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दुष्कर्म केस में ओपी गुप्ता को झटका, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से जमानत याचिका खारिज

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के निजी सचिव रहे ओपी गुप्ता की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने जमानत याचिका को सुनवाई योग्य नहीं माना. ओपी गुप्ता पर नाबालिग से दुष्कर्म का आरोप है.

Chhattisgarh High Court
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट बिलासपुर
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Published : Aug 14, 2020, 8:28 PM IST

बिलासपुर: नाबालिग से दुष्कर्म मामले में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के निजी सचिव रहे ओपी गुप्ता की जमानत याचिका को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है. बता दें याचिका को हाईकोर्ट ने सुनवाई के योग्य नहीं माना है. ओपी गुप्ता पर घर में काम करने वाली नाबालिग से दुष्कर्म का आरोप है. जनवरी महीने में आरोपी ओपी गुप्ता को गिरफ्तारी के बाद फास्ट ट्रैक कोर्ट में पेश किया गया था. जहां से उसे न्यायिक रिमांड पर भेजा गया था.

बता दें कि ओपी गुप्ता के साथ ही उसकी पत्नी को केस में सह आरोपी बनाया गया है. पत्नी कमला गुप्ता पर भी पॉक्सो एक्ट और दुष्कर्म के तहत मामला दर्ज है. उन्हें फरवरी महीने में केस को लेकर अंतरिम जमानत मिली थी. लेकिन ओपी गुप्ता को अब तक जमानत नहीं मिल सकी है. जस्टिस रजनी दुबे की सिंगल बेंच में शुक्रवार की सुनवाई के दौरान जमानत याचिका को सुनवाई योग्य न मानते हुए खारिज कर दिया है.

पढ़ें: CM बघेल ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को लिखा पत्र, EIA अधिसूचना के मसौदे पर उठाए सवाल

अपहरण की कोशिश का भी है आरोप

बता दें कि जब पुलिस ओपी गुप्ता पर लगे नाबालिग से यौन शोषण के आरोप की जांच कर रही थी, इस दौरान पीड़िता के पूरे परिवार का अपहरण कर लिया गया था. अपहरण की रिपोर्ट एक NGO ने मोहला थाने में दर्ज कराई थी. शिकायत के बाद पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए परिजनों की तलाश की. इस बीच ओडिशा से पूरे परिवार को पुलिस ने बरामद किया. ओपी गुप्ता के रिश्तेदार शिवरतन गुप्ता को पुलिस ने इसी अपहरण मामले में रायपुर से गिरफ्तार किया था. नाबालिग के परिजनों को गायब करने के मामले में अन्य चार लोगों की गिरफ्तारी हुई थी. राजनांदगांव पुलिस ओडिशा के नयागढ़ से चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर राजनांदगांव लाई थी. जिसके बाद से नाबालिग और उसके परिजनों को सुरक्षा में रखा गया है.

बिलासपुर: नाबालिग से दुष्कर्म मामले में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के निजी सचिव रहे ओपी गुप्ता की जमानत याचिका को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है. बता दें याचिका को हाईकोर्ट ने सुनवाई के योग्य नहीं माना है. ओपी गुप्ता पर घर में काम करने वाली नाबालिग से दुष्कर्म का आरोप है. जनवरी महीने में आरोपी ओपी गुप्ता को गिरफ्तारी के बाद फास्ट ट्रैक कोर्ट में पेश किया गया था. जहां से उसे न्यायिक रिमांड पर भेजा गया था.

बता दें कि ओपी गुप्ता के साथ ही उसकी पत्नी को केस में सह आरोपी बनाया गया है. पत्नी कमला गुप्ता पर भी पॉक्सो एक्ट और दुष्कर्म के तहत मामला दर्ज है. उन्हें फरवरी महीने में केस को लेकर अंतरिम जमानत मिली थी. लेकिन ओपी गुप्ता को अब तक जमानत नहीं मिल सकी है. जस्टिस रजनी दुबे की सिंगल बेंच में शुक्रवार की सुनवाई के दौरान जमानत याचिका को सुनवाई योग्य न मानते हुए खारिज कर दिया है.

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अपहरण की कोशिश का भी है आरोप

बता दें कि जब पुलिस ओपी गुप्ता पर लगे नाबालिग से यौन शोषण के आरोप की जांच कर रही थी, इस दौरान पीड़िता के पूरे परिवार का अपहरण कर लिया गया था. अपहरण की रिपोर्ट एक NGO ने मोहला थाने में दर्ज कराई थी. शिकायत के बाद पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए परिजनों की तलाश की. इस बीच ओडिशा से पूरे परिवार को पुलिस ने बरामद किया. ओपी गुप्ता के रिश्तेदार शिवरतन गुप्ता को पुलिस ने इसी अपहरण मामले में रायपुर से गिरफ्तार किया था. नाबालिग के परिजनों को गायब करने के मामले में अन्य चार लोगों की गिरफ्तारी हुई थी. राजनांदगांव पुलिस ओडिशा के नयागढ़ से चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर राजनांदगांव लाई थी. जिसके बाद से नाबालिग और उसके परिजनों को सुरक्षा में रखा गया है.

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