बिलासपुर: सीनियर सिटीजन को सामान्य हिंदी भाषा में वृद्धजन या बुजुर्ग के नाम से संबोधित किया जाता था. उन्हें सम्मान देने के लिए इन शब्दों का प्रयोग किया जाता था. लेकिन अब इन शब्दों का इस्तेमाल नहीं होगा. इनकी बजाय सीनियर सिटीजन को हिंदी में वरिष्ठजन कहा जाएगा. शासकीय कार्यालयों के साथ ही सामान्य बोलचाल में भी इसी शब्द का उपयोग किए जाने के आदेश हाई कोर्ट के जस्टिस और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस गौतम भादुड़ी के मध्यम से जारी किए गए हैं.
सभी विभागों को भेजी गई आदेश की काॅपी: राज्य सरकार के सभी विभागों को इसका पालन करने के लिए आदेश का काॅपी भेजी गई है. राज्य में शासकीय विभागों और शासकीय कागजात में सीनियर सिटीजन के लिए वृद्धजन शब्द का उपयोग किया जाता था. लेकिन अब यह शब्द बदल जाएगा. राज्य के वृद्धजन या बुजुर्ग को उनके सम्मानजनक शब्द वरिष्ठजनों से संबोधित किया जाएगा.
हाईकोर्ट कें जज और कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस गौतम भादुड़ी के निर्देश पर राज्य शासन को इस संबंध में पत्र प्रेषित किया जा चुका है. -आनंद प्रकाश वारियाल, सदस्य सचिव, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण
सभी कार्यलय में लगवाने होंगे फ्लैक्स और बैनर: भरण-पोषण का दावा अधिनियम के तहत गठित विशेष अधिकरण (ट्रिब्यूनल) के समक्ष प्रस्तुत किए जाएंगे. इसके अध्यक्ष उप-खण्ड अधिकारी होते हैं. वरिष्ठजनों को इसकी जानकारी नहीं होती है इसलिए अधिनियम से संबंधित जानकारीयुक्त बोर्ड, फ्लैक्स कार्यालय परिसर में लगवाने के निर्देश सभी जिला कलेक्टरों को दिए गए हैं. वहीं समाज कल्याण विभाग से वरिष्ठजनों से संबधित कल्याणकारी योजनाओं के साथ सभी तरह की कार्रवाई में वृद्धजन या बुजुर्गो के स्थान पर सम्मानजनक शब्द वरिष्ठजन का प्रयोग करने का निर्देश दिया गया है. सभी जिला मुख्यालयों और तहसीलों में भी वृद्धाआश्रम खोलने के लिए पत्र भेजा गया है ताकि ग्रामीण वरिष्ठ महिला या पुरुषों को उनके नजदीकी स्थान पर ही वृद्धाश्रम में रखा जा सके.