विशेषज्ञ सक्सेना का कहना है कि इस बार बजट में विशेषकर स्वास्थ्य, शिक्षा और कृषि पर ज्यादा फोकस किया जाएगा. वहीं हेल्थ सेक्टर पर नई सरकार पहले ही घोषणा कर चुकी है कि, वो निजी से ज्यादा सार्वजनिक हेल्थ सेक्टर को बेहतर बनाना चाहती है ताकि इसका लाभ गरीब लोग को मिल सके.
कृषि पर ध्यान दें सरकार
बजट में स्वास्थ्य विभाग के सार्वजनिक उपक्रमों को मजबूत करने के लिए विभिन्न मदों का जिक्र अधिक से अधिक हो सकता है. कृषि क्षेत्र की बात करें, तो छत्तीसगढ़ को भले ही कृषि प्रधान राज्य के रूप में देखा जाता हो, लेकिन यहां कृषि के हालात बेहतर नहीं है.
सिंचाई, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण पर भी ध्यान दें सरकार
प्रदेश में महज 37 फीसदी जमीन ही सिंचित हैं और पिछले कई सालों में सिंचित भूमि का क्षेत्र मामूली रूप से बढ़ा है. वहीं उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी प्रदेश का हाल ठीक नहीं है. प्रदेश का कोई भी विवि देश के 100 बेहतरीन विवि के श्रेणी में नहीं आता है.
इसी तरह प्रदेश में महिलाओं पर अत्याचार के रिकॉर्ड भी चौंकाने वाले हैं, लिहाजा उच्च शिक्षा में रिफॉर्म और महिला सशक्तिकरण के नाम पर भी इस बजट से उम्मीद की जा रही है. बजट में इस किसानों के कर्जमाफी के कारण प्रदेश के ऊपर बढ़े वित्तीय भार को संतुलित करने का जिक्र भी हो सकता है.