बिलासपुर : लॉकडाउन के साथ हुई बारिश ने सब्जी उत्पादक किसानों की कमर तोड़कर रख दी है. किसानों की नजरों के सामने बाड़ी में सब्जियां खराब हो रही है और बेबस किसान सरकार और अपनी किस्मत को कोसने के अलावा और कुछ नहीं कर पा रहे है.
बिलासपुर जिले के कोटा विधानसभा क्षेत्र में लॉकडाउन के साथ हुई बेमौसम बारिश ने सब्जी उत्पादक किसानों की कमर तोड़कर रख दी है. उनकी की नजरों के सामने बाड़ी में सब्जियां खराब हो रही है. बेबस किसान सरकार और अपनी किस्मत को कोसने के अलावा और कुछ नहीं कर पा रहे हैं.
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सात दिन के लिए सब बंद
जिला प्रशासन के द्वारा लगाए गए लॉकडाउन के चार दिन गुजर चुके हैं. बरबट्टी, तरोई, करेला, डोडका लौकी, भिंडी, लालभाजी सब्जी का उत्पादन कर रहे किसान परेशान हैं. एक-एक पल उनके लिए भारी गुजर रहा है. बाड़ी में उनकी नजरों के सामने उनकी मेहनत से तैयार फसलें खराब हो रही है. किसान कहते हैं, बाजार बंद है, शहर की गलियां सूनी है, ऊपर से पुलिस का पहरा, ऐसे में वे करें तो क्या करें. एक सप्ताह तक उनके पास कोई विकल्प ही नहीं बचा है.
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खेतों में बर्बाद हो रही फसल
इन सबके अलावा लगातार हो रही बारिश ने भी किसानों को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. करैहापारा रतनपुर रहने वाले किसान दुर्गा जलकारे 10 एकड़ जमीन पर सब्जी उत्पादन करते हैं. दुर्गा बताते हैं, उनकी बाड़ी में बरबट्टी और करेला का उत्पादन हो रहा है. हर दूसरे दिन तैयार सब्जी के तोड़ना पड़ रहा है, लेकिन लॉकडाउन के कारण वे उन सब्जियों को कहीं बेच नहीं पा रहे हैं. हरी सब्जियों को तेड़कर रख भी नहीं सकते हैं. बरबट्टी को तोड़कर नहीं रख सकते दूसरे दी नहीं वह पैरा की तरह नरम हो जाती है. अगर सब्जी को नहीं तोड़ते हैं, तो गिलहरी और चूहे फसल के साथ पेड़ों को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं.
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किसानों के पास नहीं है कोई विकल्प
करेले की फसल को छोड़ने से वे पककर गिरने लगता है. लॉकडाउन की वजह से बाजार बंद है. बंद को लेकर सख्ती के कारण किसान गांव में भी घूमकर अपनी सब्जियां नहीं बेच पा रहे हैं. ऐसे में किसान प्रशासन से नाराजगी जताते हुए कहते हैं, सब्जी उत्पादक किसानों के लिए सरकार ने कोई विकल्प ही नहीं छोड़ा है. इस इलाके का हर तीसरा आदमी सब्जी उत्पादक किसान हैं. जिनको लॉकडाउन और बारिश की वजह से भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.