ETV Bharat / state

बलात्कार के मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का अहम फैसला, शादी के बाद बलात्कार का आरोप टिकाऊ नहीं - Chhattisgarh High Court Important decision in rape case

बलात्कार के मामले में हाईकोर्ट का अहम फैसला आया है. हाइकोर्ट ने कहा कि शादी के बाद बलात्कार का आरोप टिकाऊ नहीं होता है. इसलिए कोर्ट ने इस मामले में आरोपी के विरुद्ध की गई अपराधिक कार्रवाई को निरस्त करने का आदेश दिया है.

Chhattisgarh High Court
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
author img

By

Published : Apr 9, 2022, 11:33 AM IST

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बलात्कार के एक मामले में अहम फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने कहा है कि शादी के बाद बलात्कार का आरोप स्थाई नहीं होता. कोर्ट ने आरोपी के विरुद्ध आपराधिक कार्रवाई निरस्त करने का आदेश दिया है.

यह भी पढ़ें: रमन सिंह की संपत्ति की जांच को लेकर High Court में लगी याचिका

बलात्कार की रिपोर्ट कर पति फंसा: शादी के बाद बलात्कार की रिपोर्ट कर पति को फंसा दिया था. इस मामले को लेकर आरोपी पति कबीर दास ने एफआईआर के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. इस मामले में शुक्रवार को हुई सुनवाई में कोर्ट आरोपी के विरुद्ध की गई कार्रवाई को निरस्त कर दिया है.

जानें पूरी घटना: मामला इस तरह का है कि कोरिया जिला निवासी कबीर दास पर पटना थाने में बलात्कार के आरोप ने धारा 376 और 506 के तहत अपराध दर्ज किया गया था. एफआईआर रद्द करने के लिए उसने हाईकोर्ट में याचिका दायर की. उस पर आरोप था कि साल 2019 में वह अपनी महिला मित्र को एक मंदिर में ले गया और उसके साथ जबरदस्ती शादी कर ली.

याचिकाकर्ता ने महिला को 2 महीने अपने पास रखा और लगातार उसका यौन शोषण किया. आरोपी पूर्व से विवाहित है और उसके दो बच्चे भी हैं. इस मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि शादी के बाद बलात्कार का आरोप टिकाऊ नहीं होता और यह स्थाई नहीं है. इसलिए कोर्ट ने इस मामले में आरोपी के विरुद्ध की गई अपराधिक कार्रवाई को निरस्त करने का आदेश दिया है.

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बलात्कार के एक मामले में अहम फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने कहा है कि शादी के बाद बलात्कार का आरोप स्थाई नहीं होता. कोर्ट ने आरोपी के विरुद्ध आपराधिक कार्रवाई निरस्त करने का आदेश दिया है.

यह भी पढ़ें: रमन सिंह की संपत्ति की जांच को लेकर High Court में लगी याचिका

बलात्कार की रिपोर्ट कर पति फंसा: शादी के बाद बलात्कार की रिपोर्ट कर पति को फंसा दिया था. इस मामले को लेकर आरोपी पति कबीर दास ने एफआईआर के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. इस मामले में शुक्रवार को हुई सुनवाई में कोर्ट आरोपी के विरुद्ध की गई कार्रवाई को निरस्त कर दिया है.

जानें पूरी घटना: मामला इस तरह का है कि कोरिया जिला निवासी कबीर दास पर पटना थाने में बलात्कार के आरोप ने धारा 376 और 506 के तहत अपराध दर्ज किया गया था. एफआईआर रद्द करने के लिए उसने हाईकोर्ट में याचिका दायर की. उस पर आरोप था कि साल 2019 में वह अपनी महिला मित्र को एक मंदिर में ले गया और उसके साथ जबरदस्ती शादी कर ली.

याचिकाकर्ता ने महिला को 2 महीने अपने पास रखा और लगातार उसका यौन शोषण किया. आरोपी पूर्व से विवाहित है और उसके दो बच्चे भी हैं. इस मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि शादी के बाद बलात्कार का आरोप टिकाऊ नहीं होता और यह स्थाई नहीं है. इसलिए कोर्ट ने इस मामले में आरोपी के विरुद्ध की गई अपराधिक कार्रवाई को निरस्त करने का आदेश दिया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.