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भानुप्रतापपुर उपचुनाव को लेकर विशेष सत्र की टाइमिंग पर विपक्ष के सवाल, सरकार का पलटवार - Politics on assembly session

assembly special session आरक्षण की मांग को लेकर आदिवासी समाज पहले से ही आंदोलनरत है. भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव में आदिवासी समाज के द्वारा अपना उम्मीदवार भी खड़ा किया गया है. भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए 5 दिसंबर को मतदान होना है. इसके पहले विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाया गया है. इस सत्र में आदिवासी आरक्षण के मुद्दे पर चर्चा होगी. Bhanupratappur byelection 2022

assembly special session
विधानसभा सत्र और भानुप्रतापपुर चुनाव को लेकर सियासत
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Published : Nov 19, 2022, 11:27 PM IST

रायपुर: Bhanupratappur byelection 2022 भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए 5 दिसंबर को मतदान होना है. इसके पहले विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाया गया है. इस सत्र में आदिवासी आरक्षण के मुद्दे पर चर्चा होगी. सरकार 32% आरक्षण को लेकर अध्यादेश भी ला सकती है. सत्र से पहले 24 नवंबर को कैबिनेट की बैठक भी रखी गई है. जिसमें आरक्षण के मुद्दे सहित अन्य विषयों पर चर्चा की जाएगी. इतना ही नहीं 1 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में आरक्षण को लेकर मामले की सुनवाई भी है. इसलिए 1 और 2 दिसंबर को होने वाला विधानसभा का विशेष सत्र आसान नहीं होगा. assembly special session

विधानसभा सत्र और भानुप्रतापपुर चुनाव को लेकर सियासत


आरक्षण की मांग को लेकर आदिवासी समाज आंदोलनरत: आरक्षण की मांग को लेकर आदिवासी समाज पहले से ही आंदोलनरत है. इतना ही नहीं भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव में आदिवासी समाज के द्वारा अपना उम्मीदवार भी खड़ा किया गया है. जो दोनों राजनीतिक दलों से आदिवासी समाज की नाराजगी को दर्शाता है. वहीं भाजपा के द्वारा भी आरक्षण मामले को लेकर जगह जगह प्रदर्शन किए जा रहे हैं. ऐसे में सभी की निगाहें 1 दिसंबर पर टिकी हुई है. जहां एक और आदिवासी समाज को इस दिन भूपेश सरकार से बड़ी सौगात मिलने की उम्मीद है. वहीं दूसरी ओर विपक्ष में बैठी भाजपा भी विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान सरकार को घेरने की अपनी रणनीति तैयार कर रही है. यदि विधानसभा में आदिवासी आरक्षण के मुद्दे को लेकर वाद विवाद होता है या फिर की परिस्थिति ऊपर नीचे होती है. तो उसका सीधा असर भानूप्रतापपुर उपचुनाव में देखने को मिल सकता है.

यह भी पढ़ें: bilaspur latest news बिलासपुर में एक महिला और एक पुरुष की लाश मिलने से सनसनी


भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक का हमला: भाजपा विधायक एवं पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि" विधानसभा विशेष सत्र को भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव को देखते हुए रखा गया है. कौशिक ने तो इस सत्र को ही औचित्यहीन बता दिया है. उन्होंने कहा कि जब प्रदेश में 4 साल से आपकी सरकार थी तो आपने इस ओर ध्यान क्यों नहीं दिया. देश के कई ऐसे राज्य हैं जहां 50% से ज्यादा आरक्षण का लाभ दिया जाता है तब. आपने इसके लिए प्रयास क्यों नहीं किया".


कृषि मंत्री रविंद्र चौबे का पलटवार: कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने धरमलाल कौशिक पर पलटवार किया. उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि "आदिवासियों को 32% आरक्षण देने के लिए कांग्रेस सरकार प्रतिबद्ध है. इसके लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है. जिसमें उन तमाम बातों पर चर्चा होगी जो आरक्षण को लेकर पूर्ववर्ती सरकार सहित वर्तमान सरकारों ने रखा है. इससे पहले कैबिनेट की बैठक भी बुलाई गई है. जिसमें विधानसभा विशेष सत्र को लेकर चर्चा की जाएगी. इसके अलावा अन्य मुद्दे भी उसमें शामिल होंगे. इतना ही नहीं आगामी 1 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में भी आरक्षण के मामले को लेकर सुनवाई रखी गई है".


आदिवासी समाज 32% आरक्षण को लेकर अड़ा: इस बीच सर्व आदिवासी समाज प्रदेश में 32% आरक्षण को लेकर अड़ा हुआ है. उनका कहना है कि आदिवासियों के आरक्षण में की गई कटौती के लिए वर्तमान सहित पूर्वर्ती दोनों ही सरकारें जिम्मेदार हैं. आदिवासी समाज में साफ कर दिया है कि जब तक उन्हें 32% आरक्षण नही दिया जाएगा. तब तक वे शांत नहीं रहेंगे.


मनोज मंडावी थे इस सीट से विधायक: भानुप्रतापपुर से कांग्रेस विधायक मनोज कुमार मंडावी का 16 अक्टूबर की सुबह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था. जिसके बाद इस सीट को रिक्त घोषित कर दिया गया. निर्वाचन आयोग ने चुनाव की अधिसूचना 10 नवम्बर को जारी की. नामांकन की अंतिम तिथि 17 नवम्बर है. जिसके बाद 5 दिसंबर को मतदान होगा. 8 दिसंबर को मतगणना होगी और परिणाम घोषित किया जाएगा. कांग्रेस ने यहां से मनोज मंडावी की पत्नी सावित्री मंडावी को टिकट दिया है. वहीं दूसरी ओर भाजपा ने ब्रह्मानंद नेताम को अपना उम्मीदवार बनाया है. दोनों ने नामांकन दाखिल कर दिया है.

रायपुर: Bhanupratappur byelection 2022 भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए 5 दिसंबर को मतदान होना है. इसके पहले विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाया गया है. इस सत्र में आदिवासी आरक्षण के मुद्दे पर चर्चा होगी. सरकार 32% आरक्षण को लेकर अध्यादेश भी ला सकती है. सत्र से पहले 24 नवंबर को कैबिनेट की बैठक भी रखी गई है. जिसमें आरक्षण के मुद्दे सहित अन्य विषयों पर चर्चा की जाएगी. इतना ही नहीं 1 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में आरक्षण को लेकर मामले की सुनवाई भी है. इसलिए 1 और 2 दिसंबर को होने वाला विधानसभा का विशेष सत्र आसान नहीं होगा. assembly special session

विधानसभा सत्र और भानुप्रतापपुर चुनाव को लेकर सियासत


आरक्षण की मांग को लेकर आदिवासी समाज आंदोलनरत: आरक्षण की मांग को लेकर आदिवासी समाज पहले से ही आंदोलनरत है. इतना ही नहीं भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव में आदिवासी समाज के द्वारा अपना उम्मीदवार भी खड़ा किया गया है. जो दोनों राजनीतिक दलों से आदिवासी समाज की नाराजगी को दर्शाता है. वहीं भाजपा के द्वारा भी आरक्षण मामले को लेकर जगह जगह प्रदर्शन किए जा रहे हैं. ऐसे में सभी की निगाहें 1 दिसंबर पर टिकी हुई है. जहां एक और आदिवासी समाज को इस दिन भूपेश सरकार से बड़ी सौगात मिलने की उम्मीद है. वहीं दूसरी ओर विपक्ष में बैठी भाजपा भी विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान सरकार को घेरने की अपनी रणनीति तैयार कर रही है. यदि विधानसभा में आदिवासी आरक्षण के मुद्दे को लेकर वाद विवाद होता है या फिर की परिस्थिति ऊपर नीचे होती है. तो उसका सीधा असर भानूप्रतापपुर उपचुनाव में देखने को मिल सकता है.

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भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक का हमला: भाजपा विधायक एवं पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि" विधानसभा विशेष सत्र को भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव को देखते हुए रखा गया है. कौशिक ने तो इस सत्र को ही औचित्यहीन बता दिया है. उन्होंने कहा कि जब प्रदेश में 4 साल से आपकी सरकार थी तो आपने इस ओर ध्यान क्यों नहीं दिया. देश के कई ऐसे राज्य हैं जहां 50% से ज्यादा आरक्षण का लाभ दिया जाता है तब. आपने इसके लिए प्रयास क्यों नहीं किया".


कृषि मंत्री रविंद्र चौबे का पलटवार: कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने धरमलाल कौशिक पर पलटवार किया. उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि "आदिवासियों को 32% आरक्षण देने के लिए कांग्रेस सरकार प्रतिबद्ध है. इसके लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है. जिसमें उन तमाम बातों पर चर्चा होगी जो आरक्षण को लेकर पूर्ववर्ती सरकार सहित वर्तमान सरकारों ने रखा है. इससे पहले कैबिनेट की बैठक भी बुलाई गई है. जिसमें विधानसभा विशेष सत्र को लेकर चर्चा की जाएगी. इसके अलावा अन्य मुद्दे भी उसमें शामिल होंगे. इतना ही नहीं आगामी 1 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में भी आरक्षण के मामले को लेकर सुनवाई रखी गई है".


आदिवासी समाज 32% आरक्षण को लेकर अड़ा: इस बीच सर्व आदिवासी समाज प्रदेश में 32% आरक्षण को लेकर अड़ा हुआ है. उनका कहना है कि आदिवासियों के आरक्षण में की गई कटौती के लिए वर्तमान सहित पूर्वर्ती दोनों ही सरकारें जिम्मेदार हैं. आदिवासी समाज में साफ कर दिया है कि जब तक उन्हें 32% आरक्षण नही दिया जाएगा. तब तक वे शांत नहीं रहेंगे.


मनोज मंडावी थे इस सीट से विधायक: भानुप्रतापपुर से कांग्रेस विधायक मनोज कुमार मंडावी का 16 अक्टूबर की सुबह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था. जिसके बाद इस सीट को रिक्त घोषित कर दिया गया. निर्वाचन आयोग ने चुनाव की अधिसूचना 10 नवम्बर को जारी की. नामांकन की अंतिम तिथि 17 नवम्बर है. जिसके बाद 5 दिसंबर को मतदान होगा. 8 दिसंबर को मतगणना होगी और परिणाम घोषित किया जाएगा. कांग्रेस ने यहां से मनोज मंडावी की पत्नी सावित्री मंडावी को टिकट दिया है. वहीं दूसरी ओर भाजपा ने ब्रह्मानंद नेताम को अपना उम्मीदवार बनाया है. दोनों ने नामांकन दाखिल कर दिया है.

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