गौरेला पेंड्रा मरवाही : जिले की गौरेला पुलिस को नागमणि का लालच देकर ठगी करने वाले केस में बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. पहले टॉवर लगाने और उसके बाद नागमणि का लालच देकर रिटायर्ड शिक्षक से 15 लाख रुपये की ठगी की गई थी. इस मामले में मुख्य आरोपी सहित 4 आरोपी अब भी फरार हैं. पुलिस ने पकड़े गए आरोपी से 3 लाख 15000 रुपए जब्त किया है.
पुलिस ने आरोपी को कैसे पकड़ा : रिटायर्ड शिक्षक ने ठगे जाने की शिकायत पुलिस से की. पुलिस ने मुखबिर और साइबर सेल की मदद ली और कोरिया जिले के ठग गिरोह तक पहुंचने में कामयाबी हासिल की. पुलिस टीम ने कोरिया जिले में संजय कुमार के घर में दबिश दी. संजय कुमार से पूछताछ की गई तो उसने सभी आरोपियों के नाम का खुलासा किया. हालांकि संजय की गिरफ्तारी की भनक लगते ही बाकि लोग अपने अपने घर से फरार हो गए.
पुलिस को संजय कुमार के पास से तीन लाख पंद्रह हजार रुपए मिले हैं. मुख्य आरोपी विजय सूर्यवंशी,अकलेश कुमार कोटेदार, विनोद कुमार सूर्यवंशी और भोले कुमार भास्कर (सूर्यवंशी) की पतासाजी की जा रही है. पुलिस जल्द ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने का दावा कर रही है.
कैसे हुई थी ठगी : दरअसल दोनों युवकों ने रिटायर्ड शिक्षक से उनकी खाली पड़ी जमीन पर टॉवर लगाने के एवज में एग्रीमेंट के समय 1 लाख और हर माह टॉवर का किराया 11 हजार रुपए देने का झांसा दिया. शिक्षक ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई. इस बीच दोनों युवकों से एक तीसरा शख्स मिला. इस तीसरे शख्स ने खुद के पास नागमणि होने का दावा किया और 30 लाख में बेचने की बात कही. उस शख्स को लेकर दोनों युवक रिटायर्ड शिक्षक के पास पहुंचे. इस तरह उन्होंने शिक्षक को नागमणि की फोटो दिखाकर झांसे में लिया. रिटायर्ड शिक्षक हरिशंकर को विश्वास में लेने के लिए ठगों ने नागमणि की तस्वीर एक पंडित को भेजी. पंडित ने इसकी कीमत एक करोड़ रुपए बताई.
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झांसे में आ गया शिक्षक : नागमणि की पुष्टि होने के बाद शिक्षक को तीनों लोग अमरकंटक के जलेश्वर मंदिर ले गए. शिक्षक ने तीनों को एडवांस में 15 लाख रुपए भी दिए. तीनों ने मंदिर पहुंचने पर एक डिब्बी में नागमणि होने की बात कही और पैसे ले लिए. फिर उस डिब्बी को एक बैग में रखकर शिक्षक को दे दिया. इस दौरान उन्होंने बैग नहीं खोलने की हिदायत दी. उस दिन के बाद से तीनों के मोबाइल बंद आने लगे. बाद में शिक्षक ने जब बैग खोलकर देखा तो उसमें रखी डिब्बी में सिर्फ रुई थी. ठगे जाने पर पीड़ित ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी.