बिलासपुर: जिले में लगातार एक के बाद एक बीमारियों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. बारिश के शुरुआत में डायरिया की समस्या से लोग परेशान थे. डायरिया के बाद शहर में डेंगू का प्रकोप फैला. आम लोग इससे जैसे तैसे बच गए. लेकिन अब बच्चों में निमोनिया का खतरा बढ़ने लगा है. एक सप्ताह में बिलासपुर जिला अस्पताल और सिम्स मेडिकल कॉलेज में निमोनिया के 582 मरीज पहुंचे हैं.
जिले में लगातार बढ़ रहे निमोनिया के मरीज: बारिश के शुरुआती दिनों में डायरिया, फिर डेंगू और अब बिलासपुर में निमोनिया पैर पसारने लगा है. स्वास्थ्य विभाग बीमारियों की रोकथाम के लिए हर संभव प्रयास करने का दावा करती है. लेकिन अब तक विभाग के पास निमोनिया ग्रसित मरीजों का सही आंकड़ा भी नहीं है. जिलों में बीमारियां लगातार बढ़ते जा रही है. जिला अस्पताल में 42 मरीज गंभीर होने पर भर्ती किए गए थे.
हजारों में हो सकती मरीजों की संख्या: बताया जा रहा है कि ठंड के मौसम में होने वाली बीमारी निमोनिया इस साल बारिश में शुरू हो गई है. सप्ताह भर में सैकड़ों मरीजों की पहचान की गई है. ये आंकड़े सिम्स और बिलासपुर जिला अस्पताल के हैं. इस मामले में निजी अस्पताल और पूरे जिले की जानकारी अभी तक स्वास्थ्य विभाग तक नहीं पहुंची है. इस बीमारी की चपेट में खासकर शहर की मलिन बस्तियों के लोग आ रहे हैं. इसके अलावा आसपास से ग्रामीण क्षेत्र से भी दर्जनों लोग सिम्स और बिलासपुर जिला अस्पताल में इलाज करा रहे हैं. शहरी क्षेत्र में निजी अस्पतालों में भी मरीज भर्ती होने की जानकारी मिल रही है.
क्या कहते हैं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी? : जिले में फैल रही निमोनिया बीमारी से सबसे ज्यादा गोद लिए गए बच्चे पीड़ित हैं. 8 साल की उम्र से नीचे के बच्चों में इस बीमारी का प्रकोप देखा जा रहा है. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी राजेश शुक्ला ने बताया, "निजी अस्पताल और जिले के अन्य शासकीय अस्पतालों से जानकारी मंगाई जा रही है. फिलहाल स्थिति कंट्रोल में है. डॉक्टर के द्वारा बच्चों को दवाई और उनके पालकों को सावधानी के साथ इससे बचने के उपाय बताए जा रहे हैं. जिससे जल्द ही इस बीमारी से जिले को निजात मिल जाएगी. फिलहाल बिलासपुर जिला अस्पताल और सिम्स मेडिकल कॉलेज के ही आंकड़े मिल पाए हैं."
डॉक्टर ने लोगों को सावधानी बरतने दी सलाह: डॉक्टर बच्चों का ख्याल रखने के लिए सलाह दे रहे हैं. बच्चों पर बदलते तापमान का सबसे ज्यादा असर पड़ता है, इसलिए उन्हें सामान्य तापमान में रखें. थोड़ी सी असावधानी बच्चों को बीमार कर सकती है, इसलिए डॉक्टर इस मौसम में बच्चों का विशेष ध्यान रखने की हिदायत देते हैं. घरों के आसपास साफ सफाई, ताजा भोजन और उबला हुआ पानी ठंडा कर पिलाने की सलाह दे रहे हैं, जिससे बच्चों को मौसमी बीमारियों से बचाया जा सकता है.