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Munga: औषधीय गुणों से भरपूर मुनगा की बढ़ी डिमांड, खाली जमीनों से किसानों को हो रहा एक्स्ट्रा इनकम

medicinal properties of Moringa oleifera कोरोना महामारी के साथ ही औषधीय गुणों वाले फल, सब्जी और अन्य चीजों की मांग बढ़ी हुई है. ऐसे ही औषधीय गुणों से भरपूर मुनगा की मांग भी बढ़ी है. मुनगा दक्षिण भारत में सांभर में उपयोग किया जाता है. इसके बीज में औषधीय गुण होते हैं, इसलिए इसकी मांग विदेशों में भी होने लगी है. अरपा नदी के किनारे और रेलवे परिक्षेत्र में मुनगा की बहुतायत मात्रा में खेती की जा रही है. इसकी फसल से जहां लोगों को अतिरिक्त आय मिल रहा है, वहीं औषधीय गुणों ने इसकी डिमांड बढ़ा दी है.

Increased demand for munga
बाजार में मुनगा की बढ़ी डिमांड
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Published : Feb 18, 2023, 1:07 PM IST

बाजार में मुनगा की बढ़ी डिमांड

बिलासपुर: जीवनदायिनी अरपा नदी में अब मुनगा की खेती कर नदी किनारे रहने वाले किसान पैसे कमा रहे हैं. मुनगा की लगातार मांग को देखते हुए अब लोग अपने घरों में खाली पड़ी जमीन में भी मुनगा की खेती कर रहे है.कोरोना के बाद इसकी औषधीय गुणों को जानकर लोग इसे खूब पसंद करने लगे हैं. इसकी खेती से लोगों को काफी लाभ भी मिल रहा है. बंगाल के साथ बिहार, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश से इसकी खूब मांग है. विदेशों में निर्यात की बात करें तो कंबोडिया, फिलीपींस, श्रीलंका और देश के दक्षिण भाग में इसकी मांग बढ़ने लगी है.

दक्षिण भारत में सांभर बनाने होता है इस्तेमाल: बिलासपुर और छत्तीसगढ़ का मुनगा जलवायु और मिट्टी की वजह से काफी स्वादिष्ट होता है. यही कारण है कि साउथ के 5 राज्यों में इसकी काफी डिमांड है. साउथ के राज्यों में मुनगा से सांभर बनाया जाता है और सांभर का स्वाद भी इससे बढ़ता है. इसलिए साउथ में इसकी डिमांड बहुत ज्यादा है.

बंगाल में दवाइयों के लिए हो रहा निर्यात: अगर इसकी औषधीय गुणों की बात करें, तो बंगाल में इसके बीज से दवाई बनाई जाती है. गठिया रोग के साथ ही पुरुषार्थ बढ़ाने वाली दवाइयों में मुनगा के बीच काम आते हैं. मुनगा के बीज में ऐसे भी गुण हैं, जिससे इम्यूनिटी पावर बढ़ती है.

यह भी पढ़ें: Millet Recipe: छत्तीसगढ़ मिलेट कार्निवाल का उद्घाटन आज, जानिए मिलेट्स से बनी रेसिपी

बिना मेहनत के हो रहा मुनाफा: तोरवा चौक के पास रहने वाली शांति साहू ने बताया कि "उसकी खाली पड़ी जमीन थी, जिसमें किसी ने उन्हें मुनगा के पौधे लगाने की सलाह दी और मुनगा के एवज में अतिरिक्त पैसा मिलने की जानकारी दी. तब शांति ने अपनी खाली पड़ी जमीन में लगभग 30-35 पौधे लगाए और 2 साल के अंदर ही यह पौधे पेड़ बन कर मुनगा का फल देने लगे. मुनगा की फसल तैयार होने पर इनकी अतिरिक्त आय होने लगी है. शांति साहू को मुनगा के पेड़ों से सालाना लगभग 50 हजार रुपए की आय हो रही है.

बाजार में मुनगा की बढ़ी डिमांड

बिलासपुर: जीवनदायिनी अरपा नदी में अब मुनगा की खेती कर नदी किनारे रहने वाले किसान पैसे कमा रहे हैं. मुनगा की लगातार मांग को देखते हुए अब लोग अपने घरों में खाली पड़ी जमीन में भी मुनगा की खेती कर रहे है.कोरोना के बाद इसकी औषधीय गुणों को जानकर लोग इसे खूब पसंद करने लगे हैं. इसकी खेती से लोगों को काफी लाभ भी मिल रहा है. बंगाल के साथ बिहार, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश से इसकी खूब मांग है. विदेशों में निर्यात की बात करें तो कंबोडिया, फिलीपींस, श्रीलंका और देश के दक्षिण भाग में इसकी मांग बढ़ने लगी है.

दक्षिण भारत में सांभर बनाने होता है इस्तेमाल: बिलासपुर और छत्तीसगढ़ का मुनगा जलवायु और मिट्टी की वजह से काफी स्वादिष्ट होता है. यही कारण है कि साउथ के 5 राज्यों में इसकी काफी डिमांड है. साउथ के राज्यों में मुनगा से सांभर बनाया जाता है और सांभर का स्वाद भी इससे बढ़ता है. इसलिए साउथ में इसकी डिमांड बहुत ज्यादा है.

बंगाल में दवाइयों के लिए हो रहा निर्यात: अगर इसकी औषधीय गुणों की बात करें, तो बंगाल में इसके बीज से दवाई बनाई जाती है. गठिया रोग के साथ ही पुरुषार्थ बढ़ाने वाली दवाइयों में मुनगा के बीच काम आते हैं. मुनगा के बीज में ऐसे भी गुण हैं, जिससे इम्यूनिटी पावर बढ़ती है.

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बिना मेहनत के हो रहा मुनाफा: तोरवा चौक के पास रहने वाली शांति साहू ने बताया कि "उसकी खाली पड़ी जमीन थी, जिसमें किसी ने उन्हें मुनगा के पौधे लगाने की सलाह दी और मुनगा के एवज में अतिरिक्त पैसा मिलने की जानकारी दी. तब शांति ने अपनी खाली पड़ी जमीन में लगभग 30-35 पौधे लगाए और 2 साल के अंदर ही यह पौधे पेड़ बन कर मुनगा का फल देने लगे. मुनगा की फसल तैयार होने पर इनकी अतिरिक्त आय होने लगी है. शांति साहू को मुनगा के पेड़ों से सालाना लगभग 50 हजार रुपए की आय हो रही है.

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