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Big negligence in Bilaspur regarding Corona: आरटीपीसीआर की पेंडेंसी बढ़ी लेकिन सिम्स मेडिकल कॉलेज में अटकी हजारों रिपोर्ट

Pendency of RT PCR increased in Bilaspur: बिलासपुर सिम्स मेडिकल कॉलेज में चार जिलों के कोरोना संक्रमण की जांच होती है. मामले इतने अधिक बढ़ गए हैं कि लगभग 4000 जांच पेंडिंग है. इस तरह की लापरवाही मरीजों की जान के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकती है.

Big negligence in Bilaspur regarding Corona
बिलासपुर में आरटीपीसीआर की पेंडेंसी बढ़ी
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Published : Jan 14, 2022, 10:21 PM IST

बिलासपुर: कोरोना के बढ़ते मामले और जांच के बीच RT PCR सैंपल की पेंडेंसी बढ़ती जा रही है. बिलासपुर में RTPCR जांच की पेंडेंसी 4 हजार के पार चली गई है. बिलासपुर सिम्स मेडिकल कॉलेज में चार जिलों के कोरोना संक्रमित मरीजों की जांच करायी जाती है. बिलासपुर, जीपीएम, मुंगेली, भाटापारा बलौदा बाजार जिले की आरटीपीएआर जांच सिम्स मेडिकल कॉलेज में की जाती है. मामला बढ़ने से जांच में दबाव भी बढ़ गया है. यही कारण है कि लगभग 4000 जांच पेंडिंग हो गई है. ऐसे में संक्रमितों को पता ही नहीं चल पा रहा है कि वो संक्रमित है या नहीं.

सिम्स मेडिकल कॉलेज में अटकी हजारो रिपोर्ट

4 हजार से अधिक मामले पेंडिग

राज्य सरकार ने पिछले साल से सिम्स मेडिकल कॉलेज में कोरोना की जांच के लिए वायरोलॉजी विभाग की शुरूआत की थी. संभाग के पहले वायरोलॉजी विभाग होने और कोरोना संक्रमण की जांच करने के लिए यहां पूर्ण व्यवस्था की गई है. बावजूद इसके यहां जांच की 4 हजार केस पेंडिंग हो गई है. जांच पेंडिंग होने से संक्रमितों को सही इलाज मिलने और सावधानी नहीं बरतने से संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ रहा है.

यह भी पढ़ेंः सरगुजा में कोरोना संक्रमित होने के बाद भी महिला डॉक्टर कर रही थी इलाज, हुई कार्रवाई

सिम्स मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने दी सफाई

इस मामले में सिम्स मेडिकल कॉलेज प्रबंधन अलग ही राग लाप रहा है.प्रबंधन का कहना है कि उनके पास आरटीपीसीआर की जांच के लिए 5 मशीनें हैं. सभी में काम किया जाता है. इसके अलावा प्रबंधन का कहना है कि जांच करने की संख्या बढ़ी है, इसलिए जांच में थोड़ी देरी हो रही है.

बिलासपुर: कोरोना के बढ़ते मामले और जांच के बीच RT PCR सैंपल की पेंडेंसी बढ़ती जा रही है. बिलासपुर में RTPCR जांच की पेंडेंसी 4 हजार के पार चली गई है. बिलासपुर सिम्स मेडिकल कॉलेज में चार जिलों के कोरोना संक्रमित मरीजों की जांच करायी जाती है. बिलासपुर, जीपीएम, मुंगेली, भाटापारा बलौदा बाजार जिले की आरटीपीएआर जांच सिम्स मेडिकल कॉलेज में की जाती है. मामला बढ़ने से जांच में दबाव भी बढ़ गया है. यही कारण है कि लगभग 4000 जांच पेंडिंग हो गई है. ऐसे में संक्रमितों को पता ही नहीं चल पा रहा है कि वो संक्रमित है या नहीं.

सिम्स मेडिकल कॉलेज में अटकी हजारो रिपोर्ट

4 हजार से अधिक मामले पेंडिग

राज्य सरकार ने पिछले साल से सिम्स मेडिकल कॉलेज में कोरोना की जांच के लिए वायरोलॉजी विभाग की शुरूआत की थी. संभाग के पहले वायरोलॉजी विभाग होने और कोरोना संक्रमण की जांच करने के लिए यहां पूर्ण व्यवस्था की गई है. बावजूद इसके यहां जांच की 4 हजार केस पेंडिंग हो गई है. जांच पेंडिंग होने से संक्रमितों को सही इलाज मिलने और सावधानी नहीं बरतने से संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ रहा है.

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सिम्स मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने दी सफाई

इस मामले में सिम्स मेडिकल कॉलेज प्रबंधन अलग ही राग लाप रहा है.प्रबंधन का कहना है कि उनके पास आरटीपीसीआर की जांच के लिए 5 मशीनें हैं. सभी में काम किया जाता है. इसके अलावा प्रबंधन का कहना है कि जांच करने की संख्या बढ़ी है, इसलिए जांच में थोड़ी देरी हो रही है.

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