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तखतपुर जनपद पंचायत के CEO और रीडर पर प्रताड़ना का आरोप, पीड़ित परिवार ने आत्मदाह की दी चेतावनी

तखतपुर जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हिमांशु गुप्ता और रीडर वीरेंद्र कश्यप पर प्रताड़ना का आरोप लगा है. पीड़ित ने सपरिवार आत्महत्या करने के लिए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है.

Victim family warns of self-immolation
पीड़ित परिवार ने आत्मदाह की दी चेतावनी
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Published : Dec 9, 2020, 1:05 PM IST

बिलासपुर: तखतपुर जनपद पंचायत सीईओ के खिलाफ प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए आत्मदाह की चेतावनी से हड़कंप मच गया है. तखतपुर जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हिमांशु गुप्ता और रीडर वीरेंद्र कश्यप पर प्रताड़ना का आरोप लगा है. पीड़ित ने सपरिवार आत्महत्या करने के लिए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है.

11 नवंबर को कराई गई पुनर्मतगणना

तखतपुर के पास स्थित ग्राम निगारबंद की अंबालिका कश्यप सरपंच पद के लिए 3 फरवरी 2020 को प्रत्याशी थीं. वो 20 मतों से चुनाव हार गई थी. तब पुनर्मतगणना के लिए उन्होंने अनुविभागीय अधिकारी कोटा के सामने याचिका दायर की थी. 30 सितंबर 2020 को पुनर्मतगणना का आदेश दिया गया. 11 नवंबर 2020 को पुनर्मतगणना कराई गई, जिसमें 62 मतों से अंबालिका कश्यप विजयी हो गई.

Victim family warns of self-immolation
पीड़ित परिवार ने आत्मदाह की दी चेतावनी

इसके बाद अनुविभागीय अधिकारी के द्वारा प्रमाण पत्र और प्रभार के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी तखतपुर को आदेशित किया गया था, लेकिन उन्होंने 18 नवंबर 2020 को आदेश निकाला और 23 नवंबर को पदभार दिया. इसके बाद उसी तारीख को उच्च न्यायालय ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश पारित किया. तब बिना उच्च न्यायालय का आदेश देखे पूर्व सरपंच ईश्वरी कश्यप को प्रभार देने के लिए आदेशित किया गया, जबकि उच्च न्यायालय ने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया था.

पढ़ें: LIVE UPDATE: छत्तीसगढ़ में धान खरीदी जारी, यहां देखें पल-पल का अपडेट

अंबालिका कश्यप और उनके पति का आरोप है कि अपने प्रभाव का इस्तेमाल और पद का दुरुपयोग करते हुए उनके परिवार के खिलाफ झूठा मामला बनाने का प्रयास किया जा रहा है. इसके लिए सचिव ग्राम पंचायत निगारबंद दुर्गा मरावी के स्टाम्प पर हस्ताक्षर लेकर अंबालिका और उसके दो बेटों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का प्रयास किया जा रहा है.

Victim family warns of self-immolation
पीड़ित परिवार ने आत्मदाह की दी चेतावनी

इस संबंध में सचिव दुर्गा मरावी के द्वारा शपथपत्र भी दिया गया है. ऐसी स्थिति में अंबालिका और परिवार के सदस्य मुख्य कार्यपालन अधिकारी हिमांशु गुप्ता और रीडर वीरेंद्र कश्यप द्वारा प्रताड़ित किए जाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि वे डरे हुए हैं और परिवार समेत आत्महत्या करने को विवश हैं. इसके लिए बिलासपुर कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा गया.

पढ़ें: कृषि कानूनों के विरोध पर स्मृति ईरानी ने विपक्ष को लिया आड़े हाथ, देखें वीडियो

ये है मामला

ग्राम पंचायत निगारबंद में सरपंच पद की पुनर्मतगणना 11 नवम्बर को हुई. इसमें 20 वोट से विजयी प्रत्याशी ईश्वरी सुरेन्द्र कश्यप के 73 वैध मतों में 2-3 बार सील लगे होने के कारण वो रिजेक्ट हो गए और प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी अंबालिका कश्यप 62 वोटों से विजयी घोषित हो गईं. अनुविभागीय अधिकारी कोटा के द्वारा प्रमाण पत्र दिया गया, जो पूरे विधानसभा क्षेत्र में चर्चा का विषय बना रहा.

