बिलासपुर: छत्तीसगढ़ का पहला त्योहार बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. यह त्योहार मुख्य रूप से किसानों द्वारा मनाया जाता है, लेकिन इस वर्ष कुछ छात्रों ने इसे अलग तरीके से मनाने की कोशिश की है.
जैसे कि हरेली का त्योहार हरियाली को देखते हुए मनाया जाता है. इसी तरह प्रदेश में लुप्त होते पौधों को बचाने की जिम्मेदारी जिले के कुछ छात्रों ने ली है. छात्रों का कहना है कि लुप्त होते पौधों को सहेजकर और लोगों को इसके प्रति जागरूक कर वे हरेली मनाएंगे. इस क्रम में उन्होंने 500 विलुप्त प्रजातियों के पौधों को इकट्ठा कर 'हरेली टीकरफेस्ट' का आयोजन किया है.
'हरेली टीकरफेस्ट' का आयोजन
'हरेली टीकरफेस्ट' में छात्रों द्वारा प्रदेशभर से 500 विलुप्त प्रजातियों को लाया गया और लोगों को इन पौधों के वैज्ञानिक गुण और उपयोगिता को बताया. छात्रों का कहना है कि पूरे विश्व में गुणकारी पौधों को बचाना एक बड़ी चुनौती है. आम लोगों द्वारा जल्द ही इसकी उपयोगिता जानने से जैव विविधता में एक अहम योगदान होगा.
नेशनल बायोडाइवर्सिटी ऑथोरिटी को भेजे जाएंगे पौधे
छात्रों द्वारा इकट्ठा किए गए पौधों को आने वाले दिनों में चेन्नई के नेशनल बायोडाइवर्सिटी ऑथोरिटी को भेजा जाएगा. बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के लोकपर्व हरेली के दिन स्कूली बच्चों ने विलुप्त प्रजातियों के पौधों को संजोकर एक बड़ा तोहफा दिया है.