बिलासपुर: भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय की ओर से बिलासपुर जिले को नदी नालों के उत्थान, जल संरक्षण और पर्यावरण के क्षेत्र में पिछले दो साल में किए गए कामों के लिए देश के सर्वश्रेष्ठ जिलों में पहला स्थान मिला है. बिलासपुर जिले में दो साल में 1146.90 किलोमीटर नदी नालों को संरक्षित किया गया है.
तत्कालीन कलेक्टर और वर्तमान संभागायुक्त डॉ. संजय अलंग और कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर के मार्गदर्शन में यह उपलब्धि हासिल हुई है. केन्द्र सरकार के जलशक्ति मंत्रालय द्वारा जल स्रोतों के संरक्षण और संवर्धन के लिए नेशनल वाटर अवॉर्ड दिया जाता है. इसमें बिलासपुर जिले को रिवाइवल ऑफ रिवर कैटेगरी में प्रथम स्थान मिला है. डॉ.अलंग ने कहा कि यह पुरस्कार हमारी कोशिशों का नतीजा है. इससे हमें आगे और अपनी गतिविधियों के विस्तार की प्रेरणा मिली है.
'संरक्षण का प्रयास आगे भी जारी रहेगा'
कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर ने कहा कि जिले में नदी नालों के संरक्षण का प्रयास आगे भी जारी रहेगा. पिछले दो साल में बिलासपुर जिले में जल संसाधन विभाग ने जिले की विभिन्न नदियों और नालों में 47 स्ट्रक्चर्स का निर्माण किया और 17.508 मिलियन घन मीटर जल भराव क्षमता का सृजन किया. 152 किलोमीटर लम्बाई तक नदियों और नालों में जलभराव के लिए काम किया गया.
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जिले में 49 लघु जलाशय योजनाएं निर्माणाधीन हैं, जिनसे 48.53 मिलियन घन मीटर जलभराव क्षमता होगी. केन्द्रीय जल आयोग की टीम ने जनवरी 2020 और जल शक्ति मंत्रालय की टीम ने मार्च 2020 में जिले का भ्रमण किया था. इन दोनों दलों की रिपोर्ट के आधार पर जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार ने रिवाइवल ऑफ रिवर कैटेगरी में बिलासपुर जिले को 'बेस्ट डिस्ट्रिक्ट नेशनल वाटर अवार्ड' के लिए चयनित किया है.