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Swabhiman Thali at Central University: बिलासपुर सेंट्रल यूनिवर्सिटी में 10 रुपए की थाली, छात्रों को मिल रहा हेल्दी फूड - राष्ट्रीय सेवा योजना से जुड़े स्वयंसेवकों

बिलासपुर गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी देश की पहली ऐसी यूनिवर्सिटी बन गई, जहां छात्रों को 10 रुपए में भर पेट जायकेदार खाना खिलाया जा रहा है. बिलासपुर सेंट्रल यूनिवर्सिटी कैंटीन में यह व्यवस्था शुरू की गई है. यहां रोजाना 300 छात्रों को खाना खिलाया जा रहा है. खास बात यह है कि यह खाना काफी हेल्दी है. Bilaspur Central University

Swabhiman Thali at Central University
बिलासपुर सेंट्रल यूनिवर्सिटी में 10 रुपए की थाली
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Published : Feb 8, 2023, 7:55 PM IST

बिलासपुर सेंट्रल यूनिवर्सिटी में 10 रुपए की थाली

बिलासपुर : गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी में 10 रुपए में छात्रों को खाना मिल रहा है. इसे स्वाभिमान थाली का नाम दिया गया है. गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर चक्रवाल ने बताया कि '' 10 रुपये में भोजन देने की नई पहल करने वाला गुरू घासीदास विश्वविद्यालय देश की पहली यूनिवर्सिटी है. 26 जनवरी 2023 को गणतंत्र दिवस पर स्वाभिमान थाली (जीएसटी) का शुभारंभ किया गया है. पहले हर दिन 200 थाली की व्यवस्था थी. अब 300 थाली प्रतिदिन छात्र छात्राओं को दी जा रही है. जीएसटी थाली में चावल, दाल, सब्जी, अचार, सलाद दे रहे हैं.''

स्वाद के साथ हेल्दी भोजन : सेंट्रल यूनिवर्सिटी की स्वाभिमान थाली खा रहे स्टूडेंट्स ने बताया कि ''यह खाना स्वादिष्ट होने के साथ ही हेल्दी भी है. रोजाना अलग अलग मेन्यू के हिसाब से खाना खिलाया जा रहा है. कभी दलिया तो कभी राजमा चावल और कभी छोले, पूरी, सलाद, अचार मिलता है. घर की तरह रोज नया भोजन मिलता है."


NSS के छात्रों ने शुरु की सेवा : इस योजना में विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना से जुड़े स्वयंसेवकों की अहम भूमिका है. यूनिवर्सिटी के लगभग ढाई हजार राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यकर्ता हैं. हर दिन कुछ संख्या में ग्रुप बनाकर इस कार्य में अपनी सेवा देते हैं. छात्रों के लिए खाने की व्यवस्था के लिए मात्र एक रसोइया है. बाकी का काम स्टूडेंट्स खुद ही करते हैं. खाना बनाने से लेकर खाना खिलाने और बर्तन तक साफ करने का काम करते हैं.

सेवकों ने इस कार्य की तारीफ की : राष्ट्रीय सेवा योजना के सदस्य रोजाना अपने लंच टाइम पर करने यहां आते हैं.और अपनी सेवा देते हैं. वह अलग-अलग ग्रुप में पहुंचते हैं. 10 से 12 की संख्या में एनएसएस के छात्र अपनी सेवा दे रहे हैं. एनएसएस के सदस्यों ने बताया कि ''यह एक पुनीत कार्य है. इस कार्य में सहयोग देना उनके लिए स्वाभिमान और गौरव की बात है. यही कारण है कि जिस दिन उनकी ड्यूटी रहती है वह पहले से ही यहां आ जाते हैं और अपनी सेवा शुरू कर देते हैं.''

ये भी पढ़ें- आखिरकार 11 साल बाद हुआ लव स्टोरी का ये अंजाम


दानदाताओं के सहयोग से संचालित है योजना : इस योजना को दानदाताओं की सहयोग राशि से संचालित किया जा रहा है. लगातार दानदाता यूनिवर्सिटी से संपर्क कर रहे हैं. यूनिवर्सिटी छात्र-छात्राओं के अलावा आम लोगों के लिए भी इस योजना को शुरू करना चाहती है.

बिलासपुर सेंट्रल यूनिवर्सिटी में 10 रुपए की थाली

बिलासपुर : गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी में 10 रुपए में छात्रों को खाना मिल रहा है. इसे स्वाभिमान थाली का नाम दिया गया है. गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर चक्रवाल ने बताया कि '' 10 रुपये में भोजन देने की नई पहल करने वाला गुरू घासीदास विश्वविद्यालय देश की पहली यूनिवर्सिटी है. 26 जनवरी 2023 को गणतंत्र दिवस पर स्वाभिमान थाली (जीएसटी) का शुभारंभ किया गया है. पहले हर दिन 200 थाली की व्यवस्था थी. अब 300 थाली प्रतिदिन छात्र छात्राओं को दी जा रही है. जीएसटी थाली में चावल, दाल, सब्जी, अचार, सलाद दे रहे हैं.''

स्वाद के साथ हेल्दी भोजन : सेंट्रल यूनिवर्सिटी की स्वाभिमान थाली खा रहे स्टूडेंट्स ने बताया कि ''यह खाना स्वादिष्ट होने के साथ ही हेल्दी भी है. रोजाना अलग अलग मेन्यू के हिसाब से खाना खिलाया जा रहा है. कभी दलिया तो कभी राजमा चावल और कभी छोले, पूरी, सलाद, अचार मिलता है. घर की तरह रोज नया भोजन मिलता है."


NSS के छात्रों ने शुरु की सेवा : इस योजना में विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना से जुड़े स्वयंसेवकों की अहम भूमिका है. यूनिवर्सिटी के लगभग ढाई हजार राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यकर्ता हैं. हर दिन कुछ संख्या में ग्रुप बनाकर इस कार्य में अपनी सेवा देते हैं. छात्रों के लिए खाने की व्यवस्था के लिए मात्र एक रसोइया है. बाकी का काम स्टूडेंट्स खुद ही करते हैं. खाना बनाने से लेकर खाना खिलाने और बर्तन तक साफ करने का काम करते हैं.

सेवकों ने इस कार्य की तारीफ की : राष्ट्रीय सेवा योजना के सदस्य रोजाना अपने लंच टाइम पर करने यहां आते हैं.और अपनी सेवा देते हैं. वह अलग-अलग ग्रुप में पहुंचते हैं. 10 से 12 की संख्या में एनएसएस के छात्र अपनी सेवा दे रहे हैं. एनएसएस के सदस्यों ने बताया कि ''यह एक पुनीत कार्य है. इस कार्य में सहयोग देना उनके लिए स्वाभिमान और गौरव की बात है. यही कारण है कि जिस दिन उनकी ड्यूटी रहती है वह पहले से ही यहां आ जाते हैं और अपनी सेवा शुरू कर देते हैं.''

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दानदाताओं के सहयोग से संचालित है योजना : इस योजना को दानदाताओं की सहयोग राशि से संचालित किया जा रहा है. लगातार दानदाता यूनिवर्सिटी से संपर्क कर रहे हैं. यूनिवर्सिटी छात्र-छात्राओं के अलावा आम लोगों के लिए भी इस योजना को शुरू करना चाहती है.

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