बिलासपुर: 18 सितबार 2018 को ठीक विधानसभा चुनाव के पहले बिलासपुर के कांग्रेस भवन को पुलिस ने चारों तरफ से घेर लिया था. फिर कांग्रेसियों पर हमला बोल दिया था. कांग्रेस भवन में मौजूद सभी कांग्रेस के सदस्य और पदाधिकारी पर लाठी चार्ज हुआ था. लाठी चार्ज के बाद इस मामले में जांच कमेटी बिठाई गई थी, लेकिन अब तक जांच कमेटी की रिपोर्ट नहीं आई है. जांच पूरी कर रिपोर्ट पेश करने की मांग को लेकर अब कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष अरुण तिवारी ने मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने धरना दिया है.
क्या कहते हैं आंदोलनकारी? : लाठीचार्ज की जांच पूरी करने की मांग को लेकर कांग्रेस भवन के सामने बैठे कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष अरुण तिवारी ने कहा, "5 साल होने के बाद भी जांच अधूरी है. इससे यह लगता है कि कोई जांच को प्रभावित कर रहा है और जांच पूरा होने नहीं दिया जा रहा है. जांच पूरी कर दोषी पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए. लेकिन जांच पूरी नहीं होने से अधिकारी आराम से घूम रहे हैं. उनकी मांग है की जांच पूरी की जाए और जांच पूरी नहीं होगी, तो वह कांग्रेस भवन से उठकर शहर के चौक चौराहों पर धरना आंदोलन करेंगे."
कांग्रेस भवन में पुलिस ने बरसाई थी लाठियां: दरअसल, भाजपा शासन काल के दौरान बिलासपुर के विधायक अमर अग्रवाल राज्य में नगरीय प्रशासन मंत्री के रूप में काम कर रहे थे. शहर की सफाई व्यवस्था खराब होने का आरोप लगाते हुए जिला कांग्रेस कमेटी ने 18 सितंबर 2018 को आंदोलन किया था. शहर का कचरा उठाकर कांग्रेसियों ने अमर अग्रवाल के बंगले के सामने फेंक दिया था. इसके बाद बिलासपुर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था. इस मामले में जांच की मांग की गई है.