बिलासपुर: गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय बिलासपुर और एलएन गूमिलियोव यूरेशियन नेशनल यूनिवर्सिटी कजाकिस्तान के बीच 30 जुलाई को एमओयू हुआ है. समझौता ज्ञापन पर केंद्रीय विश्वविद्यालय की ओर से कुलपति प्रो. आलोक चक्रवाल और कजाकिस्तान की ओर से भारत में कजाकिस्तान उच्चायोग के काउंसलर विभाग के अरमान इलियासोव ने हस्ताक्षर किए हैं. इससे दोनों विवि के बीच शोध के साथ ही शैक्षणिक गतिविधियों का आदान प्रदान होगा, जिसका फायदा छात्रों को मिलेगा.
छात्रों को मिलेगा नवाचार का मौका: इस समझौते से दोनों देशों के छात्रों को फायदा होगा. कजाकिस्तान के प्रतिष्ठित राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के साथ हुआ यह समझौता ज्ञापन राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के भारतीयता के साथ शिक्षा और शिक्षण के अंतरराष्ट्रीयकरण के उद्देश्य को पूरा करेगा. दोनों देशों को एकेडमिक रूप से पास लाने में कारगार सिद्ध होगा. आने वाले सालों में दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान के साथ शैक्षणिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा. युवाओं के लिए कौशल विकास, रोजगार के अवसर मिलेंगे. साथ ही स्टार्ट अप के लिए प्रेरित किया जाएगा. बच्चों को शोध और नवाचार के मौके मिलेंगे.
छात्रों को होने वाले फायदे:
- इस एमओयू के तहत अकदामिक, शोध, अनुसंधान के साथ नवाचार के क्षेत्र में दोनों संस्थानों की ओर से किए जा रहे नए कामों और प्रयासों को साझा किया जाएगा.
- दोनों संस्थानों के शोधार्थी और शिक्षक उनके पास उपलब्ध सॉफेस्टिकेटेड एनालेटिकल इंस्ट्रूमेंट्स फेसेलिटी का उपयोग कर सकेंगे. जिससे गुणवत्तापूर्ण शोधकार्यों का संपादन सुनिश्चित किया जा सके.
- दोनों संस्थान संयुक्त रूप से उपाधि और प्रशिक्षण कार्यक्रमों की विषयवस्तु पर विचार करेंगे.
- दोनों संस्थान साथ मिलकर विभिन्न विषयों पर संगोष्ठियां, अल्पकालिक कार्यक्रम, कार्यशालाएं और सिम्पोजियम का आयोजन करेंगे.
- दोनों संस्थान एक-दूसरे के प्रशासनिक अधिकारियों को प्रशासन एवं अकादमिक प्रशिक्षण प्रदान करेंगे.
- इस समझौता ज्ञापन के अंतर्गत दोनों संस्थान के शोधार्थी और शिक्षक शोध और अन्य अकादमिक गतिविधियों के लिए एक-दूसरे के संस्थानों का शैक्षणिक भ्रमण कर सकेंगे.
- यह समझौता ज्ञापन दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक गतिविधियों को मजबूत करने के दृष्टिकोण से काम करेगा.
दिल्ली में हुआ दोनों विवि के बीच समझौता: नई दिल्ली के आईटीपीओ सेंटर प्रगति मैदान में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की तीसरी वर्षगांठ के मौके पर आयोजित अखिल भारतीय शिक्षा समागम के दौरान ये समझौता हुआ है. दोनों यूनिवर्सिटी के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के दौरान भारत सरकार के केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान मौजूद थे. साथ ही केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष प्रो. एम. जगदीश कुमार भी शामिल रहे.