बिलासपुर: अगर मन में दृढ़ इच्छाशक्ति हो, तो किसी भी बीमारी को मात देने में सहायता मिलती है. दवाईयों के साथ-साथ बीमारी को हराने का आत्मविश्वास होना भी जरूरी है. कोरोना महामारी भी ऐसी ही बीमारी है. नकारात्मकता के बीच बिलासपुर से एक सकारात्मक खबर आई है. यहां 100 साल के बुजुर्ग आनंद राम ने कोरोना को मात दी है.
89 पर पहुंच गया था ऑक्सीजन लेवल
चकरभाटा के रहने वाले बुजुर्ग आनंद राम कोरोना वायरस से पीड़ित हो गए थे. इनका ऑक्सीजन लेवल 89 तक गिर गया था. बुखार और हाथ-पैर में दर्द होने पर उनका कोरोना टेस्ट किया गया, जो पॉजिटिव आया. उन्हें 4 मई को बिल्हा के कोविड-19 अस्पताल में भर्ती कराया गया था. यहां 5 दिन तक डॉक्टर और नर्सों ने इनका इलाज किया. इसके बाद उनका ऑक्सीजन लेवल 96 पर आ गया. क्षेत्रवासी इसे डॉक्टर और नर्स का समर्पण मान रहे हैं कि इस उम्र में भी बुजुर्ग ठीक हो गए. हालांकि उन्हें काफी कमजोरी हो गई है. फिर भी हालत स्थिर है और पहले से बेहतर है.
सकारात्मक खबर: 80 साल की बुजुर्ग महिला ने जीती कोरोना से जंग
5 दिन के इलाज के बाद उनका ऑक्सीजन लेवल 96 पर आ गया. आनंद राम कहते हैं कि कोविड सेंटर में सभी लोग उनका पूरा ध्यान रखते थे. खाना-पीना तो नर्स ही खिलाया करती थीं. उन्होंने कहा कि देखभाल के कारण ही वे जल्दी स्वस्थ हो गए, वरना इस उम्र में कोरोना से बच पाना संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि सभी लोगों के द्वारा की गई सेवा के कारण आज वे ठीक हो पाए हैं. आनंद स्टाफ के सभी लोगों को आशीर्वाद देते नहीं थक रहे हैं.
परिजनों ने तत्काल दिलाया इलाज
चकरभाटा के आनंद राम को परिजनों ने उसी वक्त की भर्ती करा दिया, जब उन्हें पता लगा कि उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई है. 3 मई को उनके परिजनों को इस बात का पता लग गया था और 4 मई को उन्होंने बुजुर्ग को बिल्हा कोविड सेंटर में भर्ती करा दिया.
सरगुजा में भी 80 साल की बुजुर्ग ने जीती कोरोना से जंग
वहीं सरगुजा में भी 80 साल की बुजुर्ग महिला ने कोरोना से जंग जीत ली है. बिगड़े हालातों के बीच एक 80 साल की बुजुर्ग ने कोरोना को मात देकर साबित कर दिया है कि कोशिशों और उम्मीद के आगे कुछ भी असंभव नहीं है.
गंभीर हालत में अस्पताल पहुंची थीं बुजुर्ग
बतौली खंड चिकित्सा अधिकारी संतोष सिंह ने बताया कि 80 वर्षीय फूलबसिया बाई को 15 मई को बतौली कोविड केयर सेंटर लाया गया था, तब उनकी हालत नाजुक थी. सीटी स्कोर 18/25 था, 24 घंटे ऑक्सीजन पर रखना पड़ रहा था. अन्य दवाईयों के साथ इन्हें रेमडेसिविर भी दिया गया. एडमिट किए जाने के सातवें दिन इनकी हालत में सुधार हुआ. शुक्रवार को इन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया है.