बिलासपुर: हाईकोर्ट में मजदूरों के लिए ट्रेनों और बसों की व्यवस्था किए जाने की मांग पर याचिका दायर की गई थी. इस याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई. याचिका पर पिछली बार सुनवाई करते हुए अदालत ने राज्य शासन से श्रमिकों के लिए खाने और रुकने की क्या व्यवस्था है, इसको लेकर जवाब-तलब किया था. जिसके बाद सोमवार को इस मामले पर राज्य शासन और बिलासपुर नगर निगम ने अपना जवाब उच्च न्यायालय में प्रस्तुत किया है. मामले पर 9 जून यानी मंगलवार को फिर से सुनवाई होगी.
बिलासपुर में प्रवासी मजदूरों के लिए व्यवस्था नहीं
बता दें कि बिलासपुर के संजय गुप्ता ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि हर राज्य में श्रमिकों के लिए स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं. लेकिन बिलासपुर में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है. याचिका में बिलासपुर से भी श्रमिक ट्रेन चलाने की मांग उठाई गई थी. वहीं कम से कम जिन राज्यों से श्रमिक ट्रेनें चल रही है, उनकी बिलासपुर स्टेशन में स्टॉपेज की मांग की गई है, ताकि प्रवासी मजदूर अपने राज्य पहुंच सकें.
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प्रवासी मजदूरों के खाने- रुकने की व्यवस्था नहीं
याचिका में कहा गया है कि बिलासपुर के बस स्टेशन में भी श्रमिकों के लिए खाने-रुकने और सफाई की उचित व्यवस्था शासन की ओर से नहीं की गई है. याचिका में बताया गया कि सामाजिक संगठनों की तरफ से रात में जो श्रमिक अपने बच्चों के साथ बस स्टेशन में पहुंचे उन्हें दोपहर में खाना दिया जा रहा है.
मंगलवार को फिर से होगी सुनवाई
मामले पर पिछली सुनवाई के दौरान शासन की ओर से महाधिवक्ता ने जवाब पेश करते हुए कहा था कि दूसरे राज्यों से आए हुए ज्यादातर श्रमिकों को उनके घर भेज दिया गया है. राज्य शासन ने 900 बसें चलाई हैं, जिसमें से 200 बसें अकेले बिलासपुर से चलाई जा रही हैं. जिसके बाद हाईकोर्ट ने शासन से मामले पर डिटेल रिपोर्ट तलब की थी. सोमवार को सुनवाई के दौरान शासन ने अपना जवाब हाईकोर्ट के सामने प्रस्तुत कर दिया है. मामले पर 9 जून मंगलवार को दोबारा सुनवाई होगी. पूरे मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रामचंद्र मेनन और पीपी साहू की डिविजन बेंच ने की.