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कानन पेंडारी जू से 65 चीतलों की शिफ्टिंग - कानन पेंडारी जू

बिलासपुर के कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क में नीलगाय और चीतलों की संख्या बढ़ गई है. केज छोटा होने और इनकी संख्या बढ़ने से आए दिन बाड़े में संघर्ष की स्थिति हो रही है. जिसके बाद जू प्रबंधन ने चीतलों और नीलगाय को अचानकमार टाइगर रिजर्व में छोड़ने का फैसला लिया. कानन में लगभग 100 चीतल है. जिनमें से 65 चीतलों को शिफ्ट किया जा रहा है.

Kanan Pendari Zoo
कानन पेंडारी जू से चीतलों की शिफ्टिंग
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Published : Dec 8, 2022, 1:58 PM IST

बिलासपुर: कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क से नीलगाय और चीतल को अचानकमार टाइगर रिजर्व में छोड़ा जा रहा है. गुरुवार और शुक्रवार को इनकी शिफ्टिंग का काम पूरा होगा. कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क के एसडीओ संजय लूथर ने बताया "यह प्रक्रिया महीनों से चल रही थी. एनडीसीए से आदेश मिल गया है. 65 चीतल की शिफ्टिंग के बाद 19 नीलगाय को शिफ्ट किया जाएगा. दो नीलगाय को बैकुंठपुर स्थित गुरु घासीदास नेशनल पार्क में शिफ्ट किया था. 65 चीतलों को अचानकमार टाइगर रिजर्व भेजने की तैयारियां शुरू कर दी गई है."

कानन पेंडारी जू से चीतलों की शिफ्टिंग

बिलासपुर में हाईटेक वंदेभारत एक्सप्रेस की एक झलक

कानन पेंडारी में नीलगाय और चीतल की संख्या बढ़ गई है. ऐसे में केज छोटा पड़ रहा है. ज्यादा संख्या होने की वजह से इनमें हमेशा संघर्ष होता है. जिससे जानवरों को गंभीर चोट लग जाती है. इस समय पेंडारी में 31 नीलगाय और 95 चीतल है. इनमें से 65 चीतलों को अचानकमार टाइगर रिजर्व भेजा जा रहा है. इससे पहले 2 नीलगाय को बैकुंठपुर के गुरुघासीदास नेशनल पार्क में शिफ्ट किया गया था.

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बिलासपुर: कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क से नीलगाय और चीतल को अचानकमार टाइगर रिजर्व में छोड़ा जा रहा है. गुरुवार और शुक्रवार को इनकी शिफ्टिंग का काम पूरा होगा. कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क के एसडीओ संजय लूथर ने बताया "यह प्रक्रिया महीनों से चल रही थी. एनडीसीए से आदेश मिल गया है. 65 चीतल की शिफ्टिंग के बाद 19 नीलगाय को शिफ्ट किया जाएगा. दो नीलगाय को बैकुंठपुर स्थित गुरु घासीदास नेशनल पार्क में शिफ्ट किया था. 65 चीतलों को अचानकमार टाइगर रिजर्व भेजने की तैयारियां शुरू कर दी गई है."

कानन पेंडारी जू से चीतलों की शिफ्टिंग

बिलासपुर में हाईटेक वंदेभारत एक्सप्रेस की एक झलक

कानन पेंडारी में नीलगाय और चीतल की संख्या बढ़ गई है. ऐसे में केज छोटा पड़ रहा है. ज्यादा संख्या होने की वजह से इनमें हमेशा संघर्ष होता है. जिससे जानवरों को गंभीर चोट लग जाती है. इस समय पेंडारी में 31 नीलगाय और 95 चीतल है. इनमें से 65 चीतलों को अचानकमार टाइगर रिजर्व भेजा जा रहा है. इससे पहले 2 नीलगाय को बैकुंठपुर के गुरुघासीदास नेशनल पार्क में शिफ्ट किया गया था.

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