बिलासपुर: सेंट्रल जीएसटी की टीम ने शुक्रवार को शहर के दो बड़े कारोबारियों के संस्थानों में दबिश दी. इसमें व्यापार विहार के कारोबारी देवीदास वाधवानी के वाधवानी ट्रेडर्स और पुराना बस स्टैंड स्थित भारत होजियारी की दुकानों पर कार्रवाई की गई. बताया जा रहा है कि चार सदस्यीय टीम कार्रवाई के लिए पहुंची है. टीम फर्म के संचालकों से स्टाॅक, अकाउंट और बिल की जानकारी ले रही है. टीम का देर रात तक सर्वे का काम जारी रहा.
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सेंट्रल जीएसटी की टीम पहुंची बिलासपुर: सेंट्रल जीएसटी की टीम गुरुवार को दिल्ली और रायपुर से यहां बिलासपुर पहुंची. बिलासपुर में एक होजरी व्यापारी और व्यापार विहार के गल्ले के थोक व्यापारी के संस्थानों में दबिश दी. 2 दिनों से जीएसटी की टीम इन फर्मो और उनके संबंधित संस्थानों में दस्तावेज की जांच कर रही है. पहले दिन पुराना बस स्टैंड इलाके के भारत होजरी के संस्थान में छापेमारी की. दूसरे दिन भी इस फार्म में जांच कार्रवाई चलता रहा. वहीं, शुक्रवार की शाम व्यापार विहार स्थित थोक गल्ला व्यापारी के फर्म वाधवानी ट्रेडर्स के यहां टीम ने दबिश दी. दोनों टीमें देर रात तक दस्तावेज खंगालती रही और जांच चलता रहा. इन संस्थानों में क्या मिला अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है.
बिना लाइसेंस के पेट्रोल पंप संचालन की मिली शिकायत: जानकारी के मुताबिक बिना लाइसेंस के पेट्रोल पंप का संचालन किया जा रहा है. इसी मामले को लेकर सेंट्रल जीएसटी और राज्य जीएसटी की टीम ने छापामार करवाई की है. सूचना यह मिल रही है कि पिछले कुछ समय से पेट्रोल पंप का लाइसेंस अवधि समाप्त हो गया था, लेकिन संचालक लाइसेंस रिनिव करने की बजाए पंप का संचालन किया जा रहा था. हालांकि पूरी जानकारी जीएसटी की टीम ने नहीं दिया है.
ये बाते भी आ रही है सामने: दोनों फर्मों के खिलाफ जीएसटी चोरी की शिकायत है. जीएसटी कमिश्नर रायपुर के निर्देश पर सर्वे की कार्रवाई की जा रही है. दस्तावेजों के साथ जीएसटी को फर्म के खिलाफ शिकायत मिली थी. हालांकि, फर्म संचालक झूठी शिकायत के आधार पर सर्वे की कार्रवाई की बात कर रहे हैंं. उनका कहना है झूठे दस्तावेजों के आधार पर उन्हें परेशान किया जा रहा है.
बताया जा रहा है कि करीब 250 पेज की शिकायत भारत सरकार को भेजी गई है. साथ ही जीएसटी रायपुर को भी शिकायत किया गया है, जिसमें अलग-अलग जरियो से करोड़ों रुपए के लेन देन और जीएसटी चोरी करने का जिक्र है. फर्जी जीएसटी नंबर से लेन देन, फर्जी बिल का भुगतान, कैश बिल बुक में करोड़ों रुपए का फर्जी बिल से पैसों का लेन देन और अवैध टिन नंबर से ग्राहकों को बिल देने का आरोप है. हालांकि इसके आधार पर टीम अब आगे जांच की कार्रवाई कर रही है.