बिलासपुर: झीरम घाटी नक्सली हमले में मंगलवार को एनआईए की ओर से बहस पूरी हो गई है. बुधवार को राज्य सरकार और जितेंद्र मुदलियार के वकील अपना पक्ष अदालत के सामने रखेंगे. झीरम घाटी घटना में दूसरी एफआईआर को चुनौती देने वाली एनआईए की अपील पर अंतिम सुनवाई शुरू हो चुकी है. एनआईए की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल विक्रमजीत बनर्जी बहस कर रहे हैं. बुधवार को राज्य शासन और शिकायतकर्ता की ओर से बहस की जाएगी.
एनआईए ने झीरम घाटी हमले पर बस्तर पुलिस द्वारा की गई दूसरी एफआईआर पर रोक लगाने और उस पर जांच के लिये एनआईए को ही दिये जाने का अनुरोध किया है. इस संबंध में पूर्व में एनआईए के द्वारा एनआईए कोर्ट जगदलपुर में आवेदन प्रस्तुत किया गया था. इसे एनआईए कोर्ट ने राज्य शासन की आपत्ति के बाद खारिज कर दिया था. उसी फैसले के खिलाफ एनआईए ने हाईकोर्ट में अपील की है
उदय मुदलियार के बेटे जितेंद्र मुदलियार ने बस्तर में केस दर्ज कराया था
झीरम कांड में दिवंगत कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक उदय मुदलियार के बेटे जितेंद्र मुदलियार ने जून 2020 में दरभा थाने में FIR दर्ज कराई थी. उनकी रिपोर्ट पर पुलिस ने धारा 302 और 120 के तहत आपराधिक प्रकरण दर्ज किया था. जितेंद्र ने FIR में कहा था कि NIA ने इस घटना में राजनीतिक षड्यंत्र की जांच ही नहीं की है. इसलिए इसकी जांच राज्य सरकार की ऐजेंसी से कराने की मांग उन्होंने की थी.
8 साल पहले हुआ था झीरम नक्सली हमला
25 मई 2013 को विधानसभा चुनाव से ठीक पहले झीरम घाटी में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर नक्सलियों ने हमला कर दिया था. इस हमले में 25 से ज्यादा कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता मारे गए थे.