वहीं ग्राम पंचायत सचिव को सामान्य सभा से लेकर शपथ ग्रहण कराने तक का आदेश जनपद पंचायत तखतपुर से 19 नवम्बर को निकाला गया. जिस पर सचिव ने तत्काल सामान्य सभा और शपथ ग्रहण एक साथ कराने के लिए 23 नवम्बर दिन सोमवार के दिन की सूचना निकाली और पंचों को सूचित किया. जिस पर सोमवार को ग्राम पंचायत निगारबंद में एक तरफ जहा अंबालिका कश्यप द्वारा शपथ ग्रहण किया गया, तो वहीं दूसरी ओर ईश्वरी सुरेन्द्र कश्यप को हाईकोर्ट से मामले पर स्टे मिल गया, जिससे फिर से ईश्वरी कश्यप सरपंच पद पर काबिज हैं.

बिलासपुर: तखतपुर जनपद पंचायत सीईओ के खिलाफ प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए आत्मदाह की चेतावनी से हड़कंप मच गया है. तखतपुर जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हिमांशु गुप्ता और रीडर वीरेंद्र कश्यप पर प्रताड़ना का आरोप लगा है. पीड़ित ने सपरिवार आत्महत्या करने के लिए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है.

11 नवंबर को कराई गई पुनर्मतगणना

तखतपुर के पास स्थित ग्राम निगारबंद की अंबालिका कश्यप सरपंच पद के लिए 3 फरवरी 2020 को प्रत्याशी थीं. वो 20 मतों से चुनाव हार गई थी. तब पुनर्मतगणना के लिए उन्होंने अनुविभागीय अधिकारी कोटा के सामने याचिका दायर की थी. 30 सितंबर 2020 को पुनर्मतगणना का आदेश दिया गया. 11 नवंबर 2020 को पुनर्मतगणना कराई गई, जिसमें 62 मतों से अंबालिका कश्यप विजयी हो गई.

Victim family warns of self-immolation
पीड़ित परिवार ने आत्मदाह की दी चेतावनी

इसके बाद अनुविभागीय अधिकारी के द्वारा प्रमाण पत्र और प्रभार के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी तखतपुर को आदेशित किया गया था, लेकिन उन्होंने 18 नवंबर 2020 को आदेश निकाला और 23 नवंबर को पदभार दिया. इसके बाद उसी तारीख को उच्च न्यायालय ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश पारित किया. तब बिना उच्च न्यायालय का आदेश देखे पूर्व सरपंच ईश्वरी कश्यप को प्रभार देने के लिए आदेशित किया गया, जबकि उच्च न्यायालय ने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया था.

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अंबालिका कश्यप और उनके पति का आरोप है कि अपने प्रभाव का इस्तेमाल और पद का दुरुपयोग करते हुए उनके परिवार के खिलाफ झूठा मामला बनाने का प्रयास किया जा रहा है. इसके लिए सचिव ग्राम पंचायत निगारबंद दुर्गा मरावी के स्टाम्प पर हस्ताक्षर लेकर अंबालिका और उसके दो बेटों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का प्रयास किया जा रहा है.

Victim family warns of self-immolation
पीड़ित परिवार ने आत्मदाह की दी चेतावनी

इस संबंध में सचिव दुर्गा मरावी के द्वारा शपथपत्र भी दिया गया है. ऐसी स्थिति में अंबालिका और परिवार के सदस्य मुख्य कार्यपालन अधिकारी हिमांशु गुप्ता और रीडर वीरेंद्र कश्यप द्वारा प्रताड़ित किए जाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि वे डरे हुए हैं और परिवार समेत आत्महत्या करने को विवश हैं. इसके लिए बिलासपुर कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा गया.

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ये है मामला

ग्राम पंचायत निगारबंद में सरपंच पद की पुनर्मतगणना 11 नवम्बर को हुई. इसमें 20 वोट से विजयी प्रत्याशी ईश्वरी सुरेन्द्र कश्यप के 73 वैध मतों में 2-3 बार सील लगे होने के कारण वो रिजेक्ट हो गए और प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी अंबालिका कश्यप 62 वोटों से विजयी घोषित हो गईं. अनुविभागीय अधिकारी कोटा के द्वारा प्रमाण पत्र दिया गया, जो पूरे विधानसभा क्षेत्र में चर्चा का विषय बना रहा.

वहीं ग्राम पंचायत सचिव को सामान्य सभा से लेकर शपथ ग्रहण कराने तक का आदेश जनपद पंचायत तखतपुर से 19 नवम्बर को निकाला गया. जिस पर सचिव ने तत्काल सामान्य सभा और शपथ ग्रहण एक साथ कराने के लिए 23 नवम्बर दिन सोमवार के दिन की सूचना निकाली और पंचों को सूचित किया. जिस पर सोमवार को ग्राम पंचायत निगारबंद में एक तरफ जहा अंबालिका कश्यप द्वारा शपथ ग्रहण किया गया, तो वहीं दूसरी ओर ईश्वरी सुरेन्द्र कश्यप को हाईकोर्ट से मामले पर स्टे मिल गया, जिससे फिर से ईश्वरी कश्यप सरपंच पद पर काबिज हैं.

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