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बिलासपुर: 8 दिव्यांग बच्चों की मौत के मामले में राज्य शासन को नोटिस

बाल कल्याण संस्था कोपलवानी ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. याचिकाकर्ता ने पितांबरा सेवा संस्थान में दिव्यांग बच्चों की मौत का मामला हाईकोर्ट में उठाया है. इसपर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है.

High court seeks response from government
बिलासपुर हाईकोर्ट
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Published : Jun 29, 2020, 7:50 PM IST

बिलासपुर: हाईकोर्ट ने 8 दिव्यांग बच्चों की मौत के मामले में शासन को नोटिस जारी कर 14 दिन के अंदर जवाब मांगा है. बता दें, बाल कल्याण संस्था कोपलवानी ने दिव्यांग बच्चों की चार बाल संस्थानों को लेकर जनहित याचिका दायर की गई है. याचिका में संस्था ने कहा है कि प्रदेश में संचालित चार बाल संस्थाओं को सरकार की ओर से 9.5 करोड़ रुपये आवंटित करने के बावजूद बिलासपुर के पितांबरा सेवा संस्थान में पिछले 5 साल में 8 दिव्यांग बच्चों की मौत हो गई है.

अपनी याचिका में याचिकाकर्ता ने कहा है कि भारी भरकम पैसों के आवंटन के बावजूद बाल संस्थाओं में बच्चों की मौत भूख और बीमारी की वजह से हो रही है.

पढ़ें: जानिए कैसे धारावी में कोरोना को मिली मात

मामले को लेकर याचिकाकर्ता ने बताया कि तत्कालीन समाज कल्याण के सचिव संजय अलंग ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर बिलासपुर के कलेक्टर को चिट्ठी भी लिखी थी, लेकिन मामले में शासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई. इसके बाद याचिकाकर्ता को मामले में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा.

2 हफ्ते में मांगा जवाब

मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में राज्य शासन को नोटिस जारी कर 2 हफ्ते में जवाब मांगा है. पूरे मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रामचंद्र मेनन और जस्टिस पीपी साहू की डिविजन बेंच में हुई है.

बिलासपुर: हाईकोर्ट ने 8 दिव्यांग बच्चों की मौत के मामले में शासन को नोटिस जारी कर 14 दिन के अंदर जवाब मांगा है. बता दें, बाल कल्याण संस्था कोपलवानी ने दिव्यांग बच्चों की चार बाल संस्थानों को लेकर जनहित याचिका दायर की गई है. याचिका में संस्था ने कहा है कि प्रदेश में संचालित चार बाल संस्थाओं को सरकार की ओर से 9.5 करोड़ रुपये आवंटित करने के बावजूद बिलासपुर के पितांबरा सेवा संस्थान में पिछले 5 साल में 8 दिव्यांग बच्चों की मौत हो गई है.

अपनी याचिका में याचिकाकर्ता ने कहा है कि भारी भरकम पैसों के आवंटन के बावजूद बाल संस्थाओं में बच्चों की मौत भूख और बीमारी की वजह से हो रही है.

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मामले को लेकर याचिकाकर्ता ने बताया कि तत्कालीन समाज कल्याण के सचिव संजय अलंग ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर बिलासपुर के कलेक्टर को चिट्ठी भी लिखी थी, लेकिन मामले में शासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई. इसके बाद याचिकाकर्ता को मामले में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा.

2 हफ्ते में मांगा जवाब

मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में राज्य शासन को नोटिस जारी कर 2 हफ्ते में जवाब मांगा है. पूरे मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रामचंद्र मेनन और जस्टिस पीपी साहू की डिविजन बेंच में हुई है.

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