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अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग वाली याचिका खारिज, हाईकोर्ट ने दिया ये तर्क

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Published : May 11, 2023, 11:48 PM IST

छत्तीसगढ़ में ईडी और आयकर विभाग की जांच के आधार पर अफसरों के खिलाफ अपराध दर्ज करने की मांग की याचिका को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है. कोर्ट ने इस याचिका को चलने योग्य नहीं माना

bilaspur high court
बिलासपुर हाई कोर्ट में सुनवाई

बिलासपुर: भाजपा नेता नरेश चंद्र गुप्ता की याचिका हाईकोर्ट की डबल बेंच ने यह कहते हुए खारिज कर दी है कि, याचिका चलने योग्य नहीं है. चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस राकेश मोहन पांडेय ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला दिया है. भाजपा नेता नरेश चंद्र गुप्ता ने हाईकोर्ट में एक याचिका लगाई थी. याचिका में भाजपा नेता ने कहा था कि पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड, आईएएस अनिल टुटेजा, समीर विश्नोई और सौम्या चौरसिया के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने अपनी याचिका में तर्क दिया कि ईडी और आयकर विभाग ने जांच के बाद, राज्य सरकार को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध दर्ज कर कार्रवाई करना चाहिए.

तीस हजारी कोर्ट में पेंडिंग है केस: इस मामले में राज्य सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है, इसके लिए उन्होंने हाईकोर्ट से सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव, मुख्य सचिव, डीजीपी, ईओडब्ल्यू, एसीबी के डायरेक्टर और एसपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की. इस केस में कोर्ट की निगरानी के तहत सीबीआई जांच कराने की मांग की थी. इस मामले में आईएएस अनिल टुटेजा की तरफ से अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी ने पैरवी की. अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी ने कोर्ट को आवेदन दिया कि आयकर विभाग की कार्रवाई के संबंध में एक याचिका दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में पेंडिंग है.

यह भी पढ़ें: Bilaspur : स्मार्ट सिटी कंपनियों में निर्वाचित संस्थाओं के अधिकार हड़पने का आरोप,हाईकोर्ट में बहस पूरी

याचिका चलने योग्य नहीं: इससे पहले नागरिक आपूर्ति निगम (नान) मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल पर रोक लगाई है, अधिवक्ता सिद्दीकी ने अपने आवेदन के जरिए यह आग्रह किया कि यह जनहित याचिका चलने योग्य नहीं है. इस मामले में शासन की ओर से महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने भी पैरवी की. डबल बेंच ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद यह पाया कि याचिका चलने योग्य नहीं है और इसे खारिज कर दिया है.

बिलासपुर: भाजपा नेता नरेश चंद्र गुप्ता की याचिका हाईकोर्ट की डबल बेंच ने यह कहते हुए खारिज कर दी है कि, याचिका चलने योग्य नहीं है. चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस राकेश मोहन पांडेय ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला दिया है. भाजपा नेता नरेश चंद्र गुप्ता ने हाईकोर्ट में एक याचिका लगाई थी. याचिका में भाजपा नेता ने कहा था कि पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड, आईएएस अनिल टुटेजा, समीर विश्नोई और सौम्या चौरसिया के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने अपनी याचिका में तर्क दिया कि ईडी और आयकर विभाग ने जांच के बाद, राज्य सरकार को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध दर्ज कर कार्रवाई करना चाहिए.

तीस हजारी कोर्ट में पेंडिंग है केस: इस मामले में राज्य सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है, इसके लिए उन्होंने हाईकोर्ट से सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव, मुख्य सचिव, डीजीपी, ईओडब्ल्यू, एसीबी के डायरेक्टर और एसपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की. इस केस में कोर्ट की निगरानी के तहत सीबीआई जांच कराने की मांग की थी. इस मामले में आईएएस अनिल टुटेजा की तरफ से अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी ने पैरवी की. अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी ने कोर्ट को आवेदन दिया कि आयकर विभाग की कार्रवाई के संबंध में एक याचिका दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में पेंडिंग है.

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याचिका चलने योग्य नहीं: इससे पहले नागरिक आपूर्ति निगम (नान) मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल पर रोक लगाई है, अधिवक्ता सिद्दीकी ने अपने आवेदन के जरिए यह आग्रह किया कि यह जनहित याचिका चलने योग्य नहीं है. इस मामले में शासन की ओर से महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने भी पैरवी की. डबल बेंच ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद यह पाया कि याचिका चलने योग्य नहीं है और इसे खारिज कर दिया है.

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