बिलासपुर: प्रदेश सरकार किसान हित में कई वादे और दावे करती है. कई बार ये दावे सच होते दिखते हैं, लेकिन सरकार के दावों और योजनाओं के क्रियान्वयन के बीच एक कड़ी प्रशासनिक तंत्र की है, जो भ्रष्ट और लापरवाह है. धान खरीदी को लेकर खरीदी केंद्रों में नए पंजीयन में घोर लापरवाही का ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें मृत किसानों के नाम से पंजीयन और धान खरीदी की गई.
धान खरीदी के लिए खरीदी केंद्रों में कलेक्टर के दिशा-निर्देश पर नोडल अधिकारी की देखरेख में किसानों के लिए पंजीयन व्यवस्था की गई है. दूसरी ओर पटवारियों और तहसीलदार को धान खरीदी केंद्रों में होने वाले पंजीकरण में किसानों के नाम, रकबा और फाल्स एंट्री जैसी गड़बड़ी ना हो. इसे रोकने इन अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है, लेकिन इसके बाद भी धान खरीदी केंद्रों में मृतक किसानों के नाम से धान बेचे जाने की गड़बड़ी की शिकायत सामने आने से पूरे सिस्टम पर अब सवाल खड़ा हो रहे हैं.
पढ़ें: SPECIAL: कब मिलेगा बिलासपुर की जनता को 'अमृत' योजना का लाभ ?
तीन मृतक किसान के नाम से धान खरीदी
मामला कोटा ब्लॉक के ग्राम पंचायत नगचुई धान खरीदी का है, जहां धुमा उपमंडी केंद्र में मृतक किसानों के नाम से धान बेचे जाने की शिकायत सामने आई है. शिकायत के बाद से शासन-प्रशासन में हड़कंप मच गया है. शिकायत कुछ इस तरह है कि तीन मृतक किसान के नाम से धान खरीदी केंद्र में टोकन काट कर उनके नाम से धान खरीदी कर ली गई. जब इस गड़बड़ी की जानकारी गांव के एक ग्रामीण अशोक कुमार अनंत को लगी, तो ग्रामीण ने ऑनलाइन इसकी कॉपी निकलवा कर इस गड़बड़ी की शिकायत जिम्मेदार अधिकारी से की.
दस्तावेज दिखाने के लिए मांगा समय
जानकारी के बाद कॉपरेटिव बैंक के अधिकारी जांच करने धान खरीदी केंद्र पहुंचे. तब धुमा में पदस्थ प्रभारी प्रबंधक नत्थू लाल यादव के पास मृतक किसानों से खरीदे गए धान और किए गए भुगतान के दस्तावेज उपलब्ध नहीं थे, जबकि शासन की ओर से सभी खरीदी के आंकड़े एंट्री करने कम्प्यूटर ऑपरेटर की व्यवस्था की गई है. बावजूद इसके प्रबंधक ने दस्तावेज दिखाने जांच अधिकारी से एक-दो दिन का समय मांगा है.
यह भी पढ़ें: रतनपुर महामाया मंदिर में कभी लगता था भक्तों का तांता, इस साल नवरात्र में बंद है मंदिर के द्वार
खरीदी के बाद निकाला पैसा
शिकायतकर्ता का कहना है कि शिकायत में मृत किसानों के नाम पर धान खरीदी की गई है, खरीदी के बाद कोटा जिला सहकारी बैंक से पैसा भी निकाला गया है. माना जा रहा है कि ये सब अधिकारी की मिलीभगत से ही संभव है और अब इस मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है. जांच अधिकारी रेवती रमन कश्यप का कहना था कि तीन मृत किसानों के नाम से धान खरीदी की गई है, जिसकी शिकायत पर जांच की जा रही है.
देखें: VIDEO: ब्लास्ट कर उड़ाया गया धनेली छोकरा नाला पर बना पुल
आरोपियों की कब तक होगी गिरफ्तारी?
बहरहाल मृतक किसानों के नाम से धान खरीदी केंद्रों में रकबे से अधिक मात्रा का धान बेचकर बैंक के खाते से जमा राशि का आहरण कर लेने का यह पहला और अनोखा मामला है. देखने वाली बात है यह है कि जांच अधिकारी के जांच में क्या मृतक किसान की पर्ची की आड़ में धान की हेराफेरी करने वाले और सरकारी खजाने को चूना लगाने वाले जल्द गिरफ्त में आते हैं या नहीं.