बिलासपुर: सोमवार को शहर के नेहरू चौक पर सैकड़ों की संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पहुंचे. protest of Anganwadi workers and assistants उन्होंने रैली के रूप में कलेक्ट्रेट पहुंचकर सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा है. Memorandum submitted to Bilaspur collector इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रदेश के मुखिया के खिलाफ नारेबाजी करते रहे. Bilaspur news उन्होंने चुनाव से पहले किए गए वादों को पूरा करने की मांग की है.
23 से 27 जनवरी तक करेंगे हड़ताल: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं ने अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मार्चा खोल दिया है. छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ जिलाध्यक्ष भारती मिश्रा का कहना है कि "हमारी 6 सूत्रीय मांग है, जिसको लेकर हम राजधानी में महापड़ाव करने वाले हैं. 23 से 27 जनवरी तक पांच दिनों की हड़ताल तक मांगें पूरी नहीं होती है तो सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका 28 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे."
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भूपेश सरकार पर अनदेखी का लगाया आरोप: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका जुझारू संघ परियोजना की जिलाध्यक्ष मंजू मेश्राम का कहना है कि "भूपेश सरकार के 4 साल पूरे हो गए हैं. हमारी मांगों को भूपेश सरकार अनसुना कर रही है. अब केवल एक साल ही बचा है. हम चाहते हैं, जो उन्हेंने वादा किया है, वो पूरा करें. हमें काम के दौरान मोबाइल डाटा से लेकर अन्य कोई सुविधाएं नहीं मिल पाती है."
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की प्रमुख मांगें:
- आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को शासकीय कर्मचारी घोषित किया जाए. शासकीय कर्मचारी घोषित किये जाने तक सरकार द्वारा अपने जन घोषणा पत्र में घोषित नर्सरी शिक्षक पर उन्नयन और कलेक्टर दर पर वेतन तत्काल दिया जाये.
- आंगनबाड़ी सहायिकाओं को कार्यकर्ता के रिक्त पद पर शत प्रतिशत और कार्यकर्ताओं को सुपरवाइजर पद पर शत प्रतिशत पदोन्नति दिया जाये. विभागीय सेवा भर्ती नियम में संशोधन किया जाये.
- आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्राइमरी स्कूलों में प्रायमरी शिक्षक का दर्जा और वेतन दिया जाये.
- मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के बराबर समान काम का समान वेतन दिया जाये और क्रेश कार्यकर्ताओं को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पद पर समाहित किया जाये.
- आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 5 लाख रुपये और सहायिकाओं को 3 लाख रुपये रिटायरमेंट के बाद एक मुश्त राशि दिया जाये और मासिक पेंशन, ग्रेच्युटी और समूह बीमा योजना लागू किया जाये.
- प्रदेश स्तर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के रिक्त पदों को तत्काल भरा जाये. पोषण ट्रेक और अन्य कार्य के लिये जब तक मोबाइल का नेट चार्ज नहीं दिया जाता, तब तक मोबाईल पर काम करने का दबाव न दिया जाए.