बिलासपुर: बिलासपुर चंदूलाल चंद्राकर अस्पताल के अधिग्रहण मामले में (Chandulal Chandrakar Memorial Hospital Acquisition Case) हाई कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई. याचिकाकर्ता अमित चंद्राकर समेत 5 लोगों ने जनहित याचिका दायर की गई थी. याचिका पर सुनवाई करते हुए अस्पताल के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के 13 सदस्यों और इंडियन बैंक को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.
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चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल अस्पाल अधिग्रहण केस: राज्य सरकार के चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल हॉस्पिटल के अधिग्रहण करने के फैसले को हाई कोर्ट में चैलेंज किया गया. सुनवाई में चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल हॉस्पिटल अधिग्रहण अधिनियम 2021 को चुनौती दी गई है. इस जनहित याचिका में अधिग्रहण अधिनियम को लागू करने में राज्य शासन ने चूक की है, जिससे जनहित प्रभावित हुई है. चंद्राकर मेमोरियल अस्पताल एक निजी संस्था द्वारा संचालित था. जिसका निर्माण शासन द्वारा दी गई लीज की भूमि पर किया गया है. लीज में प्रदत भूमि को किसी भी परिस्थिति में विक्रय, गिरवी या नीलाम नहीं किया जा सकता. इसके बाद भी नियमों को ताक पर रखकर जमीन को बैंक में गिरवी रख कर लोन लिया गया है.
बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स पर अवैध दस्तावेज प्रस्तुत करने का आरोप:याचिकाकर्ता ने बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स पर अवैध दस्तावेज प्रस्तुत कर लोन लेने का आरोप लगाया है. याचिका में अमित चंद्राकर ने कहा कि बाद में लोन के पैसों की बंदरबांट कर ली गई. इस वजह से कॉलेज घाटे में जाता रहा. जब बैंक को लोन वापस नहीं किया गया तो बैंक ने कॉलेज को नीलाम करने की घोषणा कर दी. अब कॉलेज के बच्चों के भविष्य पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं. शुक्रवार की सुनवाई में जस्टिश गौतम भादुड़ी और जस्टिश संजय अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने अस्पताल के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के 13 सदस्यों और इंडियन बैंक को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.