ने भी भीड़भाड़ इलाके में तेज रफ्तार कार का पीछा किया. जिसके बाद कार को विद्यानगर इलाके में रोक लिया गया. जहां कार ड्राइवर की पहचान पेंड्रा ब्लॉक के शिक्षक अनुज कुमार अग्निहोत्री के रूप में हुई.
शिक्षक पर हुई कार्रवाई: यातायात पुलिस के जवानों से शिक्षक काफी समय तक बहस करता रहा. आखिरकार पुलिसकर्मी कार चालक को पकड़कर पुलिस गाड़ी से यातायात थाने लेकर आई और अनुज कुमार अग्निहोत्री का डॉक्टरी मुलाहिजा कराया. जहां पर डॉक्टरों ने शिक्षक को नशे में पाया है. वहीं यातायात पुलिस मामले में दोषी कार चालक शिक्षक की कार को जब्त करते हुए लापरवाही पूर्वक कार को भीड़भाड़ इलाके में चलाने और लोगों की जान जोखिम में डालने का मामला बनाए जाने की बात कही.
शिक्षक ने अपना नाम भी बताया गलत: इस दौरान जब कार चालक शिक्षक से घटना की सूचना मिलने पर मीडिया कर्मी पहुंचे तो, चालक ने अपना नाम भी गलत बताया. जो पेशे से शिक्षक है और गिरारी में पदस्थ है. शिक्षक ने इतनी शराब पी हुई थी कि गाड़ी से उतर भी नहीं पा रहा था. मौके पर पहुंचे मीडिया कर्मी ने जब शिक्षक से सवाल किया तो शिक्षक मीडियाकर्मी पर ही भड़क गया और कहने लगा कि "नेतागिरी बंद करो पुलिस से भी शिक्षक बहस करने लगा कुछ ही देर में ट्रैफिक पुलिस ने पेट्रोलिंग वाहन बुलाकर शिक्षक को गाड़ी से उतारा और पकड़ कर ले गए.
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अधिकारी ने कही कार्रवाई की बात:मामले में विकास खंड शिक्षा अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि "यदि कार्यालयीन समय पर कोई शिक्षक शराब के नशे में इस तरह की हरकत करता है. तो उस पर निश्चय ही विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी. कर्मचारी शासन प्रशासन के अंग हैं .ऐसे में इस तरह की टिप्पणी करना गलत है निश्चय ही विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी."