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भिलाई में अतिक्रमणकारियों को हटाने की कार्रवाई पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक - Case of removing encroachers in Bhilai

भिलाई में अतिक्रमणकारियों को हटाने की कार्रवाई पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने आगामी आदेश तक रोक लगा दी है. मामले की अगली सुनवाई 17 अगस्त को दोबारा होगी.

Chhattisgarh High Court prohibits action of removing encroachers in Bhilai
भिलाई में अतिक्रमणकारियों को हटाने की कार्रवाई पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक
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Published : Jul 23, 2020, 12:33 PM IST

बिलासपुर: भिलाई के औद्योगिक क्षेत्र हतखोज के शंकर नगर और बिजली नगर में शासन की ओर से अतिक्रमणकारियों को हटाए जाने की कार्रवाई पर हाईकोर्ट ने आगामी आदेश तक रोक लगा दी है.

बता दें कि औद्योगिक इकाई स्थापित करने के लिए इन इलाकों में रहने वाले अतिक्रमणकारियों को हटाए जाने की कार्रवाई शासन ने शुरू की थी, जिसके तहत 10 से ज्यादा दुकानें तोड़ दी गई थीं. शासन की इस कार्रवाई से 100 से ज्यादा परिवारों पर असर पड़ रहा था. शासन के इस कदम के बाद इलाके के लोगों ने हाईकोर्ट की सिंगल बेंच में याचिका दायर की थी.

17 अगस्त तक कार्रवाई पर रोक

याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने सरकार की इस कार्रवाई पर 17 अगस्त तक रोक लगा दी है. साथ ही कोर्ट ने शासन से जानकारी मांगी है कि विस्थापित किए जा रहे लोगों के लिए क्या व्यवस्था की जा रही है. कोर्ट ने इसकी जानकारी अगली सुनवाई में पेश करने को कहा है. मामले पर अगली सुनवाई 17 अगस्त को दोबारा होगी. गौरतलब है कि मामले को लेकर 25 याचिकाकर्ताओं ने याचिकाएं दाखिल की थीं, जिन पर सुनवाई करते हुए यह फैसला जारी किया गया है. इस केस की सुनवाई बुधवार को चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में अर्जेंट हियरिंग के तहत हुई है.

हाईकोर्ट में हुई दूसरे मामले की सुनवाई

वहीं पीएससी (PSC) प्री की परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों को लेकर दायर हुई याचिकाओं पर बुधवार को हाईकोर्ट की सिंगल बेंच में सुनवाई हुई. जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच ने सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ताओं को 27 जुलाई के बाद भी मेंस का फॉर्म भरने की छूट दे दी है. बता दें कि 2019-20 में ली गई पीएससी (PSC) प्री की परीक्षा में पूछे गए 8 प्रश्नों को लेकर 24 अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी.

पढ़ें: 27 जुलाई के बाद भी भर सकेंगे PSC मेंस का फॉर्म: हाईकोर्ट

याचिकाकर्ताओं ने याचिका में कहा है कि पीएससी (PSC) प्री के परीक्षा में पूछे गए 8 प्रश्नों के उत्तर, मॉडल आंसर के मुताबिक सही थे, लेकिन बाद में जारी हुए संशोधित मॉडल आंसर में उन्हें गलत करार दे दिया गया था. इसे लेकर उद्यन दुबे और अन्य लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर पीएससी (PSC) की ओर से उठाए गए इस कदम को चुनौती दी थी.

बिलासपुर: भिलाई के औद्योगिक क्षेत्र हतखोज के शंकर नगर और बिजली नगर में शासन की ओर से अतिक्रमणकारियों को हटाए जाने की कार्रवाई पर हाईकोर्ट ने आगामी आदेश तक रोक लगा दी है.

बता दें कि औद्योगिक इकाई स्थापित करने के लिए इन इलाकों में रहने वाले अतिक्रमणकारियों को हटाए जाने की कार्रवाई शासन ने शुरू की थी, जिसके तहत 10 से ज्यादा दुकानें तोड़ दी गई थीं. शासन की इस कार्रवाई से 100 से ज्यादा परिवारों पर असर पड़ रहा था. शासन के इस कदम के बाद इलाके के लोगों ने हाईकोर्ट की सिंगल बेंच में याचिका दायर की थी.

17 अगस्त तक कार्रवाई पर रोक

याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने सरकार की इस कार्रवाई पर 17 अगस्त तक रोक लगा दी है. साथ ही कोर्ट ने शासन से जानकारी मांगी है कि विस्थापित किए जा रहे लोगों के लिए क्या व्यवस्था की जा रही है. कोर्ट ने इसकी जानकारी अगली सुनवाई में पेश करने को कहा है. मामले पर अगली सुनवाई 17 अगस्त को दोबारा होगी. गौरतलब है कि मामले को लेकर 25 याचिकाकर्ताओं ने याचिकाएं दाखिल की थीं, जिन पर सुनवाई करते हुए यह फैसला जारी किया गया है. इस केस की सुनवाई बुधवार को चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में अर्जेंट हियरिंग के तहत हुई है.

हाईकोर्ट में हुई दूसरे मामले की सुनवाई

वहीं पीएससी (PSC) प्री की परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों को लेकर दायर हुई याचिकाओं पर बुधवार को हाईकोर्ट की सिंगल बेंच में सुनवाई हुई. जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच ने सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ताओं को 27 जुलाई के बाद भी मेंस का फॉर्म भरने की छूट दे दी है. बता दें कि 2019-20 में ली गई पीएससी (PSC) प्री की परीक्षा में पूछे गए 8 प्रश्नों को लेकर 24 अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी.

पढ़ें: 27 जुलाई के बाद भी भर सकेंगे PSC मेंस का फॉर्म: हाईकोर्ट

याचिकाकर्ताओं ने याचिका में कहा है कि पीएससी (PSC) प्री के परीक्षा में पूछे गए 8 प्रश्नों के उत्तर, मॉडल आंसर के मुताबिक सही थे, लेकिन बाद में जारी हुए संशोधित मॉडल आंसर में उन्हें गलत करार दे दिया गया था. इसे लेकर उद्यन दुबे और अन्य लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर पीएससी (PSC) की ओर से उठाए गए इस कदम को चुनौती दी थी.

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