बिलासपुरः हवाई सेवा की मांग बिलासपुर में बहुत पहले से ही की जा रही है. तत्कालीन मध्यप्रदेश के समय से इस मांग ने जोर पकड़ा और छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद इसमें और तेजी आई. चकरभाटा में एयरपोर्ट बनाने को लेकर बिलासपुर के नागरिक संघर्ष समिति में अपनी मांग शासन के समक्ष कई बार रखा है.
लगातार चल रहे आंदोलन में शहर के समाजसेवी और जनप्रतिनिधियों ने भी संघर्ष समिति को अपना समर्थन दिया. लगभग 247 दिनों से लगातार चल रही लड़ाई में कुछ दिनों पहले ही बिलासपुर को 3 सी एयरपोर्ट का दर्जा मिला है. प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बिलासपुर एयरपोर्ट का नाम बिलासा के नाम से रखने घोषणा की है.
संघर्ष समिति ने निकाला मार्च
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पुण्यतिथि के मौके पर संघर्ष समिति के लोगों ने दांडी मार्च निकाला. दांडी यात्रा बिलासपुर शहर से चलकर हाईकोर्ट मार्ग होते हुए चकरभाटा हवाई अड्डे पहुंची. इस दौरान संघर्ष समिति के पदाधिकारी और सदस्यों का जगह जगह स्वागत किया गया.
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नुक्कड़ सभा का आयोजन
चकरभाटा के राम मंदिर चौक में नुक्कड़ सभा का आयोजन किया गया. लोरमी के विधायक धर्मजीत सिंह ने अपना सारगर्भित उद्बोधन भी दिया. बिल्हा के पूर्व विधायक सियाराम कौशिक भी विशेष रूप से मौजूद रहे. सभी दलों के लोगों ने जहां संघर्ष समिति की हौसला अफजाई की. वहीं बिल्हा के कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला ने एयरपोर्ट के नाम को लेकर मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया. नगर पंचायत बोदरी के अध्यक्ष परदेशी राम ध्रुवंशी और उपाध्यक्ष अभिषेक दुबे ने हवाई अड्डे को क्षेत्र के लिए गौरव बताया.
लंबी उड़ान के लिए लंबी लड़ाई
चकरभाटा हवाई अड्डा बोदरी नगर पंचायत क्षेत्र और बिल्हा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है. जहां बिलासपुर जिले को हवाई सेवा की सुविधा मिलेगी. वहीं क्षेत्र के नागरिकों को भी इसका पूरा लाभ मिलेगा.