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सांसद सरोज पांडेय पर HC ने लगाया 6 हजार रुपए जुर्माना

चुनाव याचिका में गवाहों के आने के बाद भी प्रतिपरीक्षण न करने पर हाईकोर्ट ने सरोज पाण्डेय को 6 हजार रुपये जमा करने का आदेश दिया है.

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
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Published : Oct 1, 2021, 9:07 PM IST

बिलासपुर: साल 2018 में राज्यसभा के लिए चुनी गईं सांसद सरोज पांडेय (MP Saroj Pandey) के निर्वाचन को कांग्रेस के प्रत्याशी लेखराम साहू ने चुनाव याचिका के माध्यम से चुनौती दी है. सरोज पांडेय पर शपथ पत्र में बैंक अकाउंट को छुपाने और निवास स्थान के बारे में गलत पता देने का आरोप है.

इस मामले में अब हाईकोर्ट (HIGH COURT) ने सरोज पांडेय पर 6 हजार का जुर्माना लगाया है. याचिकाकर्ता लेखराम साहू (Petitioner Lekhram Sahu) और दो अन्य गवाह को प्रति गवाह 2 हजार रुपये आने-जाने का खर्च मिलेगा. अगली सुनवाई 29 अक्टूबर को होगी. इस सुनवाई में गवाहों का प्रतिपरीक्षण होगा.

मार्च 2018 में राज्य कोटे से रिक्त हुई एक मात्र राज्यसभा सीट पर चुनाव कराया गया था. कांग्रेस पार्टी ने पूर्व विधायक लेखराम साहू को अपना उम्मीदवार बनाया था. चुनाव में पराजित होने के बाद लेखराम साहू ने हाई कोर्ट में निर्वाचित राज्यसभा सदस्य सरोज पांडेय के खिलाफ चुनाव याचिका दायर की है. इसमें कहा गया कि सरोज पांडेय द्वारा भरे गए नामांकन पत्र में भाजपा के 11 विधायकों ने हस्ताक्षर किए थे. ये सभी लाभ के पद पर काबिज थे. याचिका में लाभ के पद पर होते हुए प्रस्तावक और समर्थक बनने की संवैधानिकता को चुनौती दी गई.

इसके साथ ही याचिकाकर्ता ने सरोज पांडेय द्वारा नामांकन पत्र में स्थायी पता और बैंक अकाउंट नंबर भी छिपाने का आरोप लगाया है. इसी तरह शपथपत्र में उन्होंने अपना पता मैत्री नगर भिलाई बताया है. मतदाता सूची में दुर्ग शहर के भाग क्रमांक 166 में मतदाता क्रमांक 428 में नाम दर्ज होने की जानकारी दी है. जबकि मैत्री नगर भिलाई-दुर्ग ग्रामीण में आता है. वहां उनके पिता रहते हैं. सरोज पांडेय दुर्ग शहर के जल विहार परिसर में पीएचई के बंगले में अवैध तरीके से रह रही हैं. सरोज के द्वारा बताया गया भाग क्रमांक जल परिसर का है और परिसर का बंगला राजेश मूणत के नाम पर आवंटित है.

याचिका में निर्वाचन को निरस्त करने की मांग की गई है. इस मामले में कोर्ट में कई बार सुनवाई हो चुकी है. याचिकाकर्ता की तरफ से गवाहों की सूची प्रस्तुत करने के बाद कोर्ट ने सांसद सरोज पांडेय को गवाहों की सूची पेश करने के निर्देश दिए. थे. अब दोनों पक्षों से गवाहों की सूची पेश करने के बाद गवाहों का बयान दर्ज किया जाना जो आज नहीं हो पाया. अब 29 अक्टूबर को अगली सूनवाई होगी.

बिलासपुर: साल 2018 में राज्यसभा के लिए चुनी गईं सांसद सरोज पांडेय (MP Saroj Pandey) के निर्वाचन को कांग्रेस के प्रत्याशी लेखराम साहू ने चुनाव याचिका के माध्यम से चुनौती दी है. सरोज पांडेय पर शपथ पत्र में बैंक अकाउंट को छुपाने और निवास स्थान के बारे में गलत पता देने का आरोप है.

इस मामले में अब हाईकोर्ट (HIGH COURT) ने सरोज पांडेय पर 6 हजार का जुर्माना लगाया है. याचिकाकर्ता लेखराम साहू (Petitioner Lekhram Sahu) और दो अन्य गवाह को प्रति गवाह 2 हजार रुपये आने-जाने का खर्च मिलेगा. अगली सुनवाई 29 अक्टूबर को होगी. इस सुनवाई में गवाहों का प्रतिपरीक्षण होगा.

मार्च 2018 में राज्य कोटे से रिक्त हुई एक मात्र राज्यसभा सीट पर चुनाव कराया गया था. कांग्रेस पार्टी ने पूर्व विधायक लेखराम साहू को अपना उम्मीदवार बनाया था. चुनाव में पराजित होने के बाद लेखराम साहू ने हाई कोर्ट में निर्वाचित राज्यसभा सदस्य सरोज पांडेय के खिलाफ चुनाव याचिका दायर की है. इसमें कहा गया कि सरोज पांडेय द्वारा भरे गए नामांकन पत्र में भाजपा के 11 विधायकों ने हस्ताक्षर किए थे. ये सभी लाभ के पद पर काबिज थे. याचिका में लाभ के पद पर होते हुए प्रस्तावक और समर्थक बनने की संवैधानिकता को चुनौती दी गई.

इसके साथ ही याचिकाकर्ता ने सरोज पांडेय द्वारा नामांकन पत्र में स्थायी पता और बैंक अकाउंट नंबर भी छिपाने का आरोप लगाया है. इसी तरह शपथपत्र में उन्होंने अपना पता मैत्री नगर भिलाई बताया है. मतदाता सूची में दुर्ग शहर के भाग क्रमांक 166 में मतदाता क्रमांक 428 में नाम दर्ज होने की जानकारी दी है. जबकि मैत्री नगर भिलाई-दुर्ग ग्रामीण में आता है. वहां उनके पिता रहते हैं. सरोज पांडेय दुर्ग शहर के जल विहार परिसर में पीएचई के बंगले में अवैध तरीके से रह रही हैं. सरोज के द्वारा बताया गया भाग क्रमांक जल परिसर का है और परिसर का बंगला राजेश मूणत के नाम पर आवंटित है.

याचिका में निर्वाचन को निरस्त करने की मांग की गई है. इस मामले में कोर्ट में कई बार सुनवाई हो चुकी है. याचिकाकर्ता की तरफ से गवाहों की सूची प्रस्तुत करने के बाद कोर्ट ने सांसद सरोज पांडेय को गवाहों की सूची पेश करने के निर्देश दिए. थे. अब दोनों पक्षों से गवाहों की सूची पेश करने के बाद गवाहों का बयान दर्ज किया जाना जो आज नहीं हो पाया. अब 29 अक्टूबर को अगली सूनवाई होगी.

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