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हरेली पर बच्चों ने दी अनोखी सौगात, 500 विलुप्त प्रजाति के पौधों को सहेजा - नेशनल बायोडाइवर्सिटी ऑथोरिटी

लुप्त होते पौधों को सहेजकर और लोगों को इसके प्रति जागरूक कर स्कूली बच्चे हरेली मनाएंगे. इस क्रम में उन्होंने 500 विलुप्त प्रजातियों के पौधों को इकट्ठा कर 'हरेली टीकरफेस्ट' का आयोजन किया है.

अनोखी हरेली
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Published : Aug 1, 2019, 4:01 PM IST

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ का पहला त्योहार बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. यह त्योहार मुख्य रूप से किसानों द्वारा मनाया जाता है, लेकिन इस वर्ष कुछ छात्रों ने इसे अलग तरीके से मनाने की कोशिश की है.

अनोखी हरेली

जैसे कि हरेली का त्योहार हरियाली को देखते हुए मनाया जाता है. इसी तरह प्रदेश में लुप्त होते पौधों को बचाने की जिम्मेदारी जिले के कुछ छात्रों ने ली है. छात्रों का कहना है कि लुप्त होते पौधों को सहेजकर और लोगों को इसके प्रति जागरूक कर वे हरेली मनाएंगे. इस क्रम में उन्होंने 500 विलुप्त प्रजातियों के पौधों को इकट्ठा कर 'हरेली टीकरफेस्ट' का आयोजन किया है.

'हरेली टीकरफेस्ट' का आयोजन
'हरेली टीकरफेस्ट' में छात्रों द्वारा प्रदेशभर से 500 विलुप्त प्रजातियों को लाया गया और लोगों को इन पौधों के वैज्ञानिक गुण और उपयोगिता को बताया. छात्रों का कहना है कि पूरे विश्व में गुणकारी पौधों को बचाना एक बड़ी चुनौती है. आम लोगों द्वारा जल्द ही इसकी उपयोगिता जानने से जैव विविधता में एक अहम योगदान होगा.

नेशनल बायोडाइवर्सिटी ऑथोरिटी को भेजे जाएंगे पौधे
छात्रों द्वारा इकट्ठा किए गए पौधों को आने वाले दिनों में चेन्नई के नेशनल बायोडाइवर्सिटी ऑथोरिटी को भेजा जाएगा. बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के लोकपर्व हरेली के दिन स्कूली बच्चों ने विलुप्त प्रजातियों के पौधों को संजोकर एक बड़ा तोहफा दिया है.

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ का पहला त्योहार बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. यह त्योहार मुख्य रूप से किसानों द्वारा मनाया जाता है, लेकिन इस वर्ष कुछ छात्रों ने इसे अलग तरीके से मनाने की कोशिश की है.

अनोखी हरेली

जैसे कि हरेली का त्योहार हरियाली को देखते हुए मनाया जाता है. इसी तरह प्रदेश में लुप्त होते पौधों को बचाने की जिम्मेदारी जिले के कुछ छात्रों ने ली है. छात्रों का कहना है कि लुप्त होते पौधों को सहेजकर और लोगों को इसके प्रति जागरूक कर वे हरेली मनाएंगे. इस क्रम में उन्होंने 500 विलुप्त प्रजातियों के पौधों को इकट्ठा कर 'हरेली टीकरफेस्ट' का आयोजन किया है.

'हरेली टीकरफेस्ट' का आयोजन
'हरेली टीकरफेस्ट' में छात्रों द्वारा प्रदेशभर से 500 विलुप्त प्रजातियों को लाया गया और लोगों को इन पौधों के वैज्ञानिक गुण और उपयोगिता को बताया. छात्रों का कहना है कि पूरे विश्व में गुणकारी पौधों को बचाना एक बड़ी चुनौती है. आम लोगों द्वारा जल्द ही इसकी उपयोगिता जानने से जैव विविधता में एक अहम योगदान होगा.

नेशनल बायोडाइवर्सिटी ऑथोरिटी को भेजे जाएंगे पौधे
छात्रों द्वारा इकट्ठा किए गए पौधों को आने वाले दिनों में चेन्नई के नेशनल बायोडाइवर्सिटी ऑथोरिटी को भेजा जाएगा. बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के लोकपर्व हरेली के दिन स्कूली बच्चों ने विलुप्त प्रजातियों के पौधों को संजोकर एक बड़ा तोहफा दिया है.

Intro:छत्तीसगढ़ का पहला पर्व हरेली यूं तो प्रमुख रूप से किसानों का त्यौहार है लेकिन आज हम आपको बिलासपुर के कुछ होनहार छात्रों से मुखातिब कराएंगे जो प्रदेश में विलुप्त हो रहे पौधों को सहेजकर और उसके बारे में लोगों को जागरूक कर आज अपने ही अंदाज में हरेली को मना रहे हैं । शहर के भारत माता स्कूल के इनोवेटिव छात्रों ने तक़रीबन सालभर की कड़ी मेहनत के बाद प्रदेशभर के 500 पौधों के विलुप्त प्रजातियों को इकट्ठा किया है और इन पौधों के वैज्ञानिक गुण और उपयोगिता को प्रदर्शित करने आज "हरेली टींकरफेस्ट" का आयोजन किया है ।


Body:छात्रों का कहना है कि सम्पूर्ण विश्व में आज गुणकारी पौधों को सहेजना और बचाना एक बड़ी चुनौती है । इन पौधों को यदि सही समय पर आम लोग सहेज लेंगे और गुणों से अवगत हो जाएंगे तो यह जैव विविधता के दिशा में एक अहम उपलब्धि होगी ।


Conclusion:लंबे शोध के बाद प्रदेश के सैकड़ों पौधों की प्रजाति को हमारे बीच उपलब्ध करवाने वाले छात्रों का कहना है कि इन प्रजातियों को आनेवाले दिनों में चेन्नई के नेशनल बायोडाइवर्सिटी ऑथोरिटी को भेजा जाएगा जिससे उनके प्रयास को नया आयाम मिल सके । बहरहाल छत्तीसगढ़ के लोकपर्व हरेली के अवसर पर शायद ही इससे बड़ा तोहफ़ा कुछ और होगा कि स्कूली बच्चों ने विलुप्त पौधों को बचाने में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं । जरूरत है तो बस प्रदेश के रहनुमाओं को इन बच्चों के शोध और मेहनत पर प्रोत्साहन देने की ताकि इन होनहार छात्रों की तपस्या अपने अंजाम तक पहुंच सके ।
bite... स्कूली छात्र
bite... उत्तम तम्बोली,छात्रों के मार्गदर्शक
bite... अखिलेश पांडेय...स्थानीय नागरिक
विशाल झा..... बिलासपुर
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