बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के हाईकोर्ट में सोमवार को शिक्षा विभाग में पदोन्नति और पदस्थापना को लेकर सुनवाई हुई. राज्य सरकार ने शिक्षक पदोन्नति और पोस्टिंग आदेश में पिछले दिनों रोक लगा दी थी. इस आदेश से राज्य के हजारों शिक्षक प्रभावित हो रहे थे. राज्य सरकार के आदेश के खिलाफ प्रदेश भर के हजारों शिक्षकों ने एक साथ सैकड़ों याचिकाएं हाईकोर्ट में दायर की है. जिस पर सोमवार को बिलासपुर हाईकोर्ट ने सुनवाई की है.
मामले में हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनी : बिलासपुर हाईकोर्ट ने दोनों ओर से दी गई दलील सुनने के बाद राज्य सरकार को यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है. इस आदेश के बाद अब जो शिक्षक जहां है, वह वहीं रहेंगे और जिसने अपने पुराने पोस्टिंग पर ज्वाइन किया है, वो भी उसी जगह रहेंगे. हाई कोर्ट ने सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई के लिए 13 सितंबर का समय तय किया है.
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने शिक्षकों की पदोन्नति पर लगाई रोक |
शिक्षक पदोन्नति मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी किया |
छत्तीसगढ़ में सरकारी शिक्षकों की पदोन्नति पर बवाल, क्या है प्रमोशन के नियम ? |
क्या है पूरा मामला: जानकारी के अनुसार, शिक्षक पदोन्नति मामले में राज्य सरकार और शिक्षक आमने सामने हैं. कुछ माह पहले छत्तीसगढ़ सरकार ने हजारों सहायक शिक्षकों और शिक्षकों को पदोन्नति देते हुए उनका ट्रांसफर कर दिया था. जिसके बाद नए पोस्टिंग के लिए 29 मार्च 2023 को काउंसलिंग कर पोस्टिंग ऑर्डर जारी किया गया. कुछ शिक्षकों से प्राप्त आवेदनों के आधार पर संयुक्त निदेशक द्वारा संशोधित पोस्टिंग ऑर्डर भी जारी की गई है. संयुक्त निदेशक के इस आदेश पर कई याचिकाकर्ता एवं प्रमोट किये गए अन्य शिक्षक, जिन्होंने आवेदन किया था. उन्होंने अपनी पोस्टिंग स्थानों में बदलाव कर नये स्थानों पर कार्यभार ग्रहण किया. इसके बाद अचानक राज्य सरकार ने सभी आदेशों को निरस्त कर दिया. साथ ही इस मामले में कई अधिकारियों को सस्पेंड भी किया है.
संशोधित पोस्टिंग आदेश किया रद्द: राज्य सरकार के आदेशों के आधार पर 4 सिंतबर 2023 को जारी संशोधित पोस्टिंग आदेश रद्द किया गया है. साथ ही याचिकाकर्ता और अन्य शिक्षकों को यह आदेश दिया गया कि कोई भी शिक्षक, जिसने नई पोस्टिंग स्थान पर कार्यभार ग्रहण किया है, संशोधित पदस्थापना आदेश के आधार पर कार्यमुक्त कर दिया जायेगा.