बिलासपुर: छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा की निलंबित अधिकारी सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका पर हाईकोर्ट ने शुक्रवार को अपना फैसला सुना दिया है. मामले की सुनवाई बहस के बाद पूरी हो गई थी. सुनवाई के बाद कोर्ट ने डिसीजन रिजर्व कर लिया था. सौम्या चौरसिया ने अपने ऊपर लगे आरोप को निराधार बताते हुए हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी. कोल परिवहन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में सौम्या चौरसिया को ईडी ने गिरफ्तार किया था.
रीजनीतिक नफरत के चलते ईडी ने की करवाई: सौम्या चौरसिया के वकील ने बताया कि "याचिका में सौम्या चौरसिया ने कोर्ट को बताया है कि उनके ठिकानों पर ईडी ने तीन-तीन बार छापे मार कार्रवाई की. बैंक लॉकर खोल कर देखा, बैंक खाता और अन्य स्थानों पर भी छापे मार कार्रवाई में ईडी को कुछ भी हासिल नहीं हुआ था. लेकिन बावजूद इसके ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया था. राजनीतिक द्वेष की वजह से उन पर कार्रवाई की गई है. इसलिए सौम्या ने कोर्ट से मांग की है कि उन पर लगे सारे आरोप बेबुनियाद हैं और उन्हें खारिज करने की मांग की गई है."
मनी लॉन्ड्रिंग केस में हुई है गिरफ्तारी: पिछले दिनों प्रवर्तन निदेशालय ने राज्य के कोल माफिया और राज्य के कई प्रशासनिक अधिकारियों के घर, दफ्तर और उनके ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई की थी. इस छापेमार कार्रवाई में ईडी ने कई अधिकारियों को गिरफ्तार भी किया है. राज्य लोक सेवा की अधिकारी सौम्या चौरसिया को भी मनी लॉन्ड्रिंग के तहत गिरफ्तार कर लिया गया था. तब से वह रायपुर की जेल में बंद है. गिरफ्तारी के बाद सौम्या चौरसिया ने रायपुर की अदालत में जमानत की अर्जी दाखिल की थी. सुनवाई के बाद रायपुर कोर्ट ने इस आवेदन को खारिज कर दिया था. रायपुर कोर्ट में आवेदन खारिज होने के बाद निलंबित अधिकारी सौम्या चौरसिया ने हाई कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी. जमानत याचिका दायर होने के बाद हाई कोर्ट में याचिका की सुनवाई लगातार चलती रही और पूरी हो गई थी. जिस पर आज फैसला आया है.