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सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों की नियुक्ति के लिए जारी विज्ञापन को हाईकोर्ट ने किया निरस्त

सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों की नियुक्ति के लिए जारी विज्ञापन को हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया है. याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच ने फर्म को नोटिस जारी कर 3 हफ्ते में जवाब मांगा है.

Chhattisgarh High Court hearing
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
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Published : Aug 15, 2020, 2:57 PM IST

बिलासपुर : सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों के 750 से ज्यादा पदों पर भर्ती को लेकर जारी विज्ञापन को हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने निरस्त कर दिया है. बता दें कि राज्य सरकार ने सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी के 750 से ज्यादा पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था. विज्ञापन में योग्यता के तौर पर नर्सिंग कोर्स की डिग्री मांगी गई थी.

शासन की ओर से जारी इस विज्ञापन को चुनौती देते हुए आयुष मेडिकल एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. याचिका में कहा गया था कि शासन की ओर से जारी विज्ञापन में वांक्षित योग्यता के तौर पर नर्सिंग कोर्स का तो जिक्र है, लेकिन आयुर्वेद और होम्योपैथ कोर्स के बारे में कुछ नहीं कहा गया है. ऐसे में आयुर्वेद और होम्योपैथ कोर्स के डिग्री धारियों को आवेदन देने का मौका नहीं मिलेगा.

जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच ने की सुनवाई

याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच ने शासन की ओर से जारी विज्ञापन को निरस्त कर दिया है. इसके साथ ही नर्सिंग स्टाफ और फार्मासिस्ट के 32 पदों पर चयन सूची जारी होने के बाद भी मुक्ति न होने के मामले में पीएसआईसी फर्म को नोटिस जारी कर 3 हफ्ते में जवाब मांगा है. बता दें कि पीएसआईसी के अधीनस्थ संचालित अस्पतालों में नर्सिंग स्टाफ के 17 पद और फार्मासिस्ट के 16 पदों पर नियुक्ति के लिए 2018 में विज्ञापन जारी किया गया था.

पढ़ें: दुष्कर्म केस में ओपी गुप्ता को झटका, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से जमानत याचिका खारिज

लिखित परीक्षा लेने के बाद 2019 में सफल उम्मीदवारों की चयन सूची फर्म की ओर से जारी कर दी गई, लेकिन चयन सूची जारी करने के 1 साल बाद भी कोई पदस्थापना न किए जाने पर विक्की साहू और अन्य अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की हैं. याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच ने मामले में फर्म को नोटिस जारी कर 3 हफ्ते में जवाब मांगा है.

बिलासपुर : सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों के 750 से ज्यादा पदों पर भर्ती को लेकर जारी विज्ञापन को हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने निरस्त कर दिया है. बता दें कि राज्य सरकार ने सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी के 750 से ज्यादा पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था. विज्ञापन में योग्यता के तौर पर नर्सिंग कोर्स की डिग्री मांगी गई थी.

शासन की ओर से जारी इस विज्ञापन को चुनौती देते हुए आयुष मेडिकल एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. याचिका में कहा गया था कि शासन की ओर से जारी विज्ञापन में वांक्षित योग्यता के तौर पर नर्सिंग कोर्स का तो जिक्र है, लेकिन आयुर्वेद और होम्योपैथ कोर्स के बारे में कुछ नहीं कहा गया है. ऐसे में आयुर्वेद और होम्योपैथ कोर्स के डिग्री धारियों को आवेदन देने का मौका नहीं मिलेगा.

जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच ने की सुनवाई

याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच ने शासन की ओर से जारी विज्ञापन को निरस्त कर दिया है. इसके साथ ही नर्सिंग स्टाफ और फार्मासिस्ट के 32 पदों पर चयन सूची जारी होने के बाद भी मुक्ति न होने के मामले में पीएसआईसी फर्म को नोटिस जारी कर 3 हफ्ते में जवाब मांगा है. बता दें कि पीएसआईसी के अधीनस्थ संचालित अस्पतालों में नर्सिंग स्टाफ के 17 पद और फार्मासिस्ट के 16 पदों पर नियुक्ति के लिए 2018 में विज्ञापन जारी किया गया था.

पढ़ें: दुष्कर्म केस में ओपी गुप्ता को झटका, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से जमानत याचिका खारिज

लिखित परीक्षा लेने के बाद 2019 में सफल उम्मीदवारों की चयन सूची फर्म की ओर से जारी कर दी गई, लेकिन चयन सूची जारी करने के 1 साल बाद भी कोई पदस्थापना न किए जाने पर विक्की साहू और अन्य अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की हैं. याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच ने मामले में फर्म को नोटिस जारी कर 3 हफ्ते में जवाब मांगा है.

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