बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार को डेढ़ साल होने को है. 15 साल बाद सत्ता में लौटी कांग्रेस के डेढ़ साल के कार्यकाल पर लोगों ने मिली-जुली प्रतिक्रिया दी है. एक साल में लोग सरकार के कुछ काम से खुश दिख रहे हैं, तो थोड़ी बहुत नाराजगी भी है. वहीं विपक्ष कांग्रेस सरकार पर शुरू से हमलावर रही है, विपक्ष ने सरकार के डेढ़ साल के कार्यकाल को विफल बताया है. छत्तीसगढ़ सरकार के डेढ़ के कार्यकाल पर बिलासपुर से बीजेपी के सांसद अरुण साव ने ETV भारत से खास बात की है.
सवाल: हितग्राहियों को आवास योजना के तहत हो रही परेशानी पर आपकी क्या राय है?
जवाब: छत्तीसगढ़ में बड़ी संख्या में लोगों को प्रधानमंत्री अवास योजना के तहत मकान दिया गया है, लेकिन जब से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आई है गरीब हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का एक रुपये नहीं मिल रहा है. इस संबंध में मैंने राज्य के पंचायत मंत्री को पत्र भी लिखा है जिस पर कोई जवाब नहीं आया है. केंद्र सरकार अपनी दो किश्तें को राज्य सरकार को भेज चुकी है, लेकिन प्रदेश सरकार अपने मद का पैसा नहीं लगा रही है. जिस कारण से हितग्राहियों का निर्माणाधीन मकान लंबे समय से अधूरा है. इस अव्यवस्था के लिए सिर्फ और सिर्फ भूपेश सरकार जिम्मेदार है. बिलासपुर संसदीय क्षेत्र में ही तकरीबन 15 हजार आवास अधूरे पड़े हैं. पीएम आवास योजना के तहत केंद्र 60 फीसदी खर्च का उठाती है और राज्य सरकारों के हिस्से में 40 फीसदी का खर्च आता है.
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सवाल: भूपेश सरकार का कहना है कि इस आर्थिक संकट के समय केंद्र उनका पूरा साथ नहीं दे रहा है इसपर आपका क्या कहना है?
जवाब: भूपेश सरकार कब क्या बोलती है यह निश्चित नहीं है. भूपेश बघेल कभी प्रदेश की संभली हुई अर्थव्यवस्था की बात करते हैं तो कभी आर्थिक स्थिति के डगमगाने की बात करते हैं. आज केंद्र की मदद के बदौलत प्रदेश बीते 4 महीनों से संभला हुआ है. केंद्र पूरी ताकत से राज्य सरकार की हर संभव मदद कर रही है. आंकड़ों की बात करें तो इस बीच में ढाई करोड़ की आबादीवाले छत्तीसगढ़ में 1 करोड़ 96 लाख लोगों तक मुफ्त राशन का वितरण किया गया है. इसके अलावा आपदा राहत कोष में 216 करोड़ और स्थानीय स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर कोरोना काल में 56 करोड़ रुपये दिए गए हैं.
सवाल: राज्य में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण पर आप क्या कहना चाहेंगे?
जवाब: इसके लिए सिर्फ और सिर्फ राज्य सरकार दोषी है. केन्द्र के सहयोग के बावजूद भी राज्य सरकार टेस्टिंग के मामले में कमजोर साबित हुई है. क्वरेंटाइन सेंटरों की बदहाली किसी से छिपी नहीं है. कोविड-19 अस्पतालों से भी साफ-सफाई को लेकर शिकायतें मिलती रहती है.
सवाल: मनरेगा में प्रदेश ने देश में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है, इसपर आपका क्या कहना है?
जवाब: कोरोना काल में छत्तीसगढ़ के लोगों को अगर किसी एक योजना ने संबल प्रदान किया है तो वो है मनरेगा. मनरेगा की मदद से लोगों को रोजगार मिला है, काम मिला है. कोरोना के समय में राज्य सरकार की ओर से उपलब्ध कराई गई राशि से लोगों को बड़ी राहत मिली है और ये राज्य सरकार को आइना दिखाने वाला है. राज्य सरकार ने एक रुपये की भी मदद छत्तीसगढ़ की जनता को नहीं किया. केवल और केवल केंद्र सरकार की मदद राशि की वजह से लोगों ने कोरोना की इस लड़ाई को लड़ा है.
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सवाल: जबतक कोरोना की वैक्सिन नहीं आ जाती तबतक के लिए आप लोगों से क्या अपील करना चाहेंगे?
जवाब: कोरोना काल में लोगों को सावधानी रखने की जरूरत है. शुरुआती समय में खासकर ग्रामीणों ने बेहतर इंतेजाम कर बहुत हद तक खुद को संभाला है, लेकिन बाद में राज्य सरकार की लापरवाही की वजह से स्थिती बिगड़ती चली जा रही है. अभी भी जरूरत है कि न सिर्फ शासन-प्रशासन बल्कि आम आदमी भी जरूरी एहतियात बरतकर अपनी-अपनी जवाबदेही तय करें.