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बिलासपुर : खरकेना में गौठान की जमीन को लेकर विवाद, अधिकारी ने दिए ये निर्देश

तखतपुर के खरकेना में जब नायब तहसीलदार गौठान स्थल का निरीक्षण करने पहुंचे तो गांव में बवाल खड़ा हो गया. दरअसल, गांव के कुछ ग्रामीण प्रस्तावित स्थल पर बेजा कब्जा कर खेती कर रहे हैं.

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Published : Jul 27, 2020, 9:17 PM IST

Updated : Jul 27, 2020, 11:09 PM IST

Controversy over land for Gothan
गौठान की जमीन को लेकर विवाद

बिलासपुर : तखतपुर विकासखंड के मेड़पार में लगभग 50 मवेशियों की मौत के बाद अब प्रशासन गौठान बनाने को लेकर सजग हो गया है. ब्लॉक स्तरीय गांव में गौठान के निर्माण के लिए जगह चयन का काम तेज हो गया है. लेकिन तखतपुर के खरकेना में जब नायब तहसीलदार स्थल निरीक्षण करने पहुंचे तो गांव में बवाल खड़ा हो गया. दरअसल, गांव के कुछ ग्रामीण प्रस्तावित स्थल पर बेजा कब्जा कर खेती कर रहे हैं.

खरकेना में गौठान की जमीन को लेकर विवाद

इस पर पंचायत ने आपत्ति जताई थी लेकिन पंचायत के नुमाइंदों को ठेंगा दिखाते हुए कब्जा धारियों ने जमीन देने से इनकार कर दिया. जिससे मामला गरमा गया, फिर क्या था देखते ही देखते सकरी के नायब तहसीलदार गुरुदत्त पुलिस बल लेकर मौके पर पहुंच गए और कब्जा धारियों को कब्जा हटाने को कहा लेकिन अतिक्रमणकारी किसान ने खड़ी फसल का हवाला देते हुए कब्जा हटाने से इनकार कर दिया.

इसे लेकर नायब तहसीलदार ने सख्ती दिखाई और फसल की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत को सौंप दी. अधिकारी ने मौके पर मौजूद पंचायत के सरपंच को फसल को सुपुर्द नामा किया और निर्देश दिया कि फसल के पकते ही इसे नीलाम कर राशि राजस्व खाते में जमा किया जाए. ग्राम सरपंच ने बताया कि लगभग 20 एकड़ प्रस्तावित स्थान पर बागवानी और गौठान बनाया जाना है. लेकिन गांव के ही कुछ बेजा कब्जा धारी गौठान बनाने में अड़ंगा लगा रहे थे.

पढ़ें-कोरोना के बढ़ते मामले को लेकर बघेल सरकार का फैसला, 6 अगस्त तक बढ़ाया गया लॉकडाउन

परिवार पालने का नहीं कोई दूसरा रास्ता

उधर दूसरे पक्ष का कहना है कि वह लंबे समय से जमीन पर खेती किसानी कर रहे है और परिवार पालन के लिए उनके पास और कोई जरिया नहीं है. लेकिन प्रशासनिक अधिकारी के तेवर और पंचायत के दबाव से मामला बिगड़ने लगा है. अब देखना यह होगा कि आगामी समय में गौठान निर्माण के दौरान कैसे हालात सामने आते हैं क्या खड़ी फसल को कटाई के बाद पंचायत नीलाम कर पाएगी. क्या प्रस्तावित स्थल पर गौठान का निर्माण हो पाएगा यह सब कुछ समय पर निर्धारित है.

बिलासपुर : तखतपुर विकासखंड के मेड़पार में लगभग 50 मवेशियों की मौत के बाद अब प्रशासन गौठान बनाने को लेकर सजग हो गया है. ब्लॉक स्तरीय गांव में गौठान के निर्माण के लिए जगह चयन का काम तेज हो गया है. लेकिन तखतपुर के खरकेना में जब नायब तहसीलदार स्थल निरीक्षण करने पहुंचे तो गांव में बवाल खड़ा हो गया. दरअसल, गांव के कुछ ग्रामीण प्रस्तावित स्थल पर बेजा कब्जा कर खेती कर रहे हैं.

खरकेना में गौठान की जमीन को लेकर विवाद

इस पर पंचायत ने आपत्ति जताई थी लेकिन पंचायत के नुमाइंदों को ठेंगा दिखाते हुए कब्जा धारियों ने जमीन देने से इनकार कर दिया. जिससे मामला गरमा गया, फिर क्या था देखते ही देखते सकरी के नायब तहसीलदार गुरुदत्त पुलिस बल लेकर मौके पर पहुंच गए और कब्जा धारियों को कब्जा हटाने को कहा लेकिन अतिक्रमणकारी किसान ने खड़ी फसल का हवाला देते हुए कब्जा हटाने से इनकार कर दिया.

इसे लेकर नायब तहसीलदार ने सख्ती दिखाई और फसल की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत को सौंप दी. अधिकारी ने मौके पर मौजूद पंचायत के सरपंच को फसल को सुपुर्द नामा किया और निर्देश दिया कि फसल के पकते ही इसे नीलाम कर राशि राजस्व खाते में जमा किया जाए. ग्राम सरपंच ने बताया कि लगभग 20 एकड़ प्रस्तावित स्थान पर बागवानी और गौठान बनाया जाना है. लेकिन गांव के ही कुछ बेजा कब्जा धारी गौठान बनाने में अड़ंगा लगा रहे थे.

पढ़ें-कोरोना के बढ़ते मामले को लेकर बघेल सरकार का फैसला, 6 अगस्त तक बढ़ाया गया लॉकडाउन

परिवार पालने का नहीं कोई दूसरा रास्ता

उधर दूसरे पक्ष का कहना है कि वह लंबे समय से जमीन पर खेती किसानी कर रहे है और परिवार पालन के लिए उनके पास और कोई जरिया नहीं है. लेकिन प्रशासनिक अधिकारी के तेवर और पंचायत के दबाव से मामला बिगड़ने लगा है. अब देखना यह होगा कि आगामी समय में गौठान निर्माण के दौरान कैसे हालात सामने आते हैं क्या खड़ी फसल को कटाई के बाद पंचायत नीलाम कर पाएगी. क्या प्रस्तावित स्थल पर गौठान का निर्माण हो पाएगा यह सब कुछ समय पर निर्धारित है.

Last Updated : Jul 27, 2020, 11:09 PM IST
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