बिलासपुर: इन दिनों अधिकतर लोग घूमने का प्लान बना रहे हैं. कई लोग तो लंबी टूर पर निकल भी चुके हैं. कुछ लोग अपने परिवार के साथ तो कुछ लोग अपने दोस्तों के साथ घूमने जा रहे हैं. बात अगर बिलासपुर की करें तो यहां का कानन पेंडारी जू इन दिनों सैलानियों से भरा हुआ है. हर दिन भारी संख्या में बच्चे और बड़े यहां घूमने पहुंच रहे हैं.
वन विभाग ने की खास व्यवस्था: दरअसल, बिलासपुर का कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क जिले का बेस्ट पिकनिक स्पॉट है. यहां आम दिनों में भी लोगों की भीड़ रहती है. साथ ही बच्चे यहां हर तरह के जानवर देखने पहुंचते हैं. पिछले एक सप्ताह से यहां लाखों लोग आ चुके हैं. सैलानियों के लिए यहीं अच्छी खासी व्यवस्था भी की गई है. बच्चों के लिए सुरक्षित माहौल में पिकनिक मनाने की व्यवस्था वन विभाग की ओर से किया गया है. इसके अलावा सैलानी परिवार के साथ पहुंचकर छोटे बच्चों को वन्य जीव से संबंधित जानकारी दे रहे हैं. इसके साथ ही बच्चों में वन्य जीवों के प्रति प्रेम की भावना पैदा की जा रही है ताकि आने वाले समय में वो खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें.
हर तरह के वन्य जीव मौजूद: बिलासपुर के कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क में कई किस्म के वन्य जीव हैं, जिन्हें देखने सैलानियों का हुजूम पहुंच रहा है. ये जू छत्तीसगढ़ का एक मात्र ऐसा जू है, जहां इतनी बड़ी संख्या में जंगली जानवर मौजूद हैं, वो भी खुले केज में. यहां छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों से भी सैलानी पहुंचते हैं. पूरे साल यहां सैलानियों की भीड़ रहती है. खास मौके पर तो हजारों की तादाद में यहां भीड़ उमड़ती है.
सैलानियों के लिए की गई खास व्यवस्था: कानन पिंडारी जूलॉजिकल पार्क के एसडीओ बी एस राजपूत से ईटीवी भारत ने बातचीत की. बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि, "नए साल के जश्न के लिए कानन पेंडारी प्रबंधन ने तैयारियां पूरी कर ली है. पिकनिक मनाने आने वाले सैलानियों के लिए पानी की व्यवस्था के साथ ही सुरक्षा और जगह का इंतजाम किया गया है. साफ-सफाई के साथ ही अन्य व्यवस्था पूरी कर ली गई है. कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क में इस समय रोजाना लगभग 20 हजार लोग पहुंच रहे हैं. प्रबंधन को हर दिन लाखों रुपए की कमाई हो रही है. पार्क के देखरेख और जंगली जानवरों के लिए व्यवस्था दुरुस्त कर ली गई है. जंगली जानवरों को रोजाना ही शाकाहारी और मांसाहारी भोजन कराया जा रहा है. इसके साथ ही पर्यटकों के लिए उन्हें आसानी से देख पाने के लिए जानवरों को केज में छोड़ दिया गया है. जंगली जानवरों का केज ओपन है और इसमें पर्यटकों को जंगल जैसी फीलिंग होती है. पर्यटकों को लगता है कि वह जंगली जानवरों को जंगल में ही देख रहे हैं.
बच्चों को जानवरों के बारे में दी जाती है जानकारी: बिलासपुर के कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क में सैकड़ों किस्म के जंगली जानवर हैं. इनमें शाकाहारी, मांसाहारी के साथ ही अलग-अलग तरह के पक्षी बड़ी संख्या में मौजूद है. इन्हें देखने और समझने के लिए स्कूलों के द्वारा शैक्षणिक भ्रमण भी कराया जाता है. मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले के स्कूल के छात्र-छात्राओं को शैक्षणिक भ्रमण के लिए कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क लाया गया था. स्कूल के प्राचार्य ने बताया कि, "नए साल में बच्चों को स्कूल के की ओर से शैक्षणिक भ्रमण कराया जाता है. शैक्षणिक भ्रमण के लिए सबसे अच्छा विषय जंगली जानवर होते हैं. जंगली जानवरों की अधिक संख्या कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क में है. यहां इतने करीब से जानवरों को दिखाया भी जा रहा है. इसलिए उनका स्कूल प्रबंधन छात्र-छात्राओं को शैक्षणिक भ्रमण के लिए इस वर्ष कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क लाया है. यहां जानवरों को देखकर उन्हें समझाने की कोशिश की जा रही है.
दूसरे राज्यों से आ रहे सैलानी: बिलासपुर के कानन पेंडारी जू में शुक्रवार को पश्चिम बंगाल से भी सैलानी पहुंचे. पूरे परिवार के साथ ये यहां जंगली जानवरों को देखने पहुंचे थे. सभी ने बताया कि, "उन्हें यहां आकर काफी अच्छा लग रहा है. कभी इतने करीब से जंगली जानवरों को नहीं देखा था." दरअसल इन दिनों छुट्टी के माहौल में हर दिन हजारों की तादाद में सैलानी यहां पहुंचते हैं. सैलानियों की सुविधा को देखते हुए यहां हर तरह के इंतजाम किया गया है.