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Bilaspur High Court : नक्सलियों को ढेर करने वाले प्रधान आरक्षक को नहीं मिला प्रमोशन, हाईकोर्ट ने दिए मामले में निर्देश

Bilaspur High Court कबीरधाम जिले के प्रधान आरक्षक को नक्सली ऑपरेशन के बाद भी आउट ऑफ टर्न प्रमोशन नहीं मिला था.जिसे लेकर आरक्षक ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया.जिसमें हाईकोर्ट ने सरकारी वकील को तथ्यों की जांच के बाद मामला सही पाए जाने पर प्रधान आरक्षक को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन देने के निर्देश दिए हैं.

Bilaspur High Court
प्रधान आरक्षक को नहीं मिला प्रमोशन
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 7, 2023, 11:03 PM IST

बिलासपुर : नक्सली ऑपरेशन में शामिल प्रधान आरक्षक को पुलिस विभाग ने आउट ऑफ टर्न प्रमोशन नहीं दिया. जिससे नाराज होकर प्रधान आरक्षक ओमप्रकाश पटेल ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई. जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने प्रधान आरक्षक को जांच के बाद आउट ऑफ टर्न प्रमोशन नियमों के तहत एएसआई के पद पर पदोन्नत करने का निर्देश सुनाया है.

कौन हैं याचिकाकर्ता : याचिकाकर्ता ओमप्रकाश पटेल कबीरधाम जिला में प्रधान आरक्षक के पद पर पदस्थ हैं .अपने सेवा काल के दौरान साल 2018 में ओमप्रकाश ने अपनी पुलिस टीम के साथ ग्राम-घूमाछापर कबीरधाम में एक नक्सली ऑपरेशन में अपनी जान जोखिम में डाली थी.इस दौरान ओमप्रकाश ने नक्सलियों को ढेर किया था.साथ ही भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद बरामद किया था.लेकिन इस ऑपरेशन के बाद प्रमोशन की उम्मीद लगाए ओमप्रकाश को तब झटका लगा.जब उन्हें आउट ऑफ टर्म प्रमोशन नहीं मिला.

वकीलों ने जस्टिस के सामने रखी याचिका : जिसके बाद ओमप्रकाश पटेल ने एडवोकेट अभिषेक पांडेय और घनश्याम शर्मा के माध्यम से हाईकोर्ट बिलासपुर के सामने रिट याचिका दायर की. याचिका में अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय और घनश्याम शर्मा ने जस्टिस एन के व्यास की बेंच में मामले की जानकारी दी. अधिवक्ता ने बताया कि छत्तीसगढ़ पुलिस रेगुलेशन 1861 के रेगुलेशन 70 में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन का प्रावधान है. जिसमें कोई पुलिस अधिकारी या कर्मचारी अपनी जान को जोखिम में डालकर किसी नक्सली ऑपरेशन में शामिल होकर वीरता और साहसपूर्ण कार्य करता है. तो उसे विभाग की तरफ से उच्च पद पर आउट ऑफ टर्न प्रमोशन मिलता है.

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हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला : इस मामले में रिट याचिका की सुनवाई के बाद शासकीय वकील को हाईकोर्ट ने निर्देश दिए हैं.जिसमें ये कहा गया कि तथ्य की सूक्ष्मता से जांच करें और यदि जांच के बाद ये पाया जाता है कि याचिकाकर्ता एएसआई पद पर प्रमोशन का पात्र है. तो उसे तत्काल सहायक उप निरीक्षक के पद पर प्रमोशन दिया जाए.

बिलासपुर : नक्सली ऑपरेशन में शामिल प्रधान आरक्षक को पुलिस विभाग ने आउट ऑफ टर्न प्रमोशन नहीं दिया. जिससे नाराज होकर प्रधान आरक्षक ओमप्रकाश पटेल ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई. जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने प्रधान आरक्षक को जांच के बाद आउट ऑफ टर्न प्रमोशन नियमों के तहत एएसआई के पद पर पदोन्नत करने का निर्देश सुनाया है.

कौन हैं याचिकाकर्ता : याचिकाकर्ता ओमप्रकाश पटेल कबीरधाम जिला में प्रधान आरक्षक के पद पर पदस्थ हैं .अपने सेवा काल के दौरान साल 2018 में ओमप्रकाश ने अपनी पुलिस टीम के साथ ग्राम-घूमाछापर कबीरधाम में एक नक्सली ऑपरेशन में अपनी जान जोखिम में डाली थी.इस दौरान ओमप्रकाश ने नक्सलियों को ढेर किया था.साथ ही भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद बरामद किया था.लेकिन इस ऑपरेशन के बाद प्रमोशन की उम्मीद लगाए ओमप्रकाश को तब झटका लगा.जब उन्हें आउट ऑफ टर्म प्रमोशन नहीं मिला.

वकीलों ने जस्टिस के सामने रखी याचिका : जिसके बाद ओमप्रकाश पटेल ने एडवोकेट अभिषेक पांडेय और घनश्याम शर्मा के माध्यम से हाईकोर्ट बिलासपुर के सामने रिट याचिका दायर की. याचिका में अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय और घनश्याम शर्मा ने जस्टिस एन के व्यास की बेंच में मामले की जानकारी दी. अधिवक्ता ने बताया कि छत्तीसगढ़ पुलिस रेगुलेशन 1861 के रेगुलेशन 70 में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन का प्रावधान है. जिसमें कोई पुलिस अधिकारी या कर्मचारी अपनी जान को जोखिम में डालकर किसी नक्सली ऑपरेशन में शामिल होकर वीरता और साहसपूर्ण कार्य करता है. तो उसे विभाग की तरफ से उच्च पद पर आउट ऑफ टर्न प्रमोशन मिलता है.

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हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला : इस मामले में रिट याचिका की सुनवाई के बाद शासकीय वकील को हाईकोर्ट ने निर्देश दिए हैं.जिसमें ये कहा गया कि तथ्य की सूक्ष्मता से जांच करें और यदि जांच के बाद ये पाया जाता है कि याचिकाकर्ता एएसआई पद पर प्रमोशन का पात्र है. तो उसे तत्काल सहायक उप निरीक्षक के पद पर प्रमोशन दिया जाए.

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