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बिलासपुर: HC का शासन को निर्देश, आरक्षक का एक पद सुरक्षित रखे - छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार को एचसी का निर्देश

बिलासपुर हाईकोर्ट ने शासन को आरक्षक का एक पद सुरक्षित रखने के निर्देश दिए

bilaspur high court directed to the government
शासन को बिलासपुर हाईकोर्ट का निर्देश
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Published : Jun 18, 2020, 4:06 PM IST

बिलासपुर: रिटर्न और फिजिकल एग्जाम में सफल होने के बाद भी आरक्षित पद पर चयन नहीं किए जाने के मामले पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने आरक्षक का एक पद सुरक्षित रखने के निर्देश शासन को जारी किया है.

बता दें कि राज्य सरकार ने प्रदेश स्तर पर आरक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था. जिसके बाद इस पद के लिए प्रार्थी ने भी अपना आवेदन जमा किया था. लिखित परीक्षा में सफल होने के बाद उसे फिजिकल एग्जाम में शामिल किया गया. लेकिन इस परीक्षा में भी सफल होने के बाद उसे मेडिकली अनफिट बताकर उसका चयन करने से इंकार कर दिया गया. जिसके खिलाफ प्रार्थी ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की. जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच ने मामले पर सुनवाई करते हुए आरक्षक का एक पद सुरक्षित करने का निर्देश जारी करते हुए शासन से जवाब तलब किया है.

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अवमानना मामले पर PWD के सचिव से जवाब तलब

वहीं दूसरी ओर हाईकोर्ट ने अवमानना के एक मामले में नोटिस जारी कर लोक निर्माण विभाग के सचिव से जवाब तलब किया है. लोक निर्माण विभाग में पदस्थ इंजीनियर परमेश्वर राय ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत की थी. अपनी याचिका में उन्होंने कहा था कि सीनियर होने के बावजूद उनके जूनियर को प्रमोट कर दिया गया. मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सचिव लोक निर्माण विभाग को 4 महीने के भीतर डीपीसी कराकर याचिकाकर्ता को प्रमोट करने का आदेश जारी किया था. हाईकोर्ट के आदेश पर डीपीसी तो कराई गई लेकिन निर्धारित अवधि के भीतर प्रमोट नहीं करने पर याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की है. हाई कोर्ट ने अवमानना मामले पर सुनवाई के बाद नोटिस जारी कर लोक निर्माण विभाग के सचिव से जवाब तलब किया है.

बिलासपुर: रिटर्न और फिजिकल एग्जाम में सफल होने के बाद भी आरक्षित पद पर चयन नहीं किए जाने के मामले पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने आरक्षक का एक पद सुरक्षित रखने के निर्देश शासन को जारी किया है.

बता दें कि राज्य सरकार ने प्रदेश स्तर पर आरक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था. जिसके बाद इस पद के लिए प्रार्थी ने भी अपना आवेदन जमा किया था. लिखित परीक्षा में सफल होने के बाद उसे फिजिकल एग्जाम में शामिल किया गया. लेकिन इस परीक्षा में भी सफल होने के बाद उसे मेडिकली अनफिट बताकर उसका चयन करने से इंकार कर दिया गया. जिसके खिलाफ प्रार्थी ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की. जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच ने मामले पर सुनवाई करते हुए आरक्षक का एक पद सुरक्षित करने का निर्देश जारी करते हुए शासन से जवाब तलब किया है.

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वहीं दूसरी ओर हाईकोर्ट ने अवमानना के एक मामले में नोटिस जारी कर लोक निर्माण विभाग के सचिव से जवाब तलब किया है. लोक निर्माण विभाग में पदस्थ इंजीनियर परमेश्वर राय ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत की थी. अपनी याचिका में उन्होंने कहा था कि सीनियर होने के बावजूद उनके जूनियर को प्रमोट कर दिया गया. मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सचिव लोक निर्माण विभाग को 4 महीने के भीतर डीपीसी कराकर याचिकाकर्ता को प्रमोट करने का आदेश जारी किया था. हाईकोर्ट के आदेश पर डीपीसी तो कराई गई लेकिन निर्धारित अवधि के भीतर प्रमोट नहीं करने पर याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की है. हाई कोर्ट ने अवमानना मामले पर सुनवाई के बाद नोटिस जारी कर लोक निर्माण विभाग के सचिव से जवाब तलब किया है.

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