बिलासपुर: कोरोना संकट के मद्देनजर किए गए लॉकडाउन में अगर सबसे ज्यादा परेशानी किसी को हुई तो वह है मजदूर वर्ग. कोरोना की मार ने मजदूरों की रोजी-रोटी छीन ली, तो वे मजबूर होकर अपने घरों की तरफ लौट पड़े. शनिवार को बलौदाबाजार से 10 मजदूर साइकिल से बिलासपुर पहुंचे. जिसकी सूचना महापौर रामशरण यादव को मिली. मजदूरों की आने की सूचना मिलने पर महापौर ने निर्देशों का पालन करते हुए सभी मजदूरों को राशन किट मुहैया कराई.
मजदूरों को राशन के साथ ही कुछ सहायता राशि दी गई, जिससे रास्ते में घर जाते वक्त उन्हें किसी चीज की जरूरत पड़े तो वह खरीद सकें. इस संबंध में महापौर ने बताया कि मुख्यमंत्री ने सभी जिले को निर्देशित किया है कि जिस भी जिले से होते हुए मजदूर अपने गृहग्राम की ओर लौट रहे हैं, उनकी मदद किसी भी रूप में जरूर की जाए. सीएम के इस निर्देश का पालन करते हुए मजदूरों की मदद की गई.
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मजदूरों को हो रही परेशानी
लाखों की संख्या में मजदूर अलग-अलग राज्यों में फंसे हुए हैं, जो अपने घर जाना चाहते हैं. वहीं कई मजदूर तो पैदल ही अपने गांव की ओर निकल पड़े. हजारों किलोमीटर तय कर एक राज्य से दूसरे राज्य जाना इन मजदूरों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं हैं, फिर भी इनके हौसले बड़े हैं. कोई साइकिल चलाकर ही निकल पड़ा है, तो कोई पैदल ही चले जा रहा है. कई जिलों में मजदूरों के रुकने के लिए राहत शिविर जरूर लगाए गए हैं, लेकिन खाने-पीने की सही व्यवस्था नहीं होने की वजह से मजदूर वहां से भी निकल जाने को मजबूर हैं. इस बीच गृहग्राम जाने के लिए निकले कई मजदूर रास्ते में ही अपनी जान गंवा बैठे हैं.