बिलासपुर: प्रशासन की और से एसडीएम, तहसीलदार सहित ग्रामीण और शहर एएसपी, एसडीओपी कोटा की मौजूदगी में प्रदर्शनकारियों को समझाइश दी गई. परिवार को आर्थिक मदद मिलने के बाद ग्रामीणों ने चक्काजाम खत्म किया.
ये है पूरा मामला: 10 फरवरी को कोटा थाना क्षेत्र में पुलिस ने अवैध शराब रखने और बेचने वालों पर कार्रवाई करते हुए अलग अलग थाना क्षेत्र प्रकरण दर्ज किए थे. इस दौरान गनियारी का रहने वाले उमेंद्र वर्मा नाम के युवक को भी पुलिस ने 13 लीटर शराब के साथ गिरफ्तार किया था. आबकारी एक्ट के तहत केस दर्ज कर आरोपी को न्यायालय से जेल दाखिल किया गया था. परिजनों का कहना है कि 3 दिन पहले जब उमेंद्र को गिरफ्तार किया गया था तब वह बिल्कुल ठीक था. लेकिन बाद में सूचना दी गई कि उसकी मौत हो गई.
बिलासपुर सेंट्रल जेल में कैदी ने क्यों तड़प-तड़प कर दी जान ?
उमेंद्र की संदिग्ध मौत के बाद प्रदर्शन: बिलासपुर केंद्रीय जेल में बंद कैदी की संदिग्ध मौत के बाद देर शाम परिजन और ग्रामीणों ने बिलासपुर के कलेक्ट्रेट के पास सड़क को जाम कर दिया था. मौके पर पुलिस और आला अधिकारियों की टीम पहुंची लेकिन लोगों का गुस्सा शांत नहीं हो रहा था. परिवार के लोगों ने पुलिस पर मारपीट करने और पैसे मांगने का भी आरोप लगाया था. निष्पक्ष जांच की मांग की गई.
दोषियों के खिलाफ होगी कार्रवाई: एसपी संतोष सिंह ने बताया था कि "युवक को आबकारी एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया था. जेल जाने से पहले उसकी जांच कराई गई थी. परिजनों ने जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है. पुलिस ने न्यायिक जांच को लेकर पत्र लिखा है. इसमें जो दोषी होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी."