बिलासपुर: पंचायत चुनाव के दौरान एक अनोखा मामला सामने आया जब सरपंच पद के प्रत्याशी को मतगणना के दौरान एक भी मत नहीं मिले. इस तरह उसे शून्य मत देना बता कर जमानत जब्त कर ली गई है. प्रत्याशी ने पीठासीन अधिकारी और प्रक्रिया की शिकायत अनुविभागीय अधिकारी SDM के साथ गौरेला थाने में भी की है.
मामला मरवाही जनपद पंचायत क्षेत्र के पिपरिया ग्राम पंचायत का है. शारीरिक रूप से दिव्यांग रमेश ने मतदान और मतगणना के दौरान रहने के लिए एक एजेंट की नियुक्ति की थी. बताते हैं, मतदान के दौरान सब कुछ ठीक रहा. जब मतगणना का वक्त आया तब पीठासीन अधिकारी ने रमेश के प्रतिनिधि के बार-बार आपत्ति दर्ज कराने के बाद भी उसे मतगणना केंद्र से बाहर कर दिया और दरवाजा भी बंद कर दिया.
पूरे परिवार ने मुझे दिया वोट: रमेश
रमेश ने कहा कि 'मैं खुद काउंटिंग में बैठने के लिए गया पर अधिकारी ने दरवाजा नहीं खोला'. कुछ देर बाद जब परिणाम आया तो रमेश को एक भी वोट नहीं मिले थे. उसके वोटों की संख्या शून्य बताई गई. रमेश ने कहा कि 'माता-पिता, भाई-बहन, बहू और पत्नी के साथ मेरे परिवार के सदस्यों की संख्या ही 12 है. यदि मैं मान लूं कि माता-पिता के अलावा भाई बहनों ने भी मुझे वोट नहीं किया, पत्नी ने भी वोट नहीं किया, तो भी मेरा खुद का वोट कहां गया. क्या मैं अपने आप को भी वोट नहीं करूंगा'.
कार्रवाई का आश्वासन
मामले में फिलहाल अनुविभागीय अधिकारी और पुलिस अधिकारी ने कुछ भी कहने से मना कर दिया है, लेकिन पीड़ित के मुताबिक अधिकारियों ने उसे कार्रवाई का आश्वासन दिया है.