बिलासपुर : सिम्स अस्पताल के जूनियर डॉक्टर पर दुर्व्यवहार करने का आरोप लगा है. जिसमें एक महिला जिसका नाम लीलावती है, इलाज के लिए सिम्स पहुंची.महिला को बच्चेदानी में परेशानी थी. जिसके इलाज के लिए वो 14 मार्च को भर्ती हुई.इसके एक दिन बाद महिला का ऑपरेशन हुआ.ऑपरेशन के बाद महिला को गायनिक वार्ड में शिफ्ट किया गया.इस दौरान महिला की दवाईयां चल रही थी. तभी सोमवार को जूनियर डॉक्टर ने बिना महिला या उसके परिजनों से सलाह लिए, उसकी छुट्टी कर दी.डॉक्टर के मुताबिक महिला ठीक हो चुकी है.वहीं महिला की माने तो उसकी तबीयत अभी भी खराब है. जिस पर दोनों के बीच बहस हो गई. बहस के बाद भी डॉक्टर ने महिला का बेड किसी और मरीज को दे दिया.
क्या था पूरा मामला : महिला मरीज के पति अजय यादव ने बात बताई वो काफी चौकाने वाली है. अजय यादव के मुताबिक उनकी पत्नी महिला वार्ड में भर्ती थी.इसी बीच एक अन्य मरीज वहां पहुंची.लेकिन डॉक्टर ने बेड खाली नहीं होने की बात कही.साथ ही साथ दो मरीजों को बेड शेयर करने के लिए कहा.ऐसे में मरीज ने इंफेक्शन का खतरा बताते हुए बेड शेयरिंग से मना किया.इसके बाद डॉक्टर वार्ड में आए लीलावती को डिस्चार्ज करके बेड दूसरी मरीज को दे दिया और घर जाने को कहा.जब लीलावती और उसके पति ने मना किया तो ''डॉक्टर ने कहा सिम्स तेरे बाप का नहीं है. फ्री में इलाज कराने आए हो इलाज हो गया है अब जाओ.'' इस बात की शिकायत महिला के पति ने सिम्स प्रबंधन से की है.
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मरीजों के साथ होती है बदसलूकी : सिम्स में इलाज के लिए ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्र के लोग पहुंचते हैं. ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं होने के कारण सिम्स के कर्मचारी अक्सर उनके साथ दुर्व्यवहार करते हैं.वहीं प्रबंधन जानकारी के बाद भी आंखें मूंदे बैठा है. ना तो डॉक्टर और ना ही नर्सिंग स्टाफ पर कोई कार्रवाई होती है.जिसके कारण मेडिकल स्टाफ के हौंसले बुलंद हो जाते हैं. एक बार फिर डॉक्टर की कम्प्लेन हुई है.लेकिन प्रबंधन का जैसा रवैया है उसे देखकर कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं.