बिलासपुर : प्रसव के दौरान बच्चे की स्थिति काफी गंभीर हो गई. जिसे सिम्स मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है. स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने का दंभ भरने वाला स्वास्थ्य विभाग और राज्य सरकार अभी अन्य प्रदेशों के मुकाबले काफी पीछे चल रहा है.यही कारण है कि समय पर एंबुलेंस नहीं आने की वजह से कितने लोगों की जान चली जाती है. इसके बाद मामले में लीपापोती शुरु होती है.
कहां नहीं पहुंची महतारी एक्सप्रेस : बिलासपुर जिले से लगे मुंगेली जिले के ग्राम लोरमी में रहने वाली 24 वर्षीय अंचल बाई 9 माह से गर्भवती थी. 2 दिन पहले प्रसव पीड़ा होने पर स्थानीय डॉक्टर ने उसे अस्पताल जाने की सलाह दी. रविवार को महिला को अचानक प्रसव पीड़ा होने लगी . सुबह 4 बजे महिला के परिजनों ने महतारी एक्सप्रेस को 102 नंबर पर कॉल किया. तब महतारी एक्सप्रेस संचालन करने वाली कंपनी के ऑपरेटर ने महतारी एक्सप्रेस कुछ ही देर में पहुंचने की बात कही.लेकिन इंतजार करते एक घंटा गुजर गया और महतारी एक्सप्रेस नहीं पहुंची.
महिला के परिवार ने लिया खतरनाक फैसला : महिला की प्रसव पीड़ा लगातार बढ़ता जा रही थी, जिससे ग्रामीणों में चिंता बढ़ने लगी और तब ग्रामीण महिलाओं ने मिलकर महिला की घर में ही दाई बुलाकर किसी तरह डिलीवरी कराई. डिलीवरी के आधे घंटे बाद महतारी एक्सप्रेस महिला को अस्पताल ले जाने गांव पहुंची. काफी देर होने की वजह से ग्रामीणों में महतारी एक्सप्रेस को लेकर गुस्सा था. लेकिन इस दौरान बच्चे की हालत काफी नाजुक हो गई. इस बात का ध्यान रखते हुए ग्रामीणों ने महतारी एक्सप्रेस के माध्यम से बच्चे और उसकी मां को बिलासपुर के सिम्स अस्पताल में भर्ती करवाया. अस्पताल में बच्चे का इलाज अभी जारी है.
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लोगों का आरोप, समय पर नहीं पहुंचती संजीवनी : प्रदेश में संजीवनी एक्सप्रेस, महतारी एक्सप्रेस और अन्य माध्यम से एंबुलेंस सुविधा शुरू की गई है, लेकिन समय पर एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिलने की वजह से मरीजों को हलकान होना पड़ता है. कई बार सड़क पर दुर्घटना होने के बाद संजीवनी एक्सप्रेस को फोन लगाने के बाद भी समय पर नहीं पहुंचने की वजह से दुर्घटनाग्रस्त इंसान की जान चली जाती है. इस सुविधा में सबसे बड़ी खामी यह नजर आती है कि फोन उठाने वाला ऑपरेटर 10 से 15 मिनट तक एक-एक चीज की डिटेल लेता है. यही कारण होता है एंबुलेंस के लेट पहुंचने की वजह से लोगों की जान जा रही है.