बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कोरोना से जान गंवाने वाले वकीलों के परिवार को मुआवजा देने की मांग करते हुए दाखिल आवेदन को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है. हाईकोर्ट ने कहा है कि वकील कोई समाज से अलग नहीं हैं. कोरोना ने सभी पर असर किया है.
कोरोना के हालात को लेकर HC कर रहा है मॉनिटरिंग
बता दें कि प्रदेश में कोरोना की स्थिति को देखते हुए हाईकोर्ट स्वयं संज्ञान लेते हुए सुनवाई कर रहा है. लगातार राज्य सरकार की नीतियों की मॉनिटरिंग कर रहा है. हाईकोर्ट की मूल याचिका के साथ प्रदेश भर से याचिकाकर्ताओं ने अलग-अलग मांगो को लेकर इसमें हस्तक्षेप याचिकाएं दायर की गई हैं. जिसमे अमित जोगी भी शामिल हैं.
कोरबा के अधिवक्ता ने दिया था आवेदन
इन्हीं याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान कोरबा जिला न्यायालय में प्रैक्टिस करने वाले एक वकील ने हाईकोर्ट में एक आवेदन प्रस्तुत किय. आवेदन में उन वकीलों के परिवार को मुआवजा देने की मांग उठाई गई जिन्होंने कोरोना से अपनी जान गंवाई है. हाईकोर्ट जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने आवेदन पेश होते ही उसपर सुनवाई करने से इनकार कर दिया.
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वकील समाज से अलग नहीं: HC
जस्टिस मिश्रा ने कहा की वकीलों से हम सहानुभूति रखते हैं, लेकिन वकील भी समाज का ही हिस्सा हैं. वे किसी से अलग नहीं हैं. चाहे वकील हों या जज, कोई भी कोरोना से अछूता नहीं रह गया है. कोरोना ने हर वर्ग को प्रभावित किया है. इंजीनियर, एक्टिटेक्ट और डॉक्टर की तरह ही वकील भी हैं. इसलिए उन्हें सबसे अलग हटकर विशेष लाभ नहीं दिया जा सकता. अंत में कोर्ट ने कहा कि आवेदनकर्ता अपना आवेदन स्टेट बार काउंसिल के सामने पेश कर सकते हैं, लेकिन कोर्ट इसपर कोई भी आदेश या निर्देश जारी नहीं करेगा.