बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से बड़ी खबर सामने आ रही है. यहां शुक्रवार को छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में सुनवाई हुई. इस केस में बिलासपुर उच्च न्यायालय ने मुख्य आरोपी अनवर ढेबर सहित त्रिलिक सिंह ढिलल्न, नीतेश पुरोहित और अरुणपति त्रिपाठी की परामनेंट जमानत याचिका को खारिज कर दिया.
चारों आरोपियों पर शराब घोटाले का आरोप: अनवर ढेबर, त्रिलोक सिंह ढिलल्न, नीतेश पुरोहित और अरुणपति त्रिपाठी पर ईडी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए शराब घोटाले में इन्हे आरोपी बनाया है. ईडी ने छत्तीसगढ़ में दो हजार करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले का खुलासा किया है. इसी केस में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के जस्टिस गौतम भादुड़ी की बेंच में चारों आरोपियों की जमानत याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई. उसके बाद अदालत ने चारों की बेल पीटिशन को रिजेक्ट कर दिया.
ईडी ने राज्य शासन को नुकसान का लगाया था आरोप: शराब घोटाले में ईडी ने 2 हजार करोड़ के घपले का खुलासा किया था. इसके तहत ईडी ने बयान जारी कर कहा था कि राज्य में इन चारों आरोपियों ने एक संगठित कार्टेल तैयार किया. उसके बाद शराब घोटाले को अंजाम दिया. उसके बाद बारी बारी से चारों की गिरफ्तारी की गई थी. ईडी ने आरोप लगाया था कि आरोपियों ने साल 2019 से 2022 तक 2 हजार करोड़ का अवैध धन कमाया. जिसे दुबई में अपने साथी विकास अग्रवाल के जरिए खपाया. ईडी की ओर से कहा गया, कि अनवर ने अपने साथ जुड़े लोगों को उनके परसेंटेज के मुताबिक पैसे बांटे और बाकी बड़ी रकम अपने पॉलिटिकल मास्टर्स को दिए. इसके बाद मामले में कारोबारी त्रिलोक ढिल्लन, नितेश पुरोहित और अरुणपति त्रिपाठी को भी गिरफ्तार किया गया था. हाईकोर्ट से बेल पिटिशन खारिज होने के बाद इन चारों को अब निचली अदालत में सरेंडर करना होगा.
क्या है छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: छत्तीसगढ़ में कथित तौर पर 2 हजार करोड़ का शराब घोटाला होने का दावा ईडी ने किया है. ईडी ने यह खुलासा करते हुए कहा था कि छत्तीसगढ़ में साल 2019 से 2022 के बीच दो हजार करोड़ रुपये का घोटाला किया गया ता. इसमें ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार का खुलासा किया था. इस केस में ईडी ने अब तक 180 करोड़ की संपत्ति अटैच कर दी है. इसमें कुल 119 अचल संपत्तियां शामिल है.