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अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पर सियासत हुई तेज, नेता प्रतिपक्ष ने साधा निशाना

शहर में बीते दिनों निगम प्रशासन ने तोड़फोड़ की कार्रवाई की जिसमें कई लोग बेघर हो गए. इसे लेकर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने राज्य और स्थानीय प्रशासन पर सवाल उठाया है.

encroachment in Bilaspur
निगम की कार्रवाई
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Published : Jun 14, 2020, 10:58 PM IST

बिलासपुर: शहर में बीते दिनों अतिक्रमण हटाने के नाम पर चांटापारा बस्ती में तोड़फोड़ का मामला अब तूल पकड़ने लगा है. विपक्ष इस मामले में सरकार पर लगातार निशाना साध रहा है. इस मामले में पहले पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने तो अब नेताप्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने शासन-प्रशासन पर कई सवाल खड़ा किया है.

नेता प्रतिपक्ष का बयान

धरमलाल कौशिक ने इस मामले में सरकार की नीतियों पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि ऐसी क्या जरूरत थी कि बरसात के मौसम में तोड़फोड़ की कार्रवाई की जा रही है. नेता प्रतिपक्ष ने वर्तमान में रेत उत्खनन पर रोक के सरकारी आदेश का हवाला देते हुए कहा कि जब निर्माण कार्य के लिए रेत की उपलब्धता ही नहीं रहेगी, तो फिर तत्काल तोड़फोड़ की कार्रवाई का क्या मतलब है.

नेता प्रतिपक्ष ने दागे सवाल

धरमलाल कौशिक ने कहा कि विस्थापित परिवार के लिए जो नए विस्थापन की व्यवस्था की गई है, वहां मूलभूत सुविधाएं तक नहीं है. ऐसे संकट की घड़ी में उन्हें घर से बेघर करना अन्याय है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि लॉकडाउन के समय में लोगों को उनके घरों से बेघर करना गलत है. एक तरफ सरकार लोगों को घर देने की बात करती है. तो वहीं दूसरी ओर घरों को इस तरह तोड़ना गलत है.

'कोरोना संकट में हमें बेघर कर दिया, कम से कम दाना-पानी का इंतजाम कर देते'

200 परिवारों का था बसेरा

बता दें कि चांटापारा बस्ती में 200 से ज्यादा परिवारों का बसेरा हुआ करता था. स्थानीय लोगों का कहना था कि बेजा कब्ज़ा हटाने को लेकर उन्हें प्रशासन ने नोटिस थमाया था और नोटिस मिलने के 48 घंटे के बाद स्थानीय प्रशासन ने आनन-फानन में तोड़फोड़ शुरू कर दी. नोटिस जारी होने और नोटिस मिलने में कई दिन लग गए. ऐसे में उनके साथ अन्याय किया गया. दूसरी ओर ETV भारत की टीम ने विस्थापितों को दिए गए नए आशियाने की बदइंतजामी की तस्वीरों को भी दिखाया था. जहां मूलभूत सुविधाओं का इंतेजाम नहीं किया गया है.

बिलासपुर: शहर में बीते दिनों अतिक्रमण हटाने के नाम पर चांटापारा बस्ती में तोड़फोड़ का मामला अब तूल पकड़ने लगा है. विपक्ष इस मामले में सरकार पर लगातार निशाना साध रहा है. इस मामले में पहले पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने तो अब नेताप्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने शासन-प्रशासन पर कई सवाल खड़ा किया है.

नेता प्रतिपक्ष का बयान

धरमलाल कौशिक ने इस मामले में सरकार की नीतियों पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि ऐसी क्या जरूरत थी कि बरसात के मौसम में तोड़फोड़ की कार्रवाई की जा रही है. नेता प्रतिपक्ष ने वर्तमान में रेत उत्खनन पर रोक के सरकारी आदेश का हवाला देते हुए कहा कि जब निर्माण कार्य के लिए रेत की उपलब्धता ही नहीं रहेगी, तो फिर तत्काल तोड़फोड़ की कार्रवाई का क्या मतलब है.

नेता प्रतिपक्ष ने दागे सवाल

धरमलाल कौशिक ने कहा कि विस्थापित परिवार के लिए जो नए विस्थापन की व्यवस्था की गई है, वहां मूलभूत सुविधाएं तक नहीं है. ऐसे संकट की घड़ी में उन्हें घर से बेघर करना अन्याय है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि लॉकडाउन के समय में लोगों को उनके घरों से बेघर करना गलत है. एक तरफ सरकार लोगों को घर देने की बात करती है. तो वहीं दूसरी ओर घरों को इस तरह तोड़ना गलत है.

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200 परिवारों का था बसेरा

बता दें कि चांटापारा बस्ती में 200 से ज्यादा परिवारों का बसेरा हुआ करता था. स्थानीय लोगों का कहना था कि बेजा कब्ज़ा हटाने को लेकर उन्हें प्रशासन ने नोटिस थमाया था और नोटिस मिलने के 48 घंटे के बाद स्थानीय प्रशासन ने आनन-फानन में तोड़फोड़ शुरू कर दी. नोटिस जारी होने और नोटिस मिलने में कई दिन लग गए. ऐसे में उनके साथ अन्याय किया गया. दूसरी ओर ETV भारत की टीम ने विस्थापितों को दिए गए नए आशियाने की बदइंतजामी की तस्वीरों को भी दिखाया था. जहां मूलभूत सुविधाओं का इंतेजाम नहीं किया गया है.

